देवास। जिला पंचायत अध्यक्ष व उपाध्यक्ष के लिए निर्वाचन प्रक्रिया शुक्रवार सुबह जिला पंचायत कार्यालय में की गई थी। सुबह से ही जिला पंचायत कार्यालय के आसपास बेरिकेट्स लगा दिए थे। वाहनों का आवागमन पूरी तरह से प्रतिबंधित था। दोपहर 11 बजे से जिला पंचायत कार्यालय के बाहर नेताओं और समर्थकों का मजमा लगाना शुरू हो गया था। वाहनों के मार्ग को डायवर्ट भी कर दिया था। सबसे पहले कांग्रेस के 11 जिला पंचायत सदस्य पूर्व मंत्री व शहर कांग्रेस अध्यक्ष की गाड़ी में पहुंचे थे। बताया गया है कि सभी सदस्यों को गुरूवार रात्रि से ही एक निजी होटल में रखा गया था। वहीं कुछ देर के बाद भाजपा के 6 सदस्य विधायक पुत्र के साथ पहुंचे थे। यहां पर विधायक पुत्र जिला पंचायत कार्यालय में चले गए थे। जिस पर कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने इस पर विरोध प्रकट किया और बेरिकेट्स हटाकर कार्यालय के बाहर प्रदर्शन करते हुए नारेबाजी करने लगे। इसी बीच भाजपा जिलाध्यक्ष व शहर कांग्रेस अध्यक्ष के बीच मामूली तू-तू-मैं-मैं हो गई थी। दोपहर 2 बजे के बाद अध्यक्ष का परिणाम आया जिसमें कांग्रेस की महिला जिला पंचायत अध्यक्ष 5 वोट से विजयी हुई। वहीं दोपहर के 4 बजे के बाद उपाध्यक्ष पद के लिए निर्वाचन हुआ जिसमें उपाध्यक्ष 6 वोट से विजयी हुए। कहा जाए तो भाजपा का पूरे जिले में सुपड़ा साफ कर दिया।
जिला पंचायत अध्यक्ष व उपाध्यक्ष चुनाव को लेकर काफी गर्मी बनी हुई थी, वह शुक्रवार को पूरी तरह से खत्म हो गई। चुनावी सरगर्मी में कांग्रेस ने अपना कब्जा जमा लिया, यहां पर कांग्रेस की लीला अटारिया ने भाजपा की सौरम बाई को 5 वोटों से चुनाव हराया। वहीं उपाध्यक्ष के लिए रघुवीर सिंह बघेल ने भाजपा की सुशीला सेंधव को 6 वोटों से चुनाव हराया। उल्लेखनीय है कि देवास जिला पंचायत अध्यक्ष सीट अनुसूचित जाति महिला के लिए आरक्षित थी। इस तरह से पूरी तरह से कांग्रेस का जिला पंचायत पर कब्जा बन गया। सुबह से ही कयास लगाए जा रहे थे कि कांग्रेस का जिस तरह से जनपद पर कब्जा जमा है उसी प्रकार से जिला पंचायत में भी कब्जा कांग्रेस का हो सकता है। हांलाकि कुछ लोगों ने तो सोशल मीडिया पर अध्यक्ष व उपाध्यक्ष के नामों की घोषणा भी कर दी थी। उसी के चलते अंतत: कांग्रेस के दोनों उम्मीदवारों ने जीत दर्ज कर बड़ा किला विजयी किया है।
भाजपा जिलाध्यक्ष व शहर कांग्रेस अध्यक्ष के बीच हुई बहस
जब एक और भाजपा की और से विधायक पुत्र विक्रम सिंह पवार जिला पंचायत कार्यालय में पहुंचे तो वैसे ही बेरिकेट्स के बाहर खड़े कांग्रेसियोंं ने इसका जमकर विरोध किया और बेरिकेटस तोडक़र कार्यालय के बाहर आकर हंगामा करने लगे। इस बीच भाजपा जिलाध्यक्ष राजीव खंडेलवाल और शहर कांग्रेस अध्यक्ष मनोज राजानी के बीच मामूली तू-तू-मैं-मैं के साथ बहस हो गई थी। बहसबाजी के बीच यातायात डीएसपी किरण शर्मा ने दोनों नेताओं को अलग-अलग किया था।
यातायात डायवर्ट करने से लोग हुए परेशान
जिला पंचायत चुनाव के चलते जिला पंचायत कार्यालय के बाहर बेरिकेट लगाकर मार्ग परिवर्तित कर दिए थे। जिससे लोगों को आवागमन करने में काफी जद्दोजहद करना पड़ी थी। जिला चिकित्सालय तिराहा, एबी रोड़ पर यातायात का दबाव काफी अधिक बन गया था। यहीं से चुनाव के कारण शहर के अंदर की और जाने वाले यातायात को डायवर्ट किया गया था। ऐसे में लोगों को चक्कर लगाकर सिविल लाइन चौराहा से सयाजी द्वार से होकर जाना पड़ा, वहीं शहर से जिला अस्पताल की और आने वाले भी चक्कर लगाकर आ रहे थे। इससे सबसे बड़ी समस्या सयाजी द्वार के आसपास हो गई जहां रांग साइड चलने वालों की संख्या भी बढ़ गई थी।
पूर्व में भी सरपंच पद पर रही नवर्विाचित अध्यक्ष
नवनिर्वाचित जिला पंचायत अध्यक्ष श्रीमती लीलाबाई अटारिया एक गृहणी होने के साथ-साथ राजनीति में काफी समय से कार्य कर रही है। पूर्व में इनकी सास स्व. श्रीमती रंभा बाई अटारिया कांग्रेस से 2005 से 2010 तक ग्राम सालमखेड़ी से सरपंच पद पर रही है। उनके बाद कांग्रेस से 2010 से 2015 तक श्रीमती लीलाबाई अटारिया गृह ग्राम सालमखेड़ी से सरपंच पद पर रही थी। श्रीमती अटारिया की उम्र 49 वर्ष है इनकी शिक्षा कक्षा 12 वीं तक रही है। इनके पति श्री भेरूलाल अटारिया पुलिस विभाग में वर्षों से पदस्थ है। वे वर्तमान में 1 मई 2015 से आगर में पदस्थ है। इनके दो पुत्र है जिसमें बड़ा बेटा देवेन्द्र अटारिया देवास में पटवारी के पद पर पदस्थ है, छोटा बेटा विरेन्द्र अटारिया पुलिस विभाग की 32 बटालियन उज्जैन में पदस्थ है।
ऐसे मिली कांग्रेस को बड़ी विजय
जिला पंचायत अध्यक्ष के लिए कुल 18 वोट डाले गए थे। जिसमें 17 मत विधिमान्य पाए गए व 1 मत निरस्त हो गया था। जिसमें से कांग्रेस की श्रीमती लीलबाई अटारिया को 11 मत मिले व भाजपा की श्रीमती सौरम बाई को 6 मत प्राप्त हुए थे। जिसके चलते श्रीमती अटारिया 5 मतों से विजयी हुई थी। वहीं उपाध्यक्ष पद के लिए कुल 18 मत डाले गए थे। जिसमें सभी मत विधिमान्य पाए गए, जिसमें 12 वोट रघुवीर सिंह बघेल को मिले व भाजपा की श्रीमती सुशीला सेंधव को 6 वोट ही मिल पाए थे। इस तरह से उपाध्यक्ष के लिए रघुवीर सिंह बघेल 6 वोटों से विजयी हुए।
मैं भागने वाला अध्यक्ष नहीं हूं : राजानी
जिला पंचायत अध्यक्ष श्रीमती लीला बाई अटारिया व उपाध्यक्ष रघुवीर सिंह बघेल ने जीत का श्रेय पूर्व मंत्री सज्जनसिंह वर्मा को देते हुए कहा कि उनकी रणनीति से हमने चुनाव में विजय हांसिल की है। वहीं शहर कांग्रेस अध्यक्ष मनोज राजानी ने कहा कि जीत का श्रेय जिले के सभी कांग्रेस नेता व सज्जनसिंह वर्मा को बताते हुए कहा कि सभी को एक सूत्र में किया था। इसका असर आगामी विधानसभा चुनाव 2023 में भी देखने को मिलेगा। वहीं नगरीय निकाय चुनाव में मिली हार को स्वीकार करते हुए कहा कि मैं भागने वाला अध्यक्ष नहीं हूं, कहीं ना कहीं हमारी कमजोरी रही है उसे हम दुरूस्त करेंगे। नगरीय क्षेत्र में इस बार फिर से मेहनत करके नए सिरे से रणनीति बनाकर 2023 में हम निश्चित ही चुनाव में विजय होंगे।
मंदिर में जाकर भगवान का लिया आर्शीवाद
चुनाव में विजयी होने के बाद कांग्रेस खेमे में उत्साह का माहौल था। निर्वाचित होने के बाद कांग्रेस कार्यकर्ताओं द्वारा अध्यक्ष व उपाध्यक्ष के साथ जिला पंचायत के समीप ही साईं बाबा के दर्शन करके एमजी रोड़ स्थित खेड़ापति हनुमान मंदिर में जाकर मत्था टेककर भगवान हनुमान जी के आर्शीवाद लिए थे। इस दौरान सैकड़ों की संख्या में कांग्रेस कार्यकर्ता भी मौजूद रहे थे।