अज्ञात बिमारी से मचा हडक़ंप, पानी स्त्रोतों के सैंपल लिए, गर्भवति को जिला अस्पताल में भर्ती किया -माधोपुर खेड़ा गांव में 10 दिनों में दो बालिकाओं की मौत के बाद स्वास्थ्य विभाग अलर्ट -गांव में लगाया कैंप, ग्रामीणों में सिर दर्द और बुखार की शिकायत मिली

देवास। जिले के टोंकखुर्द के माधोपुर खेड़ा में पिछले दस दिनों में दो बालिकाओं की बीमारी के चलते मौत हो गई। बालिकाओं को बुखार के साथ ही सिर दर्द की शिकायत थी। जिनकी इंदौर और उज्जैन में इलाज के दौरान मौत हो गई। बालिकाओं की मौत के बाद स्वास्थ्य विभाग अलर्ट हो गया है। गांव में कैंप लगाकर 120 लोगों की जांच की गई। वहीं 16 ग्रामीणों के ब्लड सैंपल लिए गए हैं। टीम ने गांव की पानी की टंकी और अन्य पेयजल स्त्रोतों के पानी के सैंपल लिए गए हैं। सरपंच प्रतिनिधि मुजाहिद खां ने मुख्य खण्ड चिकित्सा अधिकारी डॉ. माया कल्याणी को बालिका की मृत्यु की सूचना दी थी। जिसके बाद शनिवार को स्वास्थ्य विभाग की एक टीम गांव पहुंची थी। गांव में बीमार और बुखार से पीडि़त लोगों की जांच की गई। गठित दल ने गांव में लार्वा सर्वे किया।


जिले की टोंकखुर्द तहसील के ग्राम माधवपुर खेड़ा में डेंगू या कोई नई गंभीर बीमारी फैलने की सूचना बीते दिनों जिला स्वास्थ्य की टीम को मिली थी, जिसके बाद शिविर लगाकर ग्रमीणों की जांच की जा रही थी, लेकिन दो बच्चियों की मौत के बाद स्वास्थ्य महकमें में हडक़ंप मच गया, जिसके बाद स्वास्थ्य टीमें राज्य और संभाग स्तर से रवाना की गई। गौरतलब है कि मंगलवार रात को प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता केके मिश्रा ने अज्ञात बीमारी का हवाला देते हुए सीएम मोहन यादव को ट्वीट किया था। जिसके बाद देवास से लेकर भोपाल तक स्वास्थ्य विभाग की टीम हरकत में आई। सीएम को ट्वीट के बाद तुरंत एक्शन लेते हुए इंदौर और भोपाल से जांच दल देवास पहुँचा और जांच शुरू की गई।


कम्युनिटी सर्वे किए जा रहे
ग्रामीणों का कहना है कि यहां पर जिन बच्चों की मौत हुई है उन्हें पहले बुखार आया था इसके बाद उन्हें सरकारी और निजी अस्पतालो उपचार के लिए भर्ती कराया गया। इसी तरह गांव के कुछ अन्य बच्चे, महिलाएं भी बुखार और सर दर्द से पीडि़त थे जिनकी शिविर में जांच कर जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया। बुधवार को पहुँची एमजीएम कॉलेज इंदौर की टीम के हेड वीपी गोस्वामी ने बताया कि दो बच्चियों की मौत के बाद में लगातार गांव में निरीक्षण किया जा रहा है और यहां पर कम्युनिटी सर्वे किए जा रहे हैं। जांच दल ने अलग-अलग सर्वे किए जिसमें कम्युनिटी सर्वे और लार्वा सर्वे किए गए। बीते 20 अप्रैल से बीमारी की आहट गांव में हुई थी। शुरुआत में 100 से ऊपर मरीजो की प्रतिदिन जाँच की गई। डॉ. गोस्वामी ने बताया कि कम्युनिटी सर्वे में डेंगू का होना पाया गया है। डेंगू के कई तरह के लक्षण होते है लेकिन अभी यह नहीं कहा जा सकता हैं कि दोनो बच्चियों की मौत डेंगू से हुई है।


जन जागरूकता की जा रही
वही संभाग एंटोमोलॉजिस्ट इंदौर और भोपाल से स्टेट की टीम के एपडमोलॉजिस्ट डॉ सरवैया और डॉ शैलेन्द्र सिंह ने 100 से अधिक घरों में जाकर लार्वा के सेम्पल कलेक्ट किए। जिसमें कई जगह लार्वा के सेम्पल पॉजिटिव पाए गए। डॉ.एसी शर्मा ने बताया की पानी में एडीज का लार्वा मिला है, और उनको नष्ट करने के तरीके ग्रामीणों को बताए जा रहे हैं। हमारा मुख्य उद्देश्य हैं कि बीमारी आगे बढे ना इसकेे लिए जन जागरूकता की जा रही हैं। 10 से 12 घरों के सेम्पल में 4 घरों में लार्वा पाया गया हैं। लार्वा सर्वे अभी सतत जारी रहेगा।


गर्भवती को जिला अस्पताल में करवाया भर्ती
जिला मलेरिया अधिकारी डॉक्टर रश्मि दुबे ने बताया कि माधोपुर खेड़ा गांव में कुछ ग्रामीणों में बुखार की सूचना मिली थी। कुछ ग्रामीणों के सैंपल मंगवाए गए थे। उनकी डेंगू रिपोर्ट निगेटिव आई है। एक हाई रिस्क गर्भवती को जिला अस्पताल भर्ती करवाया गया है। उसके प्लेटलेट्स कम हैं। उसकी जांच करवाई जा रही है।

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