देवास। जिले के डबलचौकी क्षेत्र के मिर्जापुर हल्के मेंं पदस्थ पटवारी ने जमीन के बटांकन के एक मामले में किसान से 25 हजार रूपए की रिश्वत मांगी थी, लेकिन 20 हजार रुपए में बंटाकन करने की बात तय हुई थी। किसान ने 8 हजार रुपए दे दिए और मामले की शिकायत आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) उज्जैन में कर दी। इसके बाद ईओडब्ल्यू की टीम ने योजना बनाई और मंगलवार सुबह देवास में 12 हजार रुपए की रिश्वत लेते ही पटवारी को उसके कार्यालय में दबोच लिया। इसके बाद कागजी कार्रवाई पूरी करके भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धाराओं में अपराध दर्ज किया गया।
आर्थिक अपराध शाखा उज्जैन के डीएसपी अजय कैथवास ने बताया फरियादी बसंतीलाल पटेल ने जमीन बटांकन के नाम पर पटवारी बाबूलाल पांचाल द्वारा रुपए मांगने की शिकायत की गई थी। इसके बाद उसे रुपए देकर भेजा गया, मंगलवार सुबह विकासनगर क्षेत्र में रुपए लेते समय पटवारी को रंगे हाथ पकड़ा गया है। ईओडब्ल्यू अधिकारी कैथवास ने बताया कि पटवारी बाबूलाल पांचाल अगले साल सेवानिवृत्त होने वाले हैं लेकिन इसके पूर्व ही रिश्वत लेते रंगे हाथो पकड़ाए है। कार्रवाई के दौरान ईओडब्ल्यू के डीएसपी संदीप मेघवाल, इंस्पेक्टर प्रशांत मिश्रा, इंस्पेक्टर सौरभ त्रिपाठी, एएसआई अशोक राव और टीम के अन्य सदस्यों की मौजूदगी में कार्रवाई की गई।
फरियादी किसान ने की थी शिकायत
जिले के मिर्जापुर में पदस्थ पटवारी बाबूलाल पांचाल के पास अपने जमीन बटवारें को लेकर पहुंचे रिटायर्ड शिक्षक फरियादी बंसीलाल पटेल पहुंचे थे। जिसके बाद बंसीलाल पटेल को कई दिनों से जमीन बंटवारे का कार्य करने के लिए 4 से 5 महीने से भटकाया जा रहा था। पिछले 1 माह पहले बंसीलाल पटेल ने ईओडब्ल्यू को इसकी शिकायत की और कहा कि मुझसे 25 हजार रूपए की मांग पटवारी द्वारा की जा रही है और 20 हजार रूपए में बंटाकन करने की बात तय हुई है। पटवारी द्वारा 8 हजार रुपये पहले लिए गए थे। लेकिन 12 हजार पटवारी द्वारा फिर मांगे जा रहे हैं। इसके बाद उज्जैन ईओडब्ल्यू के डीएसपी अजय कैथवास ने मामले में संज्ञान लेते हुए मंगलवार सुबह पटवारी बाबूलाल पांचाल को 12 हजार की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों पकड़ा।
पहले भी पटवारियों को रिश्वत लेते हुए पकड़ा था
देवास में पटवारियों द्वारा छोटे-मोटे कामों के लिए किसानों से रुपए ऐंठने का पुराना इतिहास रहा है। पूर्व में बांगर क्षेत्र की महिला पटवारी को भी उसके घर से रंगेहाथ पकड़ा गया था। इस मामले में शिकायतकर्ता के द्वारा न्यायालय में बयान बदलने के बावजूद आरोपी पटवारी को सजा सुनाई गई थी। किसानों की राहत राशि करीब सवा करोड़ हड़पने का खुलासा भी पिछले दिनों हुआ था। इसके बाद जहां राशि की वसूली की प्रक्रिया शुरू की गई, वहीं टोंकखुर्द, सतवास, कन्नौद, खातेगांव थानों में 18 पटवारियों, 2 बाबुओं के खिलाफ धोखाधड़ी, अमानत में खयानत की धाराओं में अपराध दर्ज किया जा चुका है।