इंदौर-कलेक्टर मनीष सिंह में निजी अस्पतालों और लैब की लूट पट्टी की मिल रही शिकायतों और मुख्यमंत्री द्वारा दिए गए निर्देशों के तहत एक महत्वपूर्ण आदेश जारी किया है , जिसमें अब सभी निजी लैब ₹ 2500 से ज्यादा टेस्टिंग राशि नहीं ले सकेंगे , इसमें घर से कलेक्शन लेने का चार्ज भी शामिल रहेगा . अभी 4500 से लेकर ₹5000 तक की राशि टेस्टिंग के नाम पर वसूल की जा रही है . अब कोविड मरीजों को जो अस्पताल में भर्ती हैं , उनमें से केवल गंभीर मरीजों की ही बाद में टेस्टिंग निजी लैब से होगी, हल्के लक्षण वाले मरीजों की , जो पूरी तरह स्वस्थ हैं ,उन्हें 3 दिन बाद ही अस्पताल से होम आइसोलेशन में शिफ्ट किया जा सकेगा , अब 10 दिनों तक अस्पताल में रखने की अनिवार्यता नहीं रहेगी , इसके लिए होम आइसोलेशन कंट्रोल रूम के दो डॉक्टरों को जिम्मेदारी सौंपी गई है . इससे अस्पताल के बढ़े हुए बिल से भी मरीज और परिजन बच सकेंगे , होम आइसोलेशन में भी अब 10 दिन बाद डिस्चार्ज किया जा सकेगा, लेकिन पर्याप्त मेडिकल चेकअप के बाद ही . कोई मरीज अगर किसी अस्पताल में भर्ती है और अगर वह अन्य अस्पताल में शिफ्ट होना चाहता है तो अपनी सहमति पर वहां से शिफ्ट हो सकेगा , इसके साथ ही किसी विशेष दवाई या इंजेक्शन की खरीदी के लिए भी अस्पताल प्रबंधन मरीज या परिजनों पर दबाव नहीं डाल सकेंगे , बाहर यानी मार्केट से भी यह दवाई ली जा सकेगी , बिना लक्षण वाले मरीजों जिन्हें अस्पताल में भर्ती होने की जरूरत नहीं है , वे घर या कोविड केयर सेंटर पर रहकर स्वास्थ्य लाभ ले सकेंगे और होम आइसोलेशन ऐप के जरिए उनके उपचार , स्वास्थ पर सतत निगरानी रहेगी .