नकली नोट छापकर, खपाने के मामले में एक आरोपी को न्यायालय ने दी 10 साल सजा……..

देवास। चार वर्ष पूर्व नकली नोट बाजार में चलाने पर एक व्यक्ति को सिविल लाईन थाना पुलिस ने गिरफ्तार किया था। आरोपी के पास से एक ही सीरिज छ: नकली नोट, और चार अलग सीरिज के व एक अलग सीरिज का नकली नोट मिला था। इस तरह आरोपी के पास से कुल 11 नकली नोट बरामद हुए थे। पुलिस ने जब आरोपी से पूछताछ की तो उसने बताया कि उसका एक साथी नकली नोट प्रिंटर से छापता है जो इधर-उधर खपा देता है। पुलिस ने उसके साथी को भी गिरफ्तार किया था। प्रकरण न्यायालय में विचाराधीन था उसी दौरान एक आरोपी की मौत हो गई थी। उक्त प्रकरण सुनवाई बुधवार दोपहर को द्वितीय अपर सत्र न्यायाधीश ने की जिसमें एक आरोपी की मौत होने पर उसके विरूद्ध कार्रवाई समाप्त कर दूसरे आरोपी के विरूद्ध 10 वर्ष का कारावास व अर्थदण्ड की सजा सुनाई है।


शहर में नकली नोटों के काले कारोबार का लंबा इतिहास रहा है। समय-समय पर कोतवाली, बीएनपी, औद्योगिक व सिविल लाइन पुलिस थानों के अंतर्गत नकली नोट छापने, चलाने के मामलों के उजागर होने का सिलसिला चलता रहता है, आरोपी पकड़ाते हैं और सजा भी होती है लेकिन इस तरह की गतिविधियों पर पूरी तरह से अंकुश नहीं लग पा रहा है। ऐसे ही एक मामले में न्यायालय ने एक आरोपी को दोषी पाते हुए 10 साल के सश्रम कारावास की सजा सुनाई है। वहीं मामले में एक अन्य आरोपी की मौत हो चुकी है। न्यायालय से मिली जानकारी के अनुसार जुलाई 2019 में भोला उर्फ एजाज को सिविल लाइन पुलिस ने राजारामनगर क्षेत्र में दुकान पर नकली नोट चलाने के मामले में पकड़ा था। पूछताछ में उसने ललित वर्मा निवासी आनंद बाग नाम के आरोपी का नाम बताया था और कहा था कि इसी के द्वारा नोट प्रिंटर से छापे जाते हैं जिन्हें वो भी इधर-उधर खपा देता है। मामले में सिविल लाइन पुलिस ने ललित को भी गिरफ्तार किया था। उसके यहां से नोट छापने की सामग्री भी जब्त की गई थी।


नकली नोट देकर किराने की दुकान से से खरीद रहा था सामान
जिला अभियोजन अधिकारी राजेन्द्र सिंह भदौरिया ने बताया कि दिनांक 30.07.2019 को थाना सिविल लाईन के थाना प्रभारी दिनेश सिंह चौहान को इलाका भ्रमण के दौरान सैनिक 218 नीलेश ने इटावा पुलिस सहायता केन्द्र पर रात्रि 10 बजे सूचना दी कि उसे मुखबिर से सूचना मिली है कि एजाज पिता रजाक शेख नाम का आदमी राजाराम नगर वैष्णव माता मंदिर के सामने सतीश चौधरी की किराना दुकान पर नकली नोट लेकर सामान खरीद रहा है। उक्त सूचना पर पुलिस सतीश किराना स्टोर पर पहुंची वहां भीड़ लगी थी एवं एक आदमी को घेर रखा था। सतीश से पूछताछ करने पर उसने बताया कि इस व्यक्ति ने उससे एक घड़ी साबुन व एक फाइव स्टार चॉकलेट ली है एवं 100/- का नोट दिया है, जो देखने पर नोट का हूबहू असली होकर मोटा चिकना होकर नकली प्रतीत हो रहा था। जिससे दुकानदार ने सामान देने से मना किया तो वह बहस करने लगा। दुकानदार ने उक्त सूचना सैनिक नीलेश को दी, कि एक व्यक्ति नकली नोट चलाने का प्रयास कर रहा है सूचना पर से सिविल लाईन थाना निरीक्षक दिनेश सिंह चौहान ने पंचसाक्षी के समक्ष उस व्यक्ति से पूछताछ की उसने अपना नाम भोला उर्फ एजाज पिता रजाक शेख निवासी स्वास्तिक नगर इटावा बताया पंचो के समक्ष तलाशी में एजाज के जेब से 100-100/- के कुल 11 नोट मिले जिसमें से 6 नोटों पर एक ही सीरियल नम्बर अंकित था। इसी प्रकार शेष 4 नोटो पर एक ही सीरियल अंकित है एवं एक 100/- के नोट पर अलग नंबर अंकित था। उक्त नोट समान-समान सीरियल नम्बर के होने से स्पष्टत: कूटरचित दिखाई दे रहे थे। नोटो के संबंध में पूछताछ करने पर आरोपी एजाज ने मेमोरेण्डम देकर बताया कि उक्त नोट उसे ललित वर्मा पिता श्रीकृष्ण वर्मा ने चलाने के लिये दिये है उसके पास प्रिंटर मशीन है और खुद ही नोट छाप लेता है। आरोपी से उक्त नोट जप्तकर जप्ती पंचनामा बनाया गया, एवं जप्तशुदा नोट मालखाने में जमा किये गये। इसके बाद आरोपी एजाज व ललित के विरूद्ध थाना सिविल लाईन देवास में अपराध दर्ज कर कार्रवाई की गई। इसके पश्चात आवश्यक अनुसंधान उपरांत अभियोग पत्र न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत किया गया।
द्वितीय अपर सत्र न्यायाधीश द्वारा बुधवार 23 मार्च को निर्णय पारित करते हुये प्रकरण में विचारण के दौरान अंतिम प्रक्रम पर अभियुक्त एजाज की मृत्यु हो जाने से उसके विरूद्ध कार्यवाही समाप्त की गई। तथा शेष आरोपीगण ललित पिता श्रीकृष्ण वर्मा उम्र 46 साल निवासी 15 आनन्द बाग, देवास को धारा 489(क) व 489(घ) में 10-10 वर्ष का सश्रम कारावास व 3000-3000/- रूपये के अर्थदण्ड से तथा धारा 489(ग) में 7 वर्ष सश्रम कारावास व 3000/- के अर्थदण्ड से दण्डित किया। उक्त प्रकरण में शासन की ओर से मनोज हेतावल, अपर लोक अभियोजक, द्वारा प्रकरण का कुशल संचालन किया गया।
कर्जा खत्म करने के लिए चलाए थे नकली नोट
पुलिस ने बताया था कि एजाज शेख और ललीत वर्मा कई दिनों से अलग-अलग दुकानों में नकली नोट चला रहे थे। बताया गया है कि कई दुकानों पर दोनों नकली नोट चला चुके है। वहीं एजाज नकली नोट चलाने को लेकर जब पकड़ाया था तो उसकी तबियत खराब हो गई और उसे जिला चिकित्सालय में भर्ती किया गया था। बताया जा रहा है कि ललीत वर्मा निवासी आंनद बाग एजेन्सी लेकर सामान बेचता था। साथ ही ललीत के ऊपर कर्ज भी था। जिसको लेकर वो परिचितों से 10 हजार रूपए की मांग भी कर रहा था। लेकिन किसी ने भी उसे रूपए नहीं दिए। बताया गया है कि एजेंसी चलाने के कारण उसकी दुकानों पर अच्छी पहचान थी। इसी का फायदा उठाकर नकली नोट चलाता था।

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