देवास। जिले के सोनकच्छ में अज्ञात कारणों से एक युवक ने अपने ही घर पर जहरीला पदार्थ खा लिया था। गंभीर अवस्था में युवक को परिजन सोनकच्छ सामुदायिक केन्द्र पर लेकर गए थे। जहां डॉक्टर ने देवास रेफर कर दिया था। देवास जिला चिकित्सालय में परिजन युवक को लेकर आए जहां चिकित्सक ने उसे मृत घोषित कर दिया था। इस बात से नाराज मृतक के पुत्र ने डॉक्टर के साथ मारपीट की जिस पर अस्पताल के सभी डॉक्टरों ने काम बंद कर कोतवाली थाने जाकर मामले की शिकायत कोतवाली थाना पुलिस को की जहां डॉक्टरों की रिपोर्ट पर पुलिस ने मृतक के पुत्र के विरूद्ध अपराध दर्ज कर मामले को विवेचना मेें लिया है। इधर परिजन मृतक के पोस्टमार्टम के लिए डॉक्टरों का इंतजार करते रहे उसके बाद परिजन सीएमएचओ के पास पहुंचे जहां सीएमएचओ की समझाईश के बाद मृतक का पोस्टमार्टम कर शव परिजनों को सौंप दिया है।
जिले के सोनकच्छ क्षेत्र में सोमवार दोपहर को मोहनलाल पिता गणपत उम्र 45 वर्ष ने अज्ञात कारणों से जहरीला पदार्थ खा लिया था, जिस पर उसे गंभीर अवस्था में सोनकच्छ सामुदायिक केन्द्र लेकर कर गए थे, जहां डॉक्टर ने उसे देवास रेफर कर दिया था। देवास जिला चिकित्सालय में उपचार के दौरान मोहनलाल की मौत हो गई थी। डॉक्टर के द्वारा मृत घोषित करने पर मृतक के पुत्र रोहन ने ड्युटीरत डॉक्टर शैलेन्द्र ओरिया के साथ मारपीट कर दी थी। जिस पर डॉक्टरों ने मोर्चा खोलते हुए मृतक का पीएम करने से इंकार कर दिया और कोतवाली थाने पर जाकर शिकायत की जिस पर पुलिस ने फरियादी डॉ. शैलेन्द्र ओरिया की रिपोर्ट पर आरोपी रोहन के विरूद्ध धारा 294, 353, 3/4 के तहत अपराध दर्ज कर मामले को विवेचना में लिया है। वहीं समाजजनों ने सीएमएचओ एमपी शर्मा से पोस्टमार्टम करवाने की बात कही उसके बाद नाराज डॉक्टरों ने मृतक का पोस्टमार्टम कर शव परिजनों को सौंप दिया है।
डॉक्टर की लापरवाही से हुई मौत
मृतक के परिजनों ने बताया कि जिला अस्पताल में ड्यूटीरत डॉक्टर शैलेन्द्र ओरिया की लापरवाही के कारण मरीज की मौत हो गई। परिजनों ने दो से तीन बार डॉक्टरों से मरीज को देखने की बात कही लेकिन समय रहते वह देख नहीं पाए। अगर समय पर मरीज को उपचार मिल जाता तो उनकी मौत नहीं होती।