लॉकडाउन के दौरान इंदौर का व्यापारी बनकर की थी कृषकों के साथ धोखधड़ी
न्यायालय ने आरोपी को 3 वर्ष के कारावास के साथ दिया अर्थदंड

देवास। प्रभारी उप संचालक अभियोजन/जिला लोक अभियोजन अधिकारी राजेन्द्र सिंह भदौरिया द्वारा बताया गया कि अभियोजन का मामला संक्षेप में इस प्रकार है कि दिनांक 23अप्रेल 2020 से 10 मई 2020 के बीच में आरोपी लेखराज द्वारा इन्दौर का व्यापारी बनकर ग्राम संवरसी तहसील टोंकखुर्द जिला देवास के किसान श्यामलाल, प्रवीण, सागर, मनोहर आदि के साथ कृषि उपज लहसुन, प्याज एवं गेहूॅ का सौदा कर धोखाधड़ी से गॉव से ले गये थे। कृषि उपज की कुल रकम 51,43,880/- रूपये थी जिसमें से 7,58,000/- रूपये अभियुक्त द्वारा दिये गये थे तथा 43,85,880 /- रूपये की धोखाधडी हमारे अन्न दाता किसानों के साथ आरोपी द्वारा की गई थी। कृषकों द्वारा भौंरासा थाने में आरोपीगण के विरूद्ध लिखित में शिकायती की गई थी जिस पर थाना भौंरासा में धारा 420, 406 भादवि का अपराध आरोपी लेखराज के विरूद्ध पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया। अन्य आवश्यक अनुसंधान पूर्ण कर अभियोग पत्र न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत किया गया। मुख्य न्यायिक मजिस्टे्रट समक्ष: शिव कुमार कौशल द्वारा निर्णय पारित करते हुये आरोपी लेखराज पिता सालिगराम को धारा 420 के अपराध में दोषी पाते हुये 3 वर्ष का सश्रम कारावास व प्रत्यके फरियादी कृषक के लिये 1,00,000-1,00,000/- रूपये के अर्थदण्ड से तथा धारा 406 भादवि के अपराध में दोषी पाते हुये 3 वर्ष का सश्रम कारावास व प्रत्येक फरियादी कृषक के लिये 50,000-50,000/- रूपये के अर्थदण्ड से दण्डित किया गया। उक्त प्रकरण में शासन की ओर से अभियोजन का सफल संचालन रईस शेख, सहायक जिला अभियोजन अधिकारी द्वारा किया गया एवं उक्त प्रकरण की विवेचना थाना प्रभारी भौंरासा श्रीमती नीता देअरवाल द्वारा की गई, तथा कोर्ट मोहर्रिर आरक्षक गणेश परमार तथा आरक्षक यशवंत का विशेष सहयोग रहा।

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