माँ गई थी मंदिर के समीप चाबी देने, लौटी तो झूले की रस्सी में उलझी मिली 11 वर्षीय बच्ची ……..

देवास। शहर के मल्हार कॉलोनी स्थित आड़ी पट्टी में कक्षा 5 वीं में पढऩे वाली किशोरी की सोमवार शाम को मौत हो गई थी। बताया गया है कि 11 साल की बच्ची को उसकी मां उसे छोटे भाई की देखभाल के लिए घर पर छोडक़र पास ही मंदिर के समीप दूसरे घर चाबी देने गई थी। कुछ देर बाद जब वह लौटी तो बच्ची झूले की रस्सी में उलझी लटकी मिली। जिसे देख माँ बदहवास हो गई और बच्ची को जिला चिकित्सालय लेकर आए जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। घटना की सूचना मिलते ही मौके पर औद्योगिक थाना पुलिस मौके पर पहुंची थी। मंगलवार सुबह बच्ची का पोस्टमार्टम कर शव परिजनों को सौंप दिया गया था। मामले को लेकर पुलिस ने मर्ग कायम कर प्रकरण को जांच में लिया है।


आड़ी पट्टी क्षेत्र में सोमवार शाम को एक बच्ची का शव झूले की रस्सी में उलझा हुआ मिला था। इस संबंध में परिजनों ने बताया कि दिव्यानी (दीक्षा) पिता दीपक मकवाणा उम्र 11 वर्ष को उसकी माँ 1 वर्षीय छोटे भाई की देखभाल करने के लिए मंदिर के समीप दूसरे घर चाबी देने गई थी। वहां से लौटी तो बच्ची को झूले की रस्सी में बच्ची उलझी अवस्था मेें मिली। छोटा भाई पास ही सो रहा था। बच्ची की हालत देखकर माँ बदहवास हो गई। घटना की सूचना मिलते ही मौके पर पुलिस पहुंची और बच्ची को जिला अस्पताल पहुंचाया गया। जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। घटना के दौरान बच्ची के पिता उदयपुर (राजस्थान) गए हुए थे। बताया गया है कि बच्ची के पिता दीपक मकवाणा पेंटिग का कार्य करते हैं। उसी के काम से वे उदयपुर गए हुए थे। जो घटना की सूचना मिलते ही मंगलवार सुबह यहां पहुंचे थे। मंगलवार सुबह बच्ची का पोस्टमार्टम कर शव परिजनों को सौंप दिया गया था। वहीं मामले को लेकर औद्योगिक थाना पुलिस ने मर्ग कायम कर प्रकरण को जांच में लिया है।


पिता ने की निष्पक्ष जांच की मांग
बच्ची के पिता दीपक मकवाणा ने बताया कि में काम करने उदयपुर राजस्थान गया था। मुझे सोमवार शाम को पत्नी ने कॉल कर घटना की जानकारी दी। बच्ची झूले की रस्सी से लटकी हुई थी। उसने मामले की निष्पक्ष जांच की मांग की। उसने कहा कि हमारे परिवार में आए दिन विवाद होते रहते हैं। मेरे साथ किसी ने दुश्मनी निकालने के कारण मेरी बच्ची के साथ यह सब किया है। विवाद के कारण हम नीचे से ऊपर शिफ्ट हो गए थे, उसके बाद भी आए दिन विवाद होते रहते थे।

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