देवास। शहर की सिल्वर कॉलोनी में किराए के मकान में रहने वाले पति-पत्नी अपने तीन बच्चों के साथ चार माह पूर्व इंदौर के लिए रवाना हुए थे। लेकिन वहां नहीं पहुंचे थे, इस बात की सूचना परिवार के लोगों को लगी तो उन्होनेंं इस बात की सूचना कोतवाली थाना पुलिस को दी थी जिस पर पुलिस ने इस मामले में परिवार की गुमशुदगी दर्ज कर मामले को विवेचना में लिया था। अब चार माह के बाद लापता परिवार पुलिस की साइबर सेल की मेहनत से महू से मिला है।
कोतवाली पुलिस ने बताया कि नासिर खान, उसकी पत्नी साजिदा खान और बेटा फैजान, बेटी जीनत और शिरीन निवासी सिल्वर कॉलोनी ऑटो में बैठकर विगत 24 अक्टूबर को इंदौर के लिए रवाना हुए थे। जाते समय मकान मालिक को उन्होंने कहा था कि अपने भाई के यहां खजराना इंदौर जा रहे है। बाद में वहां नहीं पहुंचे और लापता हो गए। इनके लापता होने की जानकारी परिचितों और रिश्तेदारों को चली तो उन्होंने तलाश शरू की थी, लेकिन कुछ पता नहीं सका। पुलिस ने बताया कि इनके पास जो मोबाइल थे वह भी बंद आ रहे थे। गुमशुदा हुए नासिर, उसकी पत्नी साजिदा खान औ तीन बच्चों की गुमशुदगी की रिपोर्ट नासिर के बड़े भाई जावेद पिता उस्मान पठान ने कोतवाली थाने पर कराई थी। जिस पर पुलिस पूरे मामले में कोतवाली थाना पुलिस जांच करते हुए परिवार के सदस्यों को खोजने का प्रयास कर रही थी। जिस पर रविवार 27 फरवरी को पुलिस को सफलता हांसिल हुई है।
मस्जिद में रहकर खाना पीना मांगकर खाया
कोतवाली थाना पुलिस ने बताया कि 25 अक्टूबर 2021 की सुबह को सिल्वर कॉलोनी बालगढ़ रोड़ स्थित किराए के मकान से पूरे परिवार के साथ 5 सदस्यों को लेकर नासिर पठान यहां से ओटो से रेलवे स्टेशन गया। वहां से इंदौर होते हुए महू रेलवे स्टेशन के बाहर 3 दिन रहा। खाना पीना मांगकर खाया उसके बाद मस्जिद में रहा वहां काम किया और किसी ने उसे व उसके परिवार को रहने के लिए जगह दे दी। उसके बाद मजदूरी करने लगा और वहीं रहने लग गया। पुलिस की साइबर सेल और हर जगह नासिर व उसके परिवार को फोटो दिखाकर पुलिस के प्रयास से गुम परिवार मिल गया।