देवास। जिले के ग्राम बरोठा तहसील के ग्राम भानगढ़ में विवाहिता ने घर पर फांसी लगाकर आत्महत्या कर जीवन लीला समाप्त कर ली। बताया गया है कि मृतिका के पति व ससुराल वाले उसे प्रताडि़त करते थे, जिसके चलते उसने ऐसा कदम उठाया है। मृतिका का एक दो वर्ष का बेटा भी है। बुधवार को महिला का पोस्टमार्टम कर शव परिजनों को सौंप दिया गया था। मामले को लेकर कोतवाली थाना पुलिस ने शून्य पर मर्ग कायम कर प्रकरण को बरोठा थाने पर भेज दिया है, प्रकरण में आगे की जांच बरोठा पुलिस करेगी।
जानकारी के अनुसार शिवानी पति बलराम राजपूत उम्र 25 निवासी भानगढ़ ने मंगलवार शाम को अपने घर पर अज्ञात कारणों के चलते फांसी लगा ली थी। परिजन उसे देवास के निजी अस्पताल लेकर पहुंचे थे जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया था। रात को परिजन शव जिला अस्पताल लेकर पहुंचे थे। बुधवार को मृतिका का पोस्टमार्टम डॉक्टरों की पैनल द्वारा किया गया उसके बाद शव परिजनों को सौंप दिया गया। परिजनों ने बताया कि मंगलवार शाम को मृतिका ने घर में अंदर से दरवाजा लगा लिया था। देर शाम को दरवाजा खोलने के लिए आवाज लगाई लेकिन अंदर से कोई जवाब नहीं आया दरवाजा तोडक़र अंदर गए तो शिवानी फांसी पर झूलती हुई दिखाई दी। जिसके बाद परिजन उसे देवास के निजी अस्पताल लेकर आए जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। जिसके बाद देर रात को परिजन जिला चिकित्सालय लाए जहां बुधवार को डॉक्टरों ने पैनल के माध्यम से पोस्टमार्टम कर शव परिजनों को सौंप दिया। फिलहाल मामले को लेकर कोतवाली थाना पुलिस ने शून्य पर मर्ग कायम कर प्रकरण को बरोठा थाने पर भेजा है।
पुत्र होने के बाद दीदी को प्रताडि़त करते थे
मृतिका के भाई अजय सिंह पंवार ने बताया कि उन्होनें बताया कि मेरी दीदी शिवानी की शादी तीन वर्ष पूर्व बरोठा के समीप भानगढ़ में बलराम राजपूत के साथ हुई थी। शादी के बाद सबकुछ ठीक था, पुत्र होने के बाद दीदी को ससुराल पक्ष के लोग प्रताडि़त करने लगे। छोटी-छोटी बात पर दीदी को परेशान किया जाता था। मेरी बहन कक्षा आठवीं तक ही पढ़ी थी। ससुराल वाले आए दिन प्रताडऩाएं देते थे। हम लोग जब भी फोन लगाते तो वह कुछ बोलती नहीं थी। उसने बताया कि मंगलवार सुबह करीब 11 बजे पिताजी के पास दीदी का फोन आया था कि उसे दिक्कत आ रही है, जिस पर पिता ने कहा कि मैं या भैय्या लेने आ जाते हैं, दीदी ने मना कर दिया लेने मत आओ मैं यहां ठीक हूं। आप लोग यहां आओगे तो मुझे परेशान होना पड़ेगा। आपको भी घर वाले चिल्लाएंगे, और हमको मना कर दिया। फिर शाम को करीब 6.30 बजे के दरमियान मेरे पिता के पास फोन आया था कि शिवानी ने फांसी लगा ली है। उसके बाद शाम 7.30 बजे मैं पापा को लेकर जिला अस्पताल लेकर आ गया।