सोया महाकुंभ 2023 का हुआ आयोजनआधुनिक तकनीक की कृषि से बढ़ेगा सोयाबीन का उत्पादन

देवास। किसानों को सोयाबीन उत्पादन की उन्नत तकनीक से जोडने एवं सोया की खेती करने वाले किसानों को अधिक से अधिक लाभ सुनिश्चित करने के उदेश्य से 12 जून को कृषि उपज मंडी प्रांगण-2 में सोया महाकुंभ 2023 का आयोजन किया गया। महाकुंभ का आयोजन सॉलिडरीडाड संस्था एवं सोयाबीन प्रोसेसर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (सोपा) द्वारा संयुक्त रूप से किया गया। सोया महाकुंभ में मालवा क्षेत्र के लगभग 1000 किसानों द्वारा प्रतिभागिता की गई। कार्यक्रम में भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद, कृषि विज्ञान केंद्र, एवं कृषि विभाग के अधिकारियों और वैज्ञानिकों द्वारा सोया की उन्नत खेती के विषय में किसानों को संबोधित किया गया। वहीं सोया उद्योग से जुड़े हुए संगठनों द्वारा सोयाबीन उत्पादकों के लिए बाजार से जुडऩेे के तरीके बताए गए। कार्यक्रम में किसानों, शासकीय विभागों एवं किसान उत्पादक संगठनों द्वारा उत्साहपूर्वक भागीदारी की गई। सोया महाकुंभ के अवसर पर सॉलिडरीडाड के महाप्रबंधक डॉ. सुरेश मोटवानी ने कहा कि पिछले वर्ष की तरह इस वर्ष भी सोया महाकुंभ का आयोजन सोया किसानों के सहयोग के लिए किया जा रहा है। सोयाबीन उत्पादन में मध्यप्रदेश अग्रणी राज्य है। अत सोया की खेती करने वालों किसानों को बेहतर कृषि पद्धति और बाजार लिंकेज पर सहयोग करना हमारी प्रमुख जिम्मेदारी है। सोया महाकुंभ न केवल सोया किसानों के लिए बल्कि उद्योग, नीति निर्माताओं, शोधकर्ताओं, स्वास्थ्य एवं पर्यावरण के प्रति जागरूक वर्ग सहित विभिन्न पृष्ठभूमि के व्यक्तियों के लिए एक मंच उपलब्ध कराने में सफल रहा है। सोयाबीन प्रोसेसर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया के कार्यकारी निदेशक डी. एन. पाठक ने कहा कि हम सोयाबीन की खेती करने वाले किसानों के विकास के लिए कृषि की वैज्ञानिक पद्धतियों के प्रयोग को बढ़ावा देने और किसानों को वित्तीय सहायता, प्रशिक्षण, मार्केट लिंकेज तथा सोया नीतियों पर पक्ष रखने सहित विभिन्न पहलुओं पर लगातार काम कर रहे हैं। यह आयोजन हमारे किसानों में सोयाबीन के संबंध में उनकी समझ को विकसित करने का एक और प्रयास है। सोयाबीन की उन्नत खेती के साथ हम एक स्वस्थ और स्थायी भविष्य का मार्ग प्रशस्त कर सकते हैं। सोया महाकुंभ में विशषज्ञों द्वारा टिकाऊ कृषि के महत्व पर जोर देते हुए, सोयाबीन की खेती के उन तरीकों पर भी प्रकाश डाला गया जो पर्यावरणीय प्रबंधन को बढ़ावा देते हैं। विशेषज्ञों ने पुनर्योजी कृषि और जैव विविधता पर सोयाबीन की खेती के प्रभाव जैसे विषयों पर चर्चा की। महाकुंभ के माध्यम से सोया किसानों और सोया उद्योग के बीच विचारों का आदान-प्रदान, नवाचार और नेटवर्किंग के लिए एक महत्वपूर्ण मंच उपलब्ध कराया गया है। उल्लेखनीय है कि प्रदेश में सोयाबीन की बुआई शीघ्र ही प्रारंभ हो जाएगी।


सोया से निर्मित उत्पादों की प्रदर्शनी लगाई
पाक विशेषज्ञों द्वारा सोया से निर्मित व्यंजनों की प्रदर्शनी लगाई गई। पोषण एवं स्वास्थ्य-पोषण और स्वास्थ्य विशेषज्ञों द्वारा उपस्थित लोगों को अपने आहार में सोया-आधारित उत्पादों को शामिल करने से होने वाले स्वास्थ्य लाभों के बारे में जानकारी दी गई। जानकारों द्वारा फिटनेस, बीमारी की रोकथाम और समग्र कल्याण जैसे विषयों पर किसानों को संबोधित किया गया। नवाचार और उद्यमिता किसान उत्पादक संगठनों, उद्यमियों, वैज्ञानिकों और उद्योग के प्रतिनिधियों ने सोया आधारित प्रौद्योगिकि में नवीनतम तकनीक का प्रदर्शन किया गया।

सतत एवं टिकाऊ कृषि- सोया महाकुंभ में स्थायी कृषि पद्धतियों के महत्व पर जोर दिया और पर्यावरणीय प्रबंधन को बढ़ावा देने में सोयाबीन की भूमिका पर प्रकाश डाला। विशेषज्ञों ने पुनर्योजी कृषि, कृषि वानिकी और जैव विविधता पर सोयाबीन की खेती के प्रभाव जैसे विषयों पर चर्चा की। इस कार्यक्रम में मालवा की समृद्ध विरासत और सोया पर आधारित जीवन शैली को प्रदर्शित करते हुए सांस्कृतिक कार्यक्रम, कला प्रदर्शनियां भी शामिल की गईं। इसके माध्यम से उपस्थित लोगों को मालवा संस्कृतियों और परंपराओं को जानने का अवसर प्राप्त हुआ।

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