देवास। उद्यानिकी विभाग ने 2 वर्ष के अंदर ही कई हितग्राहियों को एक ही खसरे पर योजना का लाभ दे दिया था। इसको लेकर जिले के कई ग्रामीण क्षेत्रों से शिकायतें सामने आई थी। इस मामले में पूर्व में करीब 15 प्रकरण दर्ज कर मामले को जांच में लिया था। जिसकी विवेचना लगभग पूर्ण हो चुकी है। इसी के तहत सोमवार को उज्जैन से लोकायुक्त टीम उद्यानिकी विभाग पहुंची जहां उन्होनें मामले से जुड़े दस्तावेजों को जांचा व उन्हें जब्त कर लिया।
उद्यानिकी विभाग देवास में सोमवार को अचानक उज्जैन से लोकायुक्त की टीम पहुंची। जहां उन्होनें ड्रीप संयत्र योजना से जुड़े दस्तावेजों को खंगाला था। इस संबंध में लोकायुक्त अधिकारी इंस्पेक्टर राजेन्द्र वर्मा ने बताया कि उद्यानिकी विभाग देवास में वर्ष 2013-14, 2014-15 में ड्रीप संयत्र कन्नौद व देवास में हितग्राहियों को बांटे गए थे। इन हितग्राहियों को दो बार यह संयत्र बांट दिए गए थे। जबकि योजना अंतर्गत 5 हेक्टयर तक अलग-अलग वर्ग के हिसाब से इसमें सब्सिडी दी जाती थी। 10 वर्ष के अंतराल में हितग्राही फायदा ले सकता था। लेकिन यहां पर पदस्थ उपसंचालक नरेश सिंह तौमर, तकनीकि प्रभारी इन्द्रमल बरबोडे, मेहरबान सिंह व अन्य अधिकारियो ने 15 हितग्राहियों को वर्ष वर्ष 2013-14, 2014-15 में इसी योजना का एक ही खसरे पर लाभ दिया था। इस संबंध में हमारे यहां 2015 में शिकायत हुई थी। जिसमें प्राथमिक जांच में 2015-16 में 15 प्रकरण दर्ज हुए थे प्रकरण में विवचेना लगभग पूर्ण हो गई है। इससे संबंधित कुछ मूल जो अभी तक रिकार्ड उद्यानिकी विभाग से प्राप्त नहीं हुआ था उसे जब्त करने के लिए टीम के साथ उद्यानिकी विभाग देवास आया था।