देवास। नाहर दरवाजा थाने के सामने सांसद निधि से सोमेश्वर मंदिर के आसपास बाउंड्रीवॉल का निर्माण कार्य किया जा रहा है। जिसके चलते वहां वर्षों पुरानी दिवार को तोडऩे को लेकर मुस्लिम समाज के लोग वहां पर पहुंचे और उसका विरोध किया। इस मामले को लेकर हिंदू पक्ष का कहना था कि यह मंदिर की काफी वर्षों पुरानी बाउंड्रीवॉल है उसी के चलते इसका निर्माण हुआ था अब यह पूरी तरह से टूट चुकी है इसके चलते इसे हटाकर नवीन बाउंड्रीवॉल बनाई जा रही है। मौके पर तहसीलदार व नाहर दरवाजा थाना प्रभारी सहित पुलिसर्मी मौजूद रहे।
शहर के प्राचीन मंदिर सोमेश्वर महादेव मंदिर के आसपास बाउंड्रीवॉल नहीं है जिसको लेकर सांसद महेंद्रसिंह सोलंकी ने सांसद निधि से बाउंड्रीवॉल बनाने का कार्य शुरु करवाया। मंगलवार को प्रशासनिक अमले के साथ तहसीलदार सपना शर्मा सहित बड़ी संख्या में नाहर दरवाजा थाना पुलिस मौजूद रही। जेसीबी से मंदिर प्रांगण में बाउंड्रीवॉल के लिए गड्ढे किए जा रहे थे, वहीं एक दिवार को हटाने के लिए जेसीबी लगाई तो उसका विरोध करने के लिए मुस्लिम समाज के लोग पहुंचे थे। कांग्रेस नेता शौकत हुसैन सूचना पर यहां पहुंचे उनका कहना था कि आजादी के समय से अंग्रेजों के जमाने में युद्ध करके जो लोग लड़ते थे उस दौरान किसी का निधन हो जाता तो उन्हेें यहां पर दफनाया जाता था। यह दिवार उस समय से बनी हुई है उनकी यहां पर 10-12 कब्र है। सोमेश्वर मंदिर में हम वर्षों से सेवा दे रहे हैं और आगे भी देते रहेंगे। इस संबंध में हम प्रशासनिक अधिकारियों से चर्चा कर लेंगे।
कलेक्टर के पास बैठकर इसका निराकरण करेंगे
पूर्व प्राधिकरण अध्यक्ष राजेश यादव ने कहा कि सोमेश्वर मंदिर के सौंदर्यीकरण और बाउंड्रीवॉल निर्माण के लिए सांसद महेंद्र सिंह सोलंकी ने राशि स्वीकृत कराई थी उसी राशि से यहां पर बाउंड्रीवॉल का निर्माण शुरु किया है। एक वर्षो पुराना निर्माण यहां पर है, हमारे मुस्लिम बंधु बता रहे हैं कि वह मस्जिद की दिवार थी। उसके लिए हम कलेक्टर के पास बैठकर उसका निराकरण करेंगे, तब तक आसपास की बाउंड्रीवॉल बनाने का कार्य शुरु करवाया है उसके लिए दोनों पक्ष सहमत है।
यह नजूल की भूमि है
मामले को लेकर तहसीलदार सपना शर्मा ने बताया कि सोमेश्वर मंदिर के बाउंड्रीवॉल निर्माण कार्य सांसद निधि से स्वीकृत हुआ है। यह नजूल की भूमि है यहां पर अतिक्रमण भी लोगों के द्वारा किए गए थे उसे हटाने के आदेश शासन ने दिए थे। यहां पर पुराना निर्माण है जिसको लेकर मुस्लिम पक्ष ने विरोध किया है जबकि हिंदू पक्ष का कहना है कि यह पुरानी दिवार है। अभी सहमती बनी है कि उस दिवार को छोडक़र बाकी निर्माण कार्य जारी रहेगा। मामले को लेकर दोनों पक्षों को बिठाकर रिकार्ड के साथ जो भी सहमती बनेगी उसके बाद कार्य आगे होगा। अभी इस मामले को लेकर दो-तीन दिनों का समय दिया गया है। नजूल के नक्शे में पुराना कोई निर्माण यहां नहीं है।