देवास। जिला लोक अभियोजन अधिकारी राजेन्द्र सिंह भदौरिया ने बताया कि दिनांक 27.01.2020 को अभियोक्त्री की मॉ ने थाना नाहर दरवाजा पर रिपोर्ट दर्ज कराई कि उसकी लडकी अभियोक्त्री जो स्कूल में पढती है वह घर से लापता है। उक्त सूचना पर से थाना नाहर दरवाजा द्वारा जांच की गई जिसके दौरान अभियोक्त्री आरोपी दर्पण के कब्जे से दस्तयाब हुई और अभियोक्त्री ने बताया कि आरोपी ने दिनांक 26.01.2020 को समय करीब शाम 7:20 बजे अभियोक्त्री को घर से बहला-फुसलाकर ले गया और उसकी इच्छा के विरूद्ध उससे विवाह करने के लिये एवं संभोग करने के लिये उसको विवश किया और उसके साथ मारपीट की। अभियोक्त्री ने यह भी बताया कि दिनांक 26.01.2020 से 18.03.2020 के मध्य महू स्थित एक टापरी में उसकी इच्छा के विरूद्ध उसके साथ एक से अधिक बार जबरदस्ती बलात्संग किया उस समय अभियोक्त्री अवयस्क बालिका थी। उक्त अपराध को विवेचना में लिया जाकर आवश्यक अनुसंधान पूर्ण कर अभियोग पत्र न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत किया। विशेष न्यायाधीश, पॉक्सो एक्ट द्वारा निर्णय पारित करते हुए आरोपी दर्पण परमार पिता मोहनलाल निवासी रेवाबाग को धारा 376(3), 376(2)(एन) भादवि तथा 3/4 व 5(एल)/6 पॉक्सो एक्ट में दोषी पाते हुये 20 वर्ष के सश्रम कारावास से तथा 500-500/- रूपये के अर्थदण्ड से दण्डित किया गया। उक्त प्रकरण में शासन की ओर से अभियोजन का सफल संचालन सुश्री ज्योति अजमेरा, सहायक जिला अभियोजन अधिकारी द्वारा किया गया एवं उक्त प्रकरण में आरक्षक हर्षवर्धन चौहान व महिला आरक्षक मालती नागर का विशेष सहयोग रहा।