देवास। नगर निगम का स्वच्छता सर्वेक्षण 2023 में वाटर प्लस का सर्टिफिकेट से सम्मान। किसी शहर को वाटर प्लस तभी घोषित किया जा सकता है, जब घरों, व्यावसायिक प्रतिष्ठानों से छोडे गए सभी अपशिष्ट जल को संतोषजनक स्तर पर उपचारित किया जाता है। लगातार चार वर्षो से नगर निगम देवास ओडीएफ प्लस प्लस सर्टिफिकेट प्राप्त करता रहा है। इस बार पहली बार वाटर प्लस के लिए अप्लाई किया था। जिसमे पहली बार में ही देवास शहर ने इस महत्चपूर्ण उपलब्धि को प्राप्त किया है। इसी के साथ नगर निगम ने स्वच्छ सर्वेक्षण 2023 में अधिकतम 1125 अंक भी सुरक्षित कर लिए है।
नगर निगम को स्वच्छ सर्वेक्षण 2023 में वाटर प्लस का सर्टिफिकेट मिलने पर विधायक गायत्री राजे पवार, महापौर गीता दुर्गेश अग्रवाल, सभापित रवि जैन और कलेक्टर ऋषव गुप्ता, नगर निगम कमिश्नर रजनीश कसेरा ने नगर निगम टीम को बधाई दी है। वाटर प्लस का प्रमाण-पत्र उन शहरों को दिया जाता है, जिन्होंने ओडीएफ डबल प्लस के सभी मानकों को पूर्ण किया हो। साथ ही आवासीय और व्यावसायिक प्रतिष्ठानों से निकलने वाले अवशिष्ठ मल-जल को उपचार के बाद ही पर्यावरण में छोड़ा जाता हो। वाटर प्लस के मापदंड के अनुसार भारत सरकार द्वारा जारी सीपीएचईईओ के अनुसार सिवरेज की सफाई में उपयोग होने वाले सभी उपकरण है, जिनका उपयोग कर मशीनीकृत माध्यम से सिवरेज लाइन की सफाई की जा रही है, 16 सामुदायिक एवं 11 सार्वजनिक शौचालय का रखरखाव भी निगम द्वारा किया जा रहा है, यह भी वाटर प्लस का एक अहम हिस्सा है। निगम द्वारा ट्रीटेड वेस्ट-वाटर का पुनरू उपयोग भी सुनिश्चित किया जाता हो। इसके अलावा नालों के गंदे पानी ट्रीटमेंट कर शहर के फव्वारों में सप्लाई किया गया और सीवर के पानी को ट्रीट कर फसलों और बगीचों की सिंचाई लायक बनाया गया। इससे पानी की काफी बचत हुई और गंदे पानी का उपयोग भी हो गया।
नगर निगम को स्वच्छ सर्वेक्षण 2023 में वाटर प्लस का सर्टिफिकेट मिलने पर विधायक गायत्री राजे पवार, महापौर गीता अग्रवाल, सभापित रवि जैन और कलेक्टर ऋषव गुप्ता, नगर निगम कमिश्नर रजनीश कसेरा ने नगर निगम टीम को बधाई दी।