देवास। गत 18 जनवरी को रुपयों के लेनदेन को लेकर एक युवक की जघन्य हत्या आरोपियों ने कर दी थी। हत्या के बाद आरोपी फरार हो गए थे। पिछले दिनों 27 जनवरी को पुलिस ने प्रकरण में 5 आरोपियों को गिरफ्तार किया था। प्रकरण का मुख्य आरोपी फरार था, पुलिस अधीक्षक ने आरोपी पर 10 हजार रुपयों का ईनाम भी घोषित किया था। लेकिन आरोपी पुलिस गिरफ्त में नहीं आया, आज प्रकरण का मुख्य आरोपी व उसका साथी न्यायालय में खुद ही पेश हो गए। इस बात की सूचना कोतवाली थाना पुलिस को मिली तो वह भी न्यायालय पहुंची। प्रकरण का मुख्य आरोपी पुलिस की पकड़ में नहीं आया इससे पुलिस की साख भी दंाव पर लग गई।
गत माह 18 जनवरी को रुपयों के लेनदेन को लेकर कुम्हार गली में आनंद उर्फ छोटू पिता दिनेश कहार उम्र 30 वर्ष की जघन्य हत्या हो गई थी। इस प्रकरण में पुलिस ने अब तक 6 आरोपियों को गिरफ्तार किया था जिसमें जिसमें सोनू पिता जगदीश रायकवार उम्र 38 वर्ष निवासी भेरुगढ़, महेंद्र पिता अमरजीत सिंह उम्र 40 वर्ष निवासी गायत्री नगर, दीपक पिता वि_ल काले उम्र 38 वर्ष निवासी अमृत नगर, सुनील पिता गोर्वधन लाल सोलंकी उम्र 50 वर्ष निवासी शिमला कॉलोनी स्टेशन रोड़, राजकपूर पिता समंदर उम्र 47 वर्ष निवासी जेतपुरा देवास व संजय कहार को गिरफ्तार किया था। प्रकरण के दो आरोपी रुपेश कहार व विक्की ठाकुर फरार थे। पुलिस अधीक्षक ने आरोपियों पर ईनाम भी घोषित किया था किंतु आरोपी पुलिस गिरफ्त में नहीं आए, लेकिन आज सुबह रुपेश कहार और विकास उर्फ विक्की चौहान ने खुद मुख्य न्यायायिक दंडाधिकारी डॉ. रविकांत सोलंकी की कोर्ट में सिरेंडर कर दिया। जबकि कोतवाली पुलिस को इस बात की सूचना ही नहीं थी, सूचना मिलने पर पुलिस न्यायालय पहुंची जहां पुलिस ने दोनों आरोपियों को न्यायालय से गिरफ्तार कर 5 दिनों का रिमांड मांगा है।

प्रकरण के दोनों आरोपी रुपेश कहार और विकास उर्फ विक्की चौहान हत्या के बाद लगातार पुलिस गिरफ्त से दूर बने रहे पुलिस ने आरोपियों को पकडऩे के लिए ईनाम भी घोषित किया किंतु आरोपियों ने खुद को न्यायालय में पेश कर दिया। इससे पुलिस की साख बिगड़ गई।
पुलिस राजनीतिक द्वेषतावश काम कर रही
आरोपितों के अभिभाषक दीपक रावल ने बताया कि देवास पुलिस ने दो लोगों के खिलाफ नामजद अपराध दर्ज कर लिया था एक अन्य आरोपी बताया था। उसमें आज हमने रुपेश कहार और विकास उर्फ विक्की चौहान को न्यायालय में समर्पित किया है। न्यायालय में न्यायिक अभिरक्षण में लेने के लिए आवेदन दिया था। प्रकरण में पुलिस ने प्रतिवेदन प्रस्तुत किया था, जिसमें उन्होनें रुपेश कहार और विकास उर्फ विक्की चौहान को फरार बताया था। लेकिन सीआपीसी की 82 की कार्रवाई होती है जिसमें फरार घोषित किया जाता है। पुलिस ने रिमांड 18 फरवरी तक मांगा था। न्यायालय ने परिस्थितियों को देखते हुए 17 फरवरी तक रिमांड दिया है। 17 फरवरी को शाम 4 बजे पुन: न्यायालय में पेश किया जाएगा। न्यायालय ने पुलिस को सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइन के तहत आरोपियों को अभिरक्षा में रखने व साक्ष्य के संबंधित निर्देश दिए है। हमें अंदेशा है कि पुलिस रुपेश कहार व विक्की ठाकुर के साथ अमानवीय व्यवहार कर सकती है। पिछले दिनों रुपेश कहा के मकान को जमींदोज करने की मांग भी उठी थी किंतु उच्च न्यायालय ने उस पर रोक लगा दी है। आरोपी भी सुरक्षित रहे इसलिए न्यायालय के समक्ष समर्पित किया है। उन्होनें आरोप लगाया कि पुलिस राजनीतिक द्वेषतावश काम कर रही है।