देवास। आखिरकार लंबी खींचतान के बाद भाजपा ने महापौर प्रत्याशी का नाम घोषित कर दिया। इसस पहले कांग्रेस ने अपना प्रत्याशी चुन लिया था। भाजपा में दोवदारों की सूची भी बड़ी थी जिस पर प्रत्याशी घोषित नहीं हो पा रहा था। ऐसा प्रतीत हो रहा है कि दावेदारों की भीड़ में एक प्रत्याशी को चुनना भी पार्टी के बड़े नेताओं के लिए आसान नहीं दिख रहा था। खैर अब भाजपा ने कांग्रेस की ब्राह्मण प्रत्याशी के सामने विकास प्राधीकरण के पूर्व उपाध्यक्ष की पत्नी को प्रत्याशी बनाया है। वैसे चर्चा है कि भाजपा के इस नाम से कई पार्टी के नेता असंतुष्ट नजर आ रहे हैं। चर्चा है कि आने वाले समय में पार्टी की और से एक निर्दलीय प्रत्याशी सामने हो सकता है। महापौर पद के लिए इस कांटों भरी राह में कौन बनेगा महापौर यह अब देखना है। वैसे छोटी चर्चा के दौरान भाजपा प्रत्याशी जो गृहणी है उनकी प्राथमिकता शहर की स्वच्छता है। इससे पहले कांग्रेस की प्रत्याशी ने भी चर्चा के दौरान स्वच्छता को ही प्राथमिकता दी थी।
सत्ता और संगठन की लंबी खींचतान के बाद भाजपा ने सहमति बनाकर महापौर प्रत्याशी के लिए गीता अग्रवाल का नाम घोषित किया। गीता विकास प्राधिकरण के पूर्व उपाध्यक्ष व वरिष्ठ नेता दुर्गेश अग्रवाल की पत्नी हैं। पूर्व मंत्री स्व. तुकोजीराव पवार व विधायक गायत्री राजे पवार के करीबी नेता हैं अग्रवाल। उल्लेखनीय है कि महापौर प्रत्याशी के लिए भाजपा प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा जिलाध्यक्ष राजीव खंडेलवाल की पत्नी पूर्णिमा खंडेलवाल के लिए जोर लगा रहे थे। जबकि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान व विधायक श्रीमती गायत्री राजे पवार पूजा रवि जैन के नाम पर जोर लगा रहे थे। ऐसे में संगठन की सहमति बनाकर गीता अग्रवाल का नाम घोषित किया गया। गीता गृहिणी है और पहली बार चुनावी मैदान में है। 49 वर्षीय गीता अग्रवाल 11वीं तक शिक्षित है। उधर नाम घोषित होते ही भाजपा नेता व कार्यकर्ता उनके निवास पर पहुंचे। वहीं जिला कार्यालय पर जिलाध्यक्ष राजीव खंडेलवाल के नेतृत्व में आतिशबाजी कर जश्न मनाया गया। खण्डेलवाल ने कहा पार्टी ने जो फैसला किया है वो सर्वमान्य है। बीजेपी प्रचंड बहुमत से चुनाव जीतेगी।
आरोप-प्रत्यारोप का दौर शुरू
भाजपा का प्रत्याशी घोषित होते ही कांग्रेस के कुछ पदाधिकारी व कार्यकर्ता सोशल मीडिया पर सक्रिय हो गए और अपने प्रत्याशी की जीत का दावा करते हुए आरोप-प्रत्यारोप का दौर शुरू कर दिया है। महापौर का प्रत्याशी घोषित करने में कांगे्रस से पिछड़ी भाजपा अब पार्षद पद के दावेदारों की सूची कब फाइनल करती है, इस पर सबकी नजर है। गौरतलब है कि महापौर की तरह ही अधिकांश वार्डों में भी मारामारी की स्थिति बनी हुई है और कई दावेदार टिकट न मिलने की स्थिति में निर्दलीय चुनाव लडऩे के लिए पूरी तरह से तैयार हैं। यही हाल कांग्रेस पार्टी में भी है।
शहर में स्वच्छता है प्राथमिकता
वैसे पूर्व में कांग्रेस की और से महापौर प्रत्याशी श्रीमती विनोदिनी व्यास ने कहा था कि उनकी प्राथमिकजा शहर की स्वच्छता है उसी को लेकर वे कार्य करेंगी। ठीक उसी प्रकार भाजपा की महापौर प्रत्याशी श्रीमती गीता अग्रवाल ने भी स्वच्छता को लेकर अपनी प्राथमिकता बताई है। वैसे तो दोनों ही पार्टी की प्रत्याशी गृहणी है और दोनों की भावनाओं को देखते हुए लगता है कि शहर की स्वच्छता को लेकर वे संतुष्ट नहीं है जिसको देखते हुए दोनों की प्राथमिकता एक ही है।