देवास
सर्व पित्र अमावस्या के उपलक्ष में गुरुवार को नागदा गणेश मंदिर स्थित नीलकंठेश्वर मंदिर परिसर में सामूहिक तर्पण का आयोजन किया गया। यह आयोजन ज्योतिषाचार्य गुरु गणेश और पंडित मनीष दुबे के मार्गदर्शन में निशुल्क रखा गया। इसमें बारी-बारी लोगों ने हिस्सा लेकर देव, ऋषि और पितरों को जलांजलि अर्पण की।
गुरुवार को सर्वपितृ अमावस्या बड़े ही श्रद्धापूर्वक मनाई गई। सुबह करीब 8 बजे से नागदा गणेश मंदिर में भीड़ जुटने लगी थी। गणेश जी के दर्शन के बाद श्रद्धालुओं ने सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए तर्पण आयोजन में हिस्सा लिया। पंडित मनीष दुबे व उनकी टीम ने विधि-विधान पूर्वक देव, ऋषि और पितृ तर्पण करवाया। गौरतलब है कि यह निशुल्क आयोजन भगवान गणपति के भक्त व साधक गुरु गणेश के मार्गदर्शन में सम्पन्न हुआ। इस तरह के आयोजन का यह प्रथम वर्ष था, जिसकी नींव परंपरा के रूप में रखी गई है। पंडित दुबे ने बताया कि कई परिवार ऐसे हैं जिन्हें विधान पूर्वक तर्पण करने के लिए विद्वान ब्राह्मण की आवश्यकता होती है ऐसे में मंदिर पर ही निःशुल्क तर्पण करने का लाभ उन्हें मिला। दूसरा यह कि इस बार कोरोना काल के कारण कई लोगो के आर्थिक समीकरण बिगड़ गए है इसी को ध्यान में रखते हुए निःशुल्क सामूहिक तर्पण का आयोजन किया गया। इससे लोगों पर आर्थिक भार भी नहीं पड़ा और विधि-विधान से पित्र तर्पण भी हो गया।
उल्लेखनीय है कि सोशल मीडिया पर निःशुल्क तर्पण की सूचनाएं भेजी गई थी, जिसमें सैकड़ो लोगों ने रजिस्ट्रेशन करवाया और कार्यक्रम में भाग लिया। आयोजन देख नागदा के ग्रामीणवासियों ने हर्ष जताया और ब्राह्मणों को धन्यवाद करते हुए सम्मान किया।
क्यों जरूरी है तर्पण:- तर्पण करने से इष्ट प्रबल होता है। पितरों की कृपा मिलती है। घर में सुख-शांति, समृद्धि बनी रहती है। धन-धान्य की कमी नहीं रहती है। शारीरिक, मानसिक व आर्थिक पीड़ा से मुक्ति मिलती है। देवता भी प्रसन्न होते हैं। देव पूजन के शुभ फल मिलने में विघ्न नहीं आते है। तर्पण करने वाला मनुष्य सफलता की ओर बढ़ता है।