देवास। गत वर्ष 1 जून को शहर के मध्य करोली नगर में समीर रॉय नामक व्यक्ति की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। पुलिस ने इस मामले में पांच आरोपियों को गिरफ्तार किया था। प्रकरण को लेकर बताया गया था कि मृतक व आरोपियों के बीच किराए से लिए गए कैमरे के पैसों के लिए आपसी विवाद था। जिस पर आरोपियों ने मौका मिलते ही समीर रॉय की हत्या कर दी थी। प्रकरण को लेकर मृतक की पत्नी ने एक आरोपी को लेकर प्रेस वार्ता भी की थी। उक्त प्रकरण न्यायालय में विचाराधीन था। गुरूवार को प्रकरण की सुनवाई पंचम अपर सत्र न्यायाधीश ने की जिसमें पांच आरोपियों को न्यायालय ने आजीवन कारावास व अर्थदंड से दंडित किया है।
यह था मामला
प्रकरण इस प्रकार है कि दिनांक 1 जून 2021 को समीर राय जो कि 2013 के हत्या के प्रकरण में 2 माह से पैरोल पर जमानत लेकर घर आया था। दिन के लगभग 4.30 बजे मोबाईल पर बात करता हुआ घर से बाहर गया तभी गोली चलने जैसी आवाज आई आवाज सुनकर उसकी पत्नि व सास बाहर आये तो देखा कि दो लडक़े उनके घर के सामने से भागकर जा रहे है जिनमें से एक के हाथ में बन्दूक थी व एक लडका ऐक्टिवा गाडी से भाग रहा था। तीनों लोगों को भागते हुये फरियादी ने देखा था। समीर राय की छाती पर दाहिनी तरफ गोली लगकर खून बह रहा था व समीर राय खून से लथ-पथ होकर जमीन पर पडा हुआ था। समीर को उसकी पत्नि घायल हालत में एमजीएज अस्पताल लेकर गई थी जहां डॉक्टर द्वारा समीर को मृत घोषित किया गया था। फरियादिया के अनुसार उक्क्त तीनों व्यक्ति एंव एक अन्य व्यक्ति जिन्हें बाद में फरियादी ने पहचाना था। उसके द्वारा समीर राय की गोली मारकर हत्या किया जाना बताया था। उक्त प्रकरण में फरियादी की सूचना पर दिनांक 1 जून 2021 को अपराध क्रं. 282/2021 थाना सिविल लाईन में पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया। विवेचना के दौरान फरियादी तथा साक्षियों के कथन एवं घटनास्थल के आस-पास के सीसीटीवी कैमरों के वीडियों रिकार्डिग एवं फुटेज के आधार पर अज्ञात आरोपीगण की पहचान रोहित शर्मा उर्फ बच्चा, गोविन्द चौधरी, विवेक सिंह उर्फ बबल, विजय उर्फ गंजू एवं कपिल चौधरी के रूप हुई। आरोपीगण को गिरफ्तार कर अन्य आवश्यक अनुसंधान पूर्ण कर अभियोग पत्र न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत किया गया। उक्त प्ररकण में विवेचना थाना प्रभारी सिविल लाईन संजय सिंह के द्वारा की गई थी। उक्त प्रकरण गंभीर जघन्य सनसनीखेज प्रकरण की श्रेणी में चिन्हित होकर न्यायालय में विचाराधीन था जिसमें अभियोजन की ओर से उक्त प्रकरण में कुल 43 साक्षियों के साक्ष्य करवाये गये थे।
पंचम अपर सत्र न्यायाधीश द्वारा सत्र प्रकरण क्रमांक 150/2021 में दिनांक 26 मई 2022 को निर्णय पारित कर सभी आरोपीगण रोहित शर्मा उर्फ बच्चा, गोविन्द चौधरी, विवेक सिंह उर्फ बबल, विजय उर्फ गंजू एवं कपिल चौधरी को धारा 302/34 एव 120 बी भादसं में आजीवन कारावास एवं 50-50 हजार रूपए के अर्थदण्ड से दण्डित किया। तथा आरोपी रोहित एवं कपिल को धारा 29(क) आयुध अधि. में 3-3 वर्ष का सश्रम कारावास व 5000-5000/- के अर्थदण्ड व आरोपी गोविन्द को 27(1)(ए) एवं 29(क) आयुध अधि. में 3-3 वर्ष का सश्रम कारावास व 5000-5000/- के अर्थदण्ड से दण्डित किया।
उक्त प्रकरण में शासन की ओर से अभियोजन का सफल संचालन राजेन्द्र सिंह भदौरिया, जिला लोक अभियोजन अधिकारी के द्वारा एवं ऊदल सिंह मौर्य, एडीपीओ तथा अति.जिला लोक अभियोजन अधिकारी, श्रीमती आशा शाक्यवार द्वारा किया गया तथा कार्यालय लिपिक जितेन्द्र मोठिया एवं कोर्ट मोहर्रिर रमेश बर्डे का विशेष सहयोग रहा।