देवास। धीरे-धीरे काल के गर्त में, नेपथ्य में समा रही कांग्रेस के लिए वंशवाद, परिवारवाद, मुस्लिम वोट बैंक, तुष्टिकरण एवं सनातन हिंदू धर्म से विरोध, नफरत की राजनीति तो जिम्मेदार है ही, उससे भी अधिक सज्जन सिंह वर्मा जैसे बड़बोले असभ्य नेता भी कांग्रेस की बुरी गत के लिए भस्मासुर साबित हुए हैं। देविप्रा के पूर्व अध्यक्ष राजेश यादव ने सज्जन वर्मा द्वारा सोनकच्छ में गिने चुने कांग्रेसियों के बीच भाजपा के लोकप्रिय सांसद प्रत्याशी महेन्द्र सिंह सोलंकी जी को लेकर दिए गए असभ्य, विवादित, अनर्गल एवं झूठे बयान पर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा है कि सज्जन वर्मा हर चुनाव में सुर्खियों में बने रहने के लिए गैर जिम्मेदाराना बयान देते रहते है। प्राधिकरण के पूर्व अध्यक्ष एवं संघर्षशील युवा भाजपा नेता श्री यादव ने कहा कि सज्जन वर्मा के पूर्व के बयानों को देखते हुए उन्हें दुर्जन कहा जाए तो अतिशयोक्ति नहीं होगी। वे कभी सनातन धर्म के प्रतीक भगवा को लांछित करते है। कभी राष्ट्रीय संत पंडित प्रदीप मिश्रा, बाबा बागेश्वर धाम के संत के विरुद्ध अपशब्द कहते नजर आते है। सज्जन वर्मा के राष्ट्रीय संतो के विरुद्ध अशोभनीय बयान से कुपित, निराश भागवत कथाचार्य भरे मन से सोनकच्छ तहसील में कथा के लिए नहीं आने की घोषणा तक कर देते है। राजपूत समाज को गाली देने वाला निंदाजनक बयान भी पिछले विधानसभा चुनाव में वायरल हुआ था। भस्मासुर के समान सडक़छाप कांग्रेसी नेता सज्जन वर्मा अपने शासनकाल में बीते वर्षों में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के कार्यकर्ताओं को भी पटक-पटक कर मारने की धमकी दे चुके है, लेकिन संघ कार्यकर्ताओं ने जब उनकी धमकी को स्वीकार किया तो पीछे हट गए।
सज्जन वर्मा के झूठे आरोपों पर भाजपा के लोकसभा संयोजक बहादुर मुकाती ने कहा है कि सज्जन जैसे नेता कांग्रेस की लुटिया पूरी तरह से डूबा कर ही दम लेंगे। वर्मा के बयान की भाषाशैली को सुनकर ही समझा जा सकता है कि वे कितने अनपढ़, गंवार, निर्लज्ज व्यक्ति है। दरअसल तो सज्जन वर्मा भाजपा के योग्य प्रत्याशी महेन्द्र सिंह सोलंकी के विरुद्ध भडक़ाने वाले बयान देकर कांग्रेस प्रत्याशी की चुनाव से पूर्व ही पराजय सुनिश्चित करना चाहते है, क्योंकि वे नहीं चाहते कि उनके अलावा कोई ओर चेहरा देवास-शाजापुर संसदीय क्षेत्र में पांव जमा सके। लोकसभा संयोजक बहादुर मुकाती ने कहा कि हमने तो सज्जन वर्मा को कांग्रेस के प्रत्याशी की घोषणा से पहले ही चुनौती दी थी कि वे आए, जोर आजमाइश कर ले, लेकिन कांग्रेस नेतृत्व ने जब उन्हें प्रत्याशी बनाने का साफा बांधना चाहा तो सज्जन वर्मा ने चुनाव में हार एवं अपनी राजनीति खत्म होने के डर से साफा बांधने से इंकार करते हुए अपना माथा फेर लिया। श्री मुकाती ने यह भी कहा कि देश के साथ देवास-शाजापुर क्षेत्र में प्रधानमंत्री के नेतृत्व में किए गए जनहितैषी कार्य व श्री मोदी के मार्गदर्शन में श्री सोलंकी द्वारा किए गए विकास कार्यों का सज्जन वर्मा के पास कोई जवाब नही है, न ही इनके पास जनहित व विकास का कोई विजन है। श्री सोलंकी पांच वर्षों तक जनता से सीधे जुड़े रहे है। जीवट सक्रियता से अपनी सनातनी, राष्ट्रवादी एवं जनसेवक की लोकप्रिय छवि स्थापित की है। इसलिए मिथ्या प्रलाप कर रहे है। श्री सोलंकी पर व्यक्तिगत आरोप लगाकर अपनी राजनीतिक दुकानदारी चलाने का कुत्सित प्रयास कर रहे है। जिसका जवाब चुनाव में जनता खुद देगी।