परिवहन विभाग ने स्कूल बसों की सुप्रीम कोर्ट की गाईड लाईन के अनरुप की जांच-एवरेस्ट स्कूल की दो बसों का पंजीयन निरस्त, एक बस जब्त, बसों में नहीं मिले स्पीड गर्वनर……!-परमिट नहीं मिलने पर सेंट द्रोण स्कूल की दो बसें जब्त, कार्रवाई में 38 हजार रुपये का शमन शुल्क वसूला……!

देवास। जिला परिवहन अधिकारी ने आज शहर के निजी स्कूलों में संचालित होने वाली स्कूल बसों की चेकिंग की, जिसमें दो स्कूल की तीन बसों के परमिट नहीं होने पर उन्हें जब्त कर चालानी कार्रवाई की। जांच के दौरान शहर के एवरेस्ट स्कूल में चेकिंग दौरान सभी बसों के स्पीड गर्वनर नहीं मिले, जिस पर परिवहन अधिकारी ने स्कूल संचालक को सख्त हिदायत दी कि वह बसों में स्पीड गर्वनर आवश्यक रुप से लगाएं। स्कूल संचालक का कहना था कि उनकी बसें ग्रामीण क्षेत्रों में चलती है और सडक़ों में गड्ढे होने पर वह निकल जाते हैं। गौरतलब है कि गत वर्ष इसी स्कूल की एक बस सडक़ किनारे खंती में गिर गई थी जिसमें कुछ बच्चों को मामूली चोंट आई थी, उस बस का परिवहन अधिकारी ने पंजीयन निरस्त किया है। वहीं बाकी बसों में स्पीड गर्वनर लगाने के लिए 7 दिनों का समय मांगा है।


कलेक्टर ऋतुराज सिंह के निर्देशानुसार परिवहन विभाग द्वारा जिले में संचालित होने वाली स्कूल बसों के लिए विशेष जाँच अभियान चलाया जा रहा है। इसी कड़ी में परिवहन विभाग द्वारा एवरेस्ट इंग्लिश स्कूल, विद्यासागर स्कूल, सेंट द्रोण हासे स्कूल, एमिनेंस स्कूल, डिवाईन कान्वेंट स्कूल, महांकाल हासे स्कूल, मालवांचल एकेडमी, भारत हा.से. स्कूल की लगभग 56 स्कूल बसों की सुप्रीम कोर्ट की गाईड लाईन के अनरुप मापदण्ड पूर्ण होने संबंधी जांच की गई। स्कूल बस संचालकों को निर्देशित किया गया कि वाहनों को सुप्रीम कोर्ट की गाईड लाईन के अनुसार निर्धारित मापदण्ड पूर्ण करने पर व निर्धारित दस्तावेज पूर्ण होने पर ही मार्ग पर संचालित करें। परिवहन विभाग द्वारा जिले में चैकिंग कार्रवाई लगातार जारी रहेगी।


15 वर्ष से अधिक पुरानी बसों का पंजीयन निरस्त
परिवहन अधिकारी जया वसावा ने बताया कि कार्रवाई के दौरान बिना परमिट पाई जाने पर एवरेस्ट स्कूल की एक बस व सेंट द्रोण स्कूल की दो बसें की जब्त की गई इसके साथ ही अन्य वाहनों पर कार्रवाई कर 38 हजार रुपये का शमन शुल्क वसूल किया। उन्होनें बताया कि 15 वर्ष से अधिक पुरानी बसों का पंजीयन निरस्त करने की कार्रवाई भी की जा रही है। एवरेस्ट स्कूल में एक बस सालों से खड़ी हुई थी, उसका पंजीयन निरस्त करने के लिए परिवहन अधिकारी जया वसावा ने स्कूल संचालक को आवेदन देने के लिए कहा। स्पीड गर्वनर बसों में नहीं पाए जाने पर स्कूल संचालक से कहा कि इसकी जवाबदारी कौन लेगा। परिवहन अधिकारी ने स्कूल संचालक को कहा कि आप लिखित में दे दिजिए कि स्पीड गर्वनर सडक़ों में गड्ढों के कारण आप निकालते हैं। जिस पर स्कूल संचालक ने लिखित में आवेदन देकर कहा कि वह 7 दिनों में स्पीड गर्वनर लगा देंगे।

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