देवास। दो दिनों पूर्व एक व्यक्ति ने शिप्रा नदी में छलांग लगा दी थी। व्यक्ति नदी में डूब गया था। घटना की जानकारी मिलते ही मौके पर एसडीआरएफ की टीम व औद्योगिक थाना पुलिस मौके पर पहुंची थी। लगातार दो दिनों तक रेस्क्यू किया लेकिन मृतक का शव नहीं मिला था। बुधवार सुबह करीब 6.30 बजे मृतक का शव मिला जिसे पोस्टमार्टम के लिए जिला चिकित्सालय भेजा गया। जहां शव का पोस्टमार्टम कर परिजनों को सौंप दिया गया। मामले को लेकर औद्योगिक थाना पुलिस ने मर्ग कायम कर प्रकरण को जांच में लिया है।
जानकारी के अनुसार विनोद पिता रामप्रताप शर्मा उम्र 52 वर्ष निवासी गुलाब बाग कॉलोनी इंदौर अपनी कार क्रमांक एमपी 09 डब्लूजी 6003 से सोमवार दोपहर करीब 2 बजे निकले थे। देर रात तक घर नहीं लौटे, जिस पर परिजनों ने गुमशुदगी लसुडिय़ा थाने में दर्ज की थी। देर रात को विनोद की कार शिप्रा नदी पुल पर खड़ी मिली थी। कार में विनोद शर्मा का पर्स, गाड़ी की चाबी, चश्मा, मोबाइल के साथ सोसाइट नोट भी मिला था। शिप्रा में छलांग लगाने की आशंका के चलते एसडीआरएफ, इंदौर और शिप्रा पुलिस बल ने तलाश शरु की। मंगलवार को रात होने पर रेस्क्यू बंद कर दिया गया। परिजनों ने बताया की विनोद गैल इंडिया लि. देवास में इंजीनियर के पद पर पदस्थ थे। मृतक के पास से एक सोसाइट नोट भी मिला जिसमें गैल इंडिया के डीजीएम मनीष प्रसाद को मौत के लिए जिम्मेदार ठहराया था। बुधवार सुबह विनोद का शव नदी में तैरता हुआ दिखाई दिया। परिजनों ने मृतक की शिनाख्त उनके पहने हुए कपड़ो से की थी।
बिना वेरिफाई के बिल आगे बढ़ाने की थी बात
मृतक के चचरे भाई अरविंद तिवारी ने बताया कि विनोद मेरे चचरे भाई है पिछले 10 दिनों से वह छुट्टी पर थे। उनसे हुई चर्चा के दौरान बताया था कि मनीष प्रसाद का दबाव इस बात को लेकर था कि बिना वेरिफाई किए बिल है उनको आगे बढ़ा दिजिए। विनोद का कहना था कि ये मैं नहीं कर सकता हूं बिल वेरिफाई करने के बाद ही आगे बढ़ा पाऊंगा। उसके बाद से मनीष प्रसाद ने प्रताडि़त करना शुरु कर दिया था। ये बहुत ही सिनियर अधिकारी थे उसके बावजूद इनको छोटे-छोटे काम बताने लगे थे। इसके बाद से वह मानसिक रुप से प्रताडि़त हो गए थे।
डेढ़ घंटे रेस्क्यू करने पर मिला शव
शिप्रा नदी में एसडीआरएफ की टीम ने मंगलवार को दिनभर सर्चिंग की थी। लेकिन शव बुधवार सुबह नदी में तैरता हुआ मिला। एसडीआरएफ के प्लांटून कमांडर रोहन ने बताया कि 16 अक्टूबर को रात 8 बजे हमें औद्योगिक थाना प्रभारी ने सूचना दी थी की शिप्रा नदी में एक युवक डूब गया है। सूचना मिलते ही मैंं हमारी टीम के साथ रवाना हुआ। कल सर्चिंग की गई लेकिन शव नहीं मिला। बुधवार सुबह डेढ़ घंटे फिर प्रयास किया उसके बाद शव मिला।
यह लिखा था सोसाईट नोट
मैं विनोद कुमार शर्मा अपने पूरे होंश-हवास में लिख रहा हूं मेरी मौत के लिए मनीष प्रसाद डीजीएम गैल जिम्मेदार है। उन्होंने मुझे मानसिक रूप से बहुत प्रताडि़त किया है।