शिवमय हुआ शहर…….बोल बम के जयकारों के साथ निकली कावड़ यात्रा-सीहोर के बाद देवास में निकली सबसे लंबी कावड़ यात्रा-उमड़ा आस्था का जनसैलाब, 1 लाख से अधिक श्रद्धालु रहे मौजूद, बिलावली में किया जलाभिषेक

देवास। नागदा स्थित प्राचीन श्री सिद्धि विनायक गणेश मंदिर में आरती के बाद श्री सिद्धि विनायक भक्त मंडल द्वारा करीब 17 किमी बिलावली महाकाल मंदिर तक बोल बम के जयकारों के साथ कावड़ व कलश यात्रा निकली। पूरे मार्ग पर आस्था का जनसैलाब दिखाई दिया इसमें बड़ी संख्या में महिला व पुरुष शामिल हुए। यात्रा में केशरिया साड़ी पहने महिलाएं अपने सिर पर कलश रख शामिल हुईं। वहीं, पुरुष अपने कंधे पर गणेश कुंड से पानी भरकर कावड़ हाथ में लिए शामिल हुए।


यात्रा नागदा से शुरु होकर पालनगर, बालगढ़, विकास नगर, एबी रोड, सयाजीद्वार, एमजी रोड, भोपाल चौराहा प्रमुख मार्गों से होते हुए सीधे बिलावली स्थित महाकाल मंदिर पहुंची, जहां यात्रा में शामिल महिला-पुरुषों ने गणेश कुंड के जल से बाबा भोलेनाथ का जलाभिषेक किया। यात्रा में आकर्षक झांकियों के साथ भजन मंडली भी शामिल हुई। यात्रा में शिवभक्त डीजे की धुन पर थिरकते हुए चल रहे थे। आयोजन सिद्धी विनायक भक्त मंडल द्वारा पिछले 6 वर्षों से किया जा रहा है।


सीहोर के बाद देवास में सबसे लंबी कावड़ यात्रा
हाल ही में सीहोर के कुबेरेश्वर धाम में प्रदीप मिश्रा द्वारा 11 किलोमीटर लंबी कांवड़ यात्रा निकाली गई थी जिसमें 10 लाख से अधिक श्रद्धालुओं के शामिल होने का दावा किया गया। ऐसी ही कांवड़ व कलश यात्रा देवास में श्री सिद्धि विनायक भक्त मंडल के प्रदीप चौधरी द्वारा नागदा प्राचीन गणेश मंदिर से करीब 6 किलोमीटर लंबी कावड़ यात्रा निकाली गई। जिसमें करीब 1 लाख से अधिक श्रद्धालु शामिल हुए। कावड़ व कलश यात्रा इतनी लंबी थी कि यात्रा का पहला छोर देवास पहुंच गया था, और दूसरा छोड़ नागदा गणेश मंदिर में ही था। समिति के सदस्यों द्वारा उक्त कावड़ यात्रा की तैयारी दो माह पहले से ही की जा रही थी। यात्रा का शहर के प्रमुख मार्गों पर विभिन्न धार्मिक, राजनीतिक व सामाजिक संस्थाओं के सदस्यों द्वारा स्वागत किया है। यात्रा में सुरक्षा व्यवस्था के लिए प्रशासन द्वारा पुख्ता प्रबंध किए। यात्रा में समिति के 200 युवा व्यवस्था बनाए रखने के लिए मौजूद थे। देवास बाइपास पर वाहनों का जाम भी लगता रहा। हालांकि, श्रद्धालुओं को कुछ-कुछ समय से रोककर वाहनों को निकाला भी गया।

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