जिला चिकित्सालय के डॉक्टरों ने किया पूर्णकालिक काम बंद, दोपहर में हुई हड़ताल खत्म
-मरीजों को हुई परेशानियां, अमलतास अस्पताल से आई 20 डॉक्टरों की टीम, फिर हुआ उपचार
-अधिकारियों और डॉक्टरों के बीच हुई तीखी नोंकझोंक, एडीएम की समझाईश पर हुआ मामला शांत

देवास। शासकीय चिकित्सक महासंघ के तत्वधान में चिकित्सा बचाव चिकित्सक बचाओ आंदोलन जिला चिकित्सालय में गत 15 फरवरी से शुरू हुआ, जिसके तहत डॉक्टरों ने काली पट्टी बांधकर विरोध प्रदर्शन किया था। 16 फरवरी को 2 घंटे काम बंद कर विरोध दर्ज किया, शुक्रवार को पूर्णकालिक रूप से काम बंद करने की तैयारी की गई थी। इस दौरान यहां आए मरीजों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा। कुछ मरीज यहां आए लेकिन उनका उपचार नहीं हुआ तो उन्होनें नाराजगी जताई और सीएमएचओ से इस बात को लेकर मिलने पहुंचे जहां सीएमएचओ ने उन्हें समझाईश देते हुए कहा कि अमलतास अस्पताल से डॉक्टरों की टीम आ रही है आप सभी लोगों का उपचार किया जाएगा। कुछ देर के बाद अमलतास अस्पताल की 20 डॉक्टरों की टीम जिला चिकित्सालय पहुंची, जहां चिकित्सालय के डॉक्टरों ने उन्हें भी काम नहीं करने दिया। इस बात की सूचना जिला प्रशासन को लगी, उसके बाद मौके पर संयुक्त कलेक्टर, एसडीएम, तहसीलदार व पुलिस बल पंहुचा और अमलतास से आए डॉक्टरों ओपीडी में उपचार करने के लिए पुलिस की मौजूदगी में बैठाया। जिला चिकित्सालय के डॉक्टरों से चर्चा करने पहुंचे प्रशासनिक अधिकारियों की टीम से डॉक्टरों की एसडीएम, तहसीलदार से बहसबाजी हो गई। काफी देर तक हंगामा बना रहा पुलिस ने भी मोर्चा संभाले रखा था। दोपहर में एडीएम चिकित्सालय आए जहां एसडीएम से माफी मांगने की बात पर डॉक्टर अड़े रहे। काफी देर तक एडीएम और डॉक्टरों की चर्चाएं चलती रही उसके बाद भोपाल से हड़ताल समाप्त करने के आदेश आए उसके बाद डॉक्टरों की हड़ताल समाप्त हो गई। एसडीएम से हुई नोंकझोंक को लेकर डॉक्टरों की टीम एसडीएम को चिकित्सालय बुलाने को लेकर अड़ी रही एडीएम ने डॉक्टरों को समझाईश दी उसके बाद चाय पर बात बनी और मामला शांत हुआ। संभवत: शनिवार से चिकित्सालय के डॉक्टर पुन: काम पर लौटेंगे।


मप्र शासकीय चिकित्सक महासंघ के तत्वाधान में जिला चिकित्सालय के डॉक्टर भी गत 15 फरवरी से अपनी विभिन्न मांगों को लेकर विरोध कर रहे थे। शुक्रवार 17 फरवरी को पूर्णकालिक रूप से काम बंद कर चुके थे। यहां आ रहे मरीजों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा। सुबह एक और डॉक्टर काम बंद कर हड़ताल पर थे वहीं दूसरी और आपातकालीन कक्ष में मरीज विभिन्न बिमारियों का उपचार कराने के लिए पहुंचे तो उन्हें ओपीडी में पहुंचा दिया जहां डॉक्टर नहीं मिले। इस बात से नाराज मरीज सीधे सीएमएचओ के पास पहुंचे जहां संयुक्त कलेक्टर प्रतीक राव सहित प्रशासनिक टीम के साथ अमलतास अस्पताल के प्रबंधन भी मौजूद थे। सीएमएचओ एमपी शर्मा ने कहा कि ये आफिस वाला पार्ट है आप लोग अस्पताल में जाइए वहां पर ओपीडी के कक्ष क्रमांक 4 में आपकी व्यवस्था की गई है। जहां इमरजेंसी व अन्य मरीजों को डॉक्टर देख रहे हंै। यहां पर हम लोग प्लानिंग कर रहे हैं। एक मरीज ने कहा कि आप डॉक्टर हमारे लिए भगवान हैं।


अमलतास के 20 डॉक्टरों की टीम पंहुची, रोकने गए डॉक्टर
जिला चिकित्सालय में डॉक्टरों के काम बंद करने के बाद जिला प्रशासन के निर्देश पर अमलतास अस्पताल से 20 डॉक्टरों को जिला चिकित्सालय भेजा जहां उन्हें अलग-अलग कक्ष में मरीजों का उपचार करने के लिए बैठाया गया। डॉक्टरों की टीम के साथ 20 से अधिक पटवारी और पुलिस जवानों की ड्युटी भी लगाई गई थी। इस बीच हड़ताल कर रहे डॉक्टरों की टीम प्रशासनिक अधिकारियों से चर्चा करने पहुंची जहां डॉक्टरों ने कहा कि हम लोग हड़ताल पर हैं यहां पर काम नहीं करने देंगे। जिस पर एसडीएम प्रदीप सोनी ने कहा कि आप लोगों की हड़ताल है आप एक और बैठकर अपनी हड़ताल कर सकते हैं। इस बीच संयुक्त कलेक्टर प्रतीक राव ने कहा कि आप लोग ऐसे ही किसी को रोक नहीं सकते हैं। अधिकारियों ने अमलतास के डॉक्टरों को बुलाने के लिए कहा जिसके बाद अमलतास के डॉक्टरों की टीम आई उन्हें तहसीलदार हलदार कक्षों में बैठाने के लिए ले गए और उन्हें कक्षों में बैठाकर उनके साथ पटवारियों व पुलिस आरक्षकों की ड्युटी भी लगा दी गई।


डॉक्टरों व अधिकारियों के बीच हुई तीखी नोंकझोंक
अमलतास के डॉक्टरों की टीम अस्पताल में उपचार कर रही थी उस दौरान चिकित्सालय के डॉक्टर चैनल गेट पर पहुंचे और अमलतास के डॉक्टरों की टीम को काम से रोकने के लिए अंदर जाने लगे। इस बीच संयुक्त कलेक्टर प्रतीक राव, एसडीएम प्रदीप सोनी, तहसीलदार हलदर डॉक्टरों को रोकने पहुंचे जहां कोतवाली थाने का पुलिस बल भी मौजूद था। उस दौरान तहसीलदार ने कहा कि आप लोगों को हड़ताल करना है तो एक और बैठो कौन मना कर रहा है आपको, आप क्या दादागिरी करोगे हम लोगों के साथ। इस बीच डॉक्टर ने कहा कि हम बदतमीजी नहीं कर रहे हैं। इस दौरान एसडीएम प्रदीप सोनी से भी बहसबाजी हो गई। जहां एसडीएम ने कह दिया कि आप लोग दादागिरी करेंगे तो अंदर करा दूंगा। उन्होनें कहा कि आप लोगों से तमीज से बात कर रहा हूं तो आप भी तमीज से बात करें।


दवा का काउंटर बंद कराया, तो तहसीलदार ने चालू कराया
जिला चिकित्सालय के डॉक्टरों की टीम ने काम बंद के दौरान दवाई के काउंटर को भी बंद करा दिया, जिस पर मरीजों को दवा लेने के लिए काफी परेशानी हुई। इस बीच तहसीलदार हलदर ने दवाई वितरित कर रहे कर्मियों को बुलाया और दवा वितरित करने के लिए कहा और एक पुलिस जवान की ड्युटी भी लगा दी गई।


एडीएम को एसडीएम की शिकायतें की
जिला चिकित्सालय में हुए हंगामे की सूचना मिलते ही मौके पर एडीएम महेन्द्र सिंह कवचे भी पहुंचे जहां उन्होनें चिकित्सालय के डॉक्टरों की बात सुनी डॉक्टरों ने कहा कि एसडीएम प्रदीप सोनी यहां आकर माफी मांग लें। वहीं डॉक्टरों ने एडीएम को बताया कि एसडीएम ने कहा था कि वह हमें जेल में बंद कर देंगे। डॉक्टरो ने कहा कि हमारे अधिकारों का भी हनन है। एडीएम से शिकायत करते हुए कहा कि एसडीएम जब भी अस्पताल आते हैं हमारे साथ कर्मचारियों जैसा व्यवहार करते हैं। वहीं डॉक्टरो ने कहा कि एक एसडीएम के लिए एडीएम खुद आए हैं इस देख लो कि एसडीएम का पॉवर कितना है। कुछ देर के बाद एडीएम ने डॉक्टरो को कहा कि अब मामला शांत करें और चाय पर बात खत्म हुई।


एक दिन पूर्व से की थी तैयारी
संयुक्त कलेक्टर प्रतीक राव ने बताया कि यहां सुबह से डॉक्टर हड़ताल पर थे। कलेक्टर साहब के निर्देश पर यहां अस्पताल में पहुंचे थे निरीक्षण में हमने पहले देखा कि अस्पताल में कितने क्रिटीकल मरीज है। उन्हें कहीं बड़े अस्पताल में रैफर करने की जरूरत तो नहीं है। एक दिन पूर्व रात में हमने बड़े अधिकारियों के साथ प्लानिंग कर ली थी। अमलतास अस्पताल से कुछ डॉक्टरों को बुलाया था। जो अस्पताल की पूरी व्यवस्था देख रहे थे।


कुछ गलतफहमी हो गई थी
एडीएम महेन्द्र कवचे ने बताया कि सुबह कुछ गलतफमी हो गई थी। एक दूसरे को नहीं जान पा रहे थे इसके चलते कुछ बहसबाजी हो गई थी। अब सारी व्यवस्थाएं सामान्य हो गई है। सब समझ गए है राज्य स्तर से हड़ताल समाप्त कर दी गई है डॉक्टरों ने काम शुरु कर दिया है। किसी प्रकार का कोई मतभेद नहीं है।

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