देवास। प्रदेश के उप मुख्यमंत्री व जिले के प्रभारी मंत्री जगदीश देवड़ा ने जिला जेल में हमारी संस्कृति हमारी विरासत की थीम पर आयोजित खेल प्रतियोगिता एवं सांस्कृतिक कार्यक्रम व जेल-खेल वार्षिक प्रतियोगिता में सहभागिता कर विजेता महिला व पुरुष बंदियों को प्रमाण-पत्र व स्मृति चिन्ह प्रदान किए। प्रभारी मंत्री श्री देवड़ा के जेल आगमन पर जेल प्रहरियों के द्वारा सलामी दी।

प्रभारी मंत्री जगदीश देवड़ा देवास सर्किट हाऊस पर पहुंचे यहां नवनियुक्त भाजपा जिलाध्यक्ष रायसिंह सेंधव के साथ कार्यकर्ताओं से मिले इस दौरान कलेक्टर, पुलिस अधीक्षक सहित सभी अधिकारी मौजूद रहे। प्रभारी मंत्री ने भाजपा के जिलाध्यक्षों को लेकर कहा कि संगठन पर्व के चलते सभी जिलाध्यक्ष बनाए गए हैं उनको मैं बधाई देता हूं वहीं उन्होंने जीतू पटवारी के वायरल वीडियो को लेकर कहा कि उनके बोल कभी सुधरे ही नहीं है उनके बोल हमेशा बिगड़े ही रहते हैं। हमारी सरकार विकसित राष्ट्र को लेकर आगे बढ़ रही है और सभी पार्टी को उसके साथ साथ देना चाहिए। उन्होंने कहा कि धार्मिक नगरी में शराब नीति को लेकर भी चर्चा की जा रही है जल्द ही इसमें कैबिनेट में बात रखकर विचार किया जाएगा।

जीवन में क्रोध पर नियंत्रण रखे
जिला जेल में प्रभारी मंत्री जगदीश देवड़ा ने परुष बंदियों का कबड्डी खेल देखा। जेल-खेल वार्षिक प्रतियोगिता में हमारी संस्कृति हमारी विरासत की थीम बंदियों द्वारा आकर्षक व मनमोहक सांस्कृतिक प्रस्तुतियां दी। प्रभारी मंत्री श्री देवड़ा ने सांस्कृतिक प्रस्तुतियों की प्रशंसा करते हुए जिला जेल टीम को नगद 11 हजार रुपये का पुरस्कार दिया। श्री देवड़ा ने कहा कि जीवन में कुछ परिस्थितियां ऐसी आ जाती है, जिसके चलते जेल आना पड़ता है। उन्होंने कहा जीवन में क्रोध पर नियंत्रण रखे, क्रोध एक क्षण का होता जिससे जेल आना पड़ता है। सभी को क्रोध आता है, क्रोध पर नियंत्रण जरुरी है। जब भी क्रोध आए तो उस स्थान को छोड़ दें। उन्होंने कहा कि मुझे जेल विभाग में 5 साल काम करने का सौभाग्य मिला है। मध्य प्रदेश की लगभग सभी जेलों का भ्रमण किया है, जब भी जेल से बाहर निकलता हूं तो भावुक होकर निकलता हूं, बंदियों से बात करने पर पता चलता है कि उनके वहां आने का कारण क्रोध में किया हुआ कार्य है। क्रोध में किये गये कार्य का बाद में उन्हें पश्चाताप होता है।

बंदियों को समाज में मुख्य धारा से जोडऩे के कार्य किए जा रहे
प्रदेश की जेलो में सकारात्मक व सुधारात्मक कार्य किए जा रहे है। जेलों में खेल गतिविधियां, प्रवचन का आयोजन किया जाता है। उन्होंने बंदियों से कहा कि अपने जीवन में जो गलती की है उसका प्रायश्चित करें जब सजा पूरी हो जाए तो वापस जाकर परिवार और समाज के साथ घुल मिलकर अच्छे कार्य कर आगे बढ़े। बंदी जेल से जाने के बाद समाज की मुख्य धारा में सम्मिलित हो इसके लिए प्रदेश की सभी जेलों में इस प्रकार की गतिविधियां आयोजित हो रही है। जिला जेल में सभी बंदियों ने अपार उत्साह और उमंग से भाग लिया। प्रदेश सरकार द्वारा सुधारात्मक दृष्टि से बहुत से कार्य किए गए। प्रदेश सरकार ने 7 स्थानों पर ओपन जेल बनाई गई है। बंदियों को समाज में मुख्य धारा से जोडऩे के लिए कार्य किए जा रहे है। उन्होंने बंदियों से कहा कि अपने जीवन में जो गलती की है, उसे सुधार कर जेल से वापस जाकर समाज और परिवार के साथ रहे। समाज जेल से जाने के बाद इन्हें अपनाए क्योंकि वह अपने द्वारा किये गये गुनाह की सजा भुगत चुके है और उन्हें अपनी गलती का अहसास भी हो जाता है। समाज की मुख्यधारा में जुडक़र वह अच्छे नागरिक बन जाते है। महिला बंदियों को भी मुख्यधारा में जोडने के लिए सरकार बहुत से कदम उठा रही है।

सकारत्मक सोच लेकर जाए और दोबारा जेल न आए
हाटपीपल्या विधायक मनोज चौधरी ने कहा कि जेल में बंदियों ने सांस्कृतिक कार्यक्रम में अद्भुत प्रस्तुतियां दी है। आयोजन के लिए जेल के समस्त स्टॉफ को बधाई। सभी बंदियों ने खेलों में सकारात्मकता से भाग लिया। प्रदेश सरकार द्वारा जेल में की गई सुधारत्मक व्यवस्था सराहनी है। प्रदेश सरकार द्वारा बंदियों के कौशल विकास के लिए कार्य किये जा रहे है। उन्होंने बंदियों से अनुरोध किया जेल से जाने के बाद सकारत्मक सोच लेकर जाए और दोबारा जेल न आए। सकारात्मक सोच से समाज सुधरेगा। भाजपा जिलाध्यक्ष रायसिंह सेंधव ने कहा कि कार्यक्रम देखकर ऐसा नहीं लगा की जेल में कार्यक्रम हो रहे है। ऐसा लग रहा है कि सरस्वती विद्यालय में कार्यक्रम देख रहे हैं।

कौशल विकास के लिए कार्य किए जा रहे रहे
स्वागत भाषण में जेल अधीक्षक हिमानी मनवारे ने बताया कि जेल में बंदियों के कौशल विकास के लिए कार्य किए जा रहे रहे है। बंदियों के आयुष्मान कार्ड बनाये जा रहे है। प्रतिवर्ष सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन भी किया जा रहा है। जेल में 3 दिवसीय जेल खेल प्रतियोगिता एवं सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जिसमें कबड्डी, बैडमिंटन और खो-खो प्रतियोगिताएं आयोजित की गई। पुरुष व महिला बंदियों के द्वारा सांकृतिक कार्यक्रम, आदिवासी नृत्य संगीत की प्रस्तुतियां दी गई। कार्यक्रम का संचालन वैशाली भारद्वाज ने किया।