कडक़ड़ाती ठंड ने दिखाया असर : कलेक्टर के आदेश पर बदला स्कूलों का समय
नर्सरी से 12 वीं तक के सभी स्कूल 10 बजे के बाद संचालित होंगे

देवास। पिछले तीन दिनों से कड़ाके की ठंड की चपेट में चल रहे देवास जिले में जनजीवन बुरी तरह से प्रभावित हो रहा है। ठंड के तेज असर को देखते हुए लगातार दूसरेे दिन स्कूलों के समय में बदलाव किया गया है। नए आदेश के अनुसार स्कूलों का संचालन सुबह 10 बजे के पहले नहीं हो सकेगा।
तीन दिन पहले देवास में रात का तापमान 7 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया था जो मंगलवार-बुधवार की रात को और घटकर 6 डिग्री तक पहुंच गया था। बुधवार को जारी हुए आदेश के अनुसार कक्षाओं का संचालन 9 बजे के बाद से करना अनिवार्य किया गया था, इसके बाद गुरुवार को ठंड का असर और बढऩे और आसपास के कई जिलों में अवकाश घोषित होने की स्थितियों के बीच देवास में समय में एक बार फिर से बदलाव का आदेश जारी किया गया जो शुक्रवार से प्रभावी हो जाएगा। कक्षाओं के समय को लेकर सोशल मीडिया पर लोग सक्रिय थे, कोई समय आगे बढ़ाने और कोई अवकाश घोषित करने की मांग कर रहा था।
एक घंटे पहले बसें पहुंच रही बच्चों को लेने
बच्चों को ठंड से बचाने के प्रयासों के तहत समय में बदलाव भले ही किया जा रहा हो लेकिन शहर व अंचल के कई निजी स्कूल बच्चों को घर से लेने के एिल एक घंटे पहले ही बसें भेज रहे है। गुरुवार को सुबह 8 बजे से ही कई बच्चों को बसों में सवार होते हुए देखा गया। ऐसे में सवाल ये उठ रहे हैं कि क्या बच्चे वास्तव में ठंड से बच पा रहे हैं।
बसें कम, बच्चे ज्यादा, लग रहे तीन से चार चक्कर
शहर व अंचल के कई निजी स्कूल ऐसे हैं जहां पर विद्यार्थियों की संख्या बहुत ज्यादा है लेकिन बसों की संख्या कम हैं। ऐसे में ये बसें दो से लेकर कहीं तीन तो कहीं चार चक्कर तक लगा रही हैं।
यह जारी किए कलेक्टर ने आदेश
जिला अन्तर्गत समस्त शासकीय/अशासकीय अनुदान प्राप्त/मान्यता प्राप्त/सीबीएसई/आईसीएसई/ माध्यमिक शिक्षा मण्डल एवं समस्त बोर्ड से संबद्ध विद्यालयों के प्राचार्य/संचालकों को कलेक्टर एवं जिला दण्डाधिकारी ऋषव गुप्ता निर्देशित किया है कि शीतऋतु एवं तापमान में आई गिरावट को दृष्टिगत रखते हुए छात्रहित में कक्षा नर्सरी से कक्षा 12 वीं तक के समस्त विद्यालयों के संचालन समय में परिवर्तन करते हुए, अपने-अपने स्कूलों का संचालन आगामी आदेश तक प्रात: 10 बजे के बाद से करना सुनिश्चित करें। परीक्षा संचालन समय यथावत रहेगा।

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