हाईटेक उपकरणों से बना रहे थे 500 रुपए के नकली नोट, 5 आरोपी पुलिस गिरफ्त में……..!-आरोपियों के पास से 15 लाख 41 हजार रुपए के नकली नोट जब्त……!-मुख्य आरोपी ने अन्य आरोपी के साथ जेल में बनाई थी नकली नोट बनाने की योजना…..!

देवास। बीएनपी थाना पुलिस ने मुखबिर की सूचना पर 500 रुपए के नकली नोट बनाने वाले गिरोह के आरोपियों को 15 लाख 41 हजार रुपए के नकली नोटों के साथ गिरफ्तार किया है। आरोपियों के पास से नकली नोट बनाने वाले प्रिंटर सहित हाईटेक उपकरण बरामद किए है। इस संबंध में पुलिस अधीक्षक ने प्रेस वार्ता कर प्रकरण का खुलासा किया।


पुलिस अधीक्षक पुनीत गेहलाद ने बताया कि बीएनपी थाना पुलिस को गत 1 जून को मुखबिर से सूचना मिली कि दो आरोपी सचिन नागर और शुभम वर्मा लेकर जा रहे हैं। बीएनपी थाना पुलिस ने वरिष्ठ अधिकारियों को सूचना दी। जिस पर अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक जयवीर सिंह भदौरिया के मार्गदर्शन में उपपुलिस अधीक्षक संजय शर्मा के निर्देशन में बीएनपी थाना प्रभारी अमित सोलंकी के नेतृव्य में दो टीमों का गठन किया। टीम ने सचिन और शुभम को गिरफ्तार कर उनके पास से 1 लाख 96 हजार 200 रुपए के नकली नोट व बाइक जब्त कर आरोपियों के विरुद्ध धारा 178, 179, 180, 61 (2) बीएनएस का अपराध पंजीबद्ध कर प्रकरण को विवेचना में लिया। आरोपियों से पूछताछ करने पर पता चला कि राजकुमार मालवीय निवासी सोनकच्छ अपने निवास पर नकली नोटों का निर्माण कर रहा है। पुलिस ने सोनकच्छ में दबिश देकर आरोपी राजकुमार और सुनील पाटील को गिरफ्तार कर उनके पास से 500 रुपए के नकली नोटों की गड्डियां कुल 13 लाख 25 हजार रुपए जब्त कर नोट निर्माण में प्रयुक्त उपकरण व अन्य सामग्री बरामद की। अनुसंधान में आरोपी शक्ति सिंह चावड़ा को भी गिरफ्तार किया।


तीन माह से नकली नोट बनाने का काम कर रहे थे
प्रकरण में पुलिस अधीक्षक पुनीत गेहलोद ने बताया कि पुलिस पिछले 15 दिनों से मुखबिर की सूचना पर काम कर रही थी। जिसमें हमें सूचनाएं मिल रही थी कि 4 से 5 लोगों की गैंग है जो फर्जी रुप से 500 रुपए के नकली नोट बना रहे हैं। सचिन नागर निवासी सोनकच्छ और शुभम वर्मा निवासी आगरोद को पुलिस ने गिरफ्तार कर उनके पास से नकली नोट करीब 2 लाख रुपए की जब्त की है। सचिन और शुभम से सख्ती से पूछताछ की तो उन्होनें अपनी पूरी गैंग के नाम पुलिस को बताए। खासतौर सुनील पाटील जो बुराहनपुर का निवासी है उसका नाम सामने आया जो मुख्य आरोपी है। नकली नोट का काम यही देखता था। सुनील पाटील के साथ उसका सहयोगी राजकुमार मालवीय जो सोनकच्छ का रहने वाला है। इसके साथ ही सचिन और शुभम ने एक वितरक शक्तिसिंह चावड़ा का नाम बताया जो आगरोद का रहने वाला है। एडिशनल उसपी जयवीरसिंह भदौरिया के मार्गदर्शन में 10 से 12 स्थानों पर दबिश दी गई। जिसमें पुलिस ने सभी 5 आरोपियों को गिरफ्तार किया है। आरोपियों के पास से 15 लाख 41 हजार रुपए के नकली नोट पुलिस ने बरामद किए हैं। मुख आरोपी व सहयोगी गत तीन माह से नकली नोट बनाने का कार्य कर रहे थे।


आरोपियों की योजना को सफल नहीं होने दिया
मुख्य आरोपी सुनील पाटील के विरुद्ध 20 सालों में 8 अपराध पूर्व से पंजीबद्ध है। जिनमें कई अपराध नकली नोटों को बनाने के संबंध में हैं। खंडवा और इंदौर के पूर्व के अपराधों में आरोपी को 10 साल की सजा भी हो चुकी है। आरोपी सुनील पाटील 2020 के अपराध में जेल में बंद था। दिसंबर 2024 में यह जमानत पर छूटकर बाहर आया था उसके बाद से पुन: नकली नोटों को बनाने के कारोबार में लग गया था। सुनील पाटील ने राजकुमार मालवीय जो अन्य अपराध में भेरुगढ़ जेल में बंद था वहां पर इसके साथ मिलकर योजना बनाई और देवास के तीन लोगों के साथ मिलकर नकली नोट प्रिंट कर बाजार में चलाने का प्रयास कर रहे थे। प्रकरण का मुख्य आरोपी सुनील पाटील विगत 20 साल से नकली नोटों का कारोबार कर रहा था। पुलिस ने आरोपियों की योजनाओं को सफल नहीं होने दिया। 15 लाख रुपए के नकली नोट जो बाजार में संचालित हो सकते थे उसे पुलिस ने रोका है। इस उपलब्धि पर पूरी टीम को 10-10 हजार रुपए के नगद पुरुस्कार से सम्मानित किया है।


इन आरोपियों को किया गिरफ्तार
पुलिस ने मुख्य आरोपी सुनील पिता बाबूराव पाटील उम्र 38 वर्ष निवासी खकनार जिला बुरहानपुर, राजकुमार पिता सिद्धनाथ मालवीय उम्र 30 वर्ष निवासी ग्राम खेडाखजुरिया सोनकच्छ, सचिन नागर पिता तेज सिंह उम्र 27 वर्ष निवासी ग्राम दुधलाई सोनकच्छ, शुभम वर्मा पिता दिनेश वर्मा उम्र 23 वर्ष निवासी ग्राम आगरोद देवास, शक्तिसिंह पिता दिग्विजय सिंह चावड़ा उम्र 19 वर्ष निवासी ग्राम आगरोद देवास को गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस अधीक्षक ने बताया कि आरोपी सुनी पाटील के विरुद्ध खंडवा, इंदौर, बड़ौदा (गुजरात) भोपाल, उज्जैन के थानों में पूर्व से 8 अपराध पंजीबद्ध है।


इनका रहा सराहनीय कार्य
आरोपियों को गिरफ्तार करने में बीएनपी थाना प्रभारी अमित सोलंकी, उनि तरूण कुमार बोडके, उनि गौरीशंकर यादव, उनि राहुल परमार, सउनि हितेन्द्र चंद्रवंशी, सउनि मनोज पटेल, सउनि ईश्वर सिंह मंडलोई, सउनि राजेश भारद्वाज पु.अ.कार्यालय, प्रआर रवि पटेल, आर राहुल शर्मा, सैनिक भगवान सिंह व सायबर सेल टीम प्रआर शिवप्रताप सिंह सेंगर, सचिन चौहान की महत्वपूर्ण भूमिका रही।

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