इंदौर रेलवे स्टेशन से गुम हुई 3 वर्ष की बच्ची दो घंटे के बाद देवास जिला चिकित्सालय में मिली माँ ने इंदौर जीआरपी थाने पर कराई थी गुमशुदगी दर्ज, आरक्षक की सर्तकता से मिली बच्ची

देवास। इंदौर से गुम हुई तीन वर्ष की बालिका दो घंटे के बाद बुधवार रात को जिला चिकित्सालय में पुलिस चौकी के आरक्षक को मिली। बच्ची को जिला चिकित्सालय स्थित वन स्टॉप सेंटर पर रखा गया था। बच्ची के मिलने की सूचना मिलने पर उसकी माँ इंदौर से जिला चिकित्सालय पहुंची जहां बच्ची की काउंसलिंग कर उसे कोतवाली थाना पुलिस ने माँ के सुपुर्द कर दिया। बच्ची की मां ने इंदौर में बालिका के गुम होने की गुमशुदगी भी दर्ज करवाई थी। मां ने आशंका जताई है कि उसकी बेटी को इंइौर से देवास लाया गया है। बच्ची मिलने के बाद माँ खुश हो गई और पुलिस को धन्यवाद दिया।


जानकारी के अनुसार बुधवार शाम को इंदौर रेलवे स्टेशन के प्लेट फार्म क्रमांक 1 से तीन वर्ष की बच्ची कोमल पिता पंकज माली गुम हो गई थी जो देवास जिला अस्पताल स्थित पुलिस चौकी के समीप आरक्षक अभिषेक यादव को घूमते हुए मिली। आरक्षक यादव ने बच्ची से पूछताछ की और उससे अपना पता पूछा लेकिन वह कुछ भी बताने में असमर्थ थी। उसके बाद अभिषेक यादव ने इस बात की सूचना कोतवाली थाने पर दी थी। वहीं दूसरी और माँ अंजली पति पंकज माली निवासी खजराना दरगाह के पास ने इंदौर अपनी बच्ची को यहां-वहां तलाश रही थी। माँ ने गुमशुदगी जीआरपी थाना इंदौर में दर्ज कराई थी। कुछ देर के बाद जीआरपी थाना पुलिस ने मां को सूचना दी कि तुम्हारी बेटी जैसी हुलिए की एक बच्ची देवास जिला चिकित्सालय में मिली है। पुलिस ने माँ को तस्वीर बताई उसने बच्ची की पहचाना उसके बाद वह देर रात को जिला चिकित्सालय पहुंची जहां वह उसकी बच्ची से मिली। बच्ची को वन स्टॉप सेंटर पर सुरक्षित रखा गया था। रात को ही बच्ची को प्राथमिक चिकित्सा भी दे दी गई थी। गुरुवार दोपहर में बच्ची कोमल व उसकी मां की काउंसलिंग की गई, उसके बाद उन्हें कोतवाली थाने पर ले जाया गया। वहां पर भी माँ से चर्चा की गई। उसके बाद बच्ची को माँ के सुपुर्द कर दिया गया।


कोतवाली थाना प्रभारी दीपक यादव ने बताया कि इंदौर रेलवे स्टेशन पर अंजली पति पंकज माली जो प्लेट फार्म पर ही बैठी रहती है, अंजली के पति नहीं है यहां-वहां से मांग कर खाना खाती है। बुधवार शाम को प्लेटफार्म क्रमांक 1 पर सोई हुई थी, इसके साथ इसकी बच्ची भी थी। माँ जब सोकर उठी तो बच्ची वहां से गायब थी। अंजली ने गुमशुदगी जीआरपी थाने पर दर्ज कराई थी। रात करीब 8 बजे जिला चिकित्सालय के आरक्षक अभिषेक यादव को घूमती हुई मिली थी। बच्ची का नाम पता पूछने पर वह कुछ बता नहीं पा रही थी। आरक्षक यादव ने इसकी फोटो सोशल मीडिया पर डाली थी। जिसके बाद देर रात 11 बजे तक बच्ची के बारे में कोई जानकारी नहीं मिली। जिसके बाद उसे वन स्टॉप सेंटर में भेज दिया गया। देर रात करीब 12 बजे इंदौर से बच्ची के बारे में जानकारी आई गुरुवार दोपहर में जीआरपी पुलिस इंदौर यहां आई उसके बाद पुलिस ने बच्ची को माँ के सुुपुर्द किया। इंदौर से शाम 6 बजे लापता हुई थी, जो दो घंटों के बाद देवास जिला चिकित्सालय में मिली है। इस मामले में आरक्षक अभिषेक यादव ने पूरी सर्तकता व सावधानी के साथ कार्रवाई की है। बालिका इंदौर से देवास कैसे पहुंची इसकी जांच की जा रही है।
मां ने करवाई थी गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज
बच्ची की माँ अंजली पति स्व.पंकज माली उम्र 40 वर्ष निवासी खजराना दरगाह के पास ने इंदौर में गुमशुदगी का प्रकरण दर्ज करवाकर पुलिस को बताया था कि पति की मौत के बाद वह मजदूरी करती है। 11 अक्टूबर को वह काम की तलाश में रेलवे स्टेशन पर अपनी बेटी के साथ आई थी। फुट औवर ब्रीज के पास वह सो गई थी और बेटी उसके साथ बेटी बैठी थी। जब उसकी नींद खुली तो 6 बजे उसकी बेटी उसे नहीं दिखाई दी। उसके बाद जीआरपी थाने पर रिपोर्ट दर्ज करवाई। 

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