देवास। भारतीय परम्परा में प्रत्येक शुभ कार्य ईश्वर को साक्षी मानकर उन्हीं को समर्पित किया जाता है। लेकिन हमारी संस्कृति का कहना है कि ईश्वर माता-पिता और गुरू के रूप में हमारे आसपास ही विद्यमान रहता है। उसी ईश्वर की सर्वोत्तम उपस्थिति बेटियों में होती है। इसीलिए कहा जाता है कि परिवार, समाज और राष्ट्र की उन्नति में बेटियों की भूमिका अतुलनीय है। आइए हम सब मिलकर राष्ट्रीयता की एक नई परिभाषा लिखें। इसके लिये अपना एक लक्ष्य तय करें। लक्ष्य बिना जीवन अर्थहीन है। एक बार तय करने केे बाद लक्ष्य का पीछा न छोड़ें। आपका लक्ष्य आपकी आँखों में होना चाहिये। दर्पण देखो तो चेहरा नहीं लक्ष्य दिखना चाहिये। लक्ष्य प्राप्ति केलिये सम का अनुशासन आवश्यक है।
महारानी चिमनाबाई शा.क.उ.मा.वि. देवास में पितृहीन बालिकाओं को दीपावली के शुभ अवसर पर कलाई घड़ी एवं मिठाई वितरण समारोह में भाजपा जिला महामंत्री मनीष सोलंकी ने उक्त विचार व्यक्त करते हुए उपस्थित छात्राओं से आगह किया कि आप लोग पूरी एकाग्रता से अपने लक्ष्य की ओर अग्रसर हों। कार्यक्रम में वरिष्ठ शिक्षाविद विजय श्रीवास्तव ने घड़ी प्राप्त करने वाली छात्राओं से अपेक्षा की कि इसे हाथ की शोभा बढ़ाने वाली वस्तु न समझें। यह घड़ी आपको समय और कार्य के संबंधों की याद दिलाती रहेगी। घड़ी के कांटोंं को देख-देख कर जीवन में उन्नति की दिशा प्राप्त करें। समाज सेवी दीपक विश्वकर्मा ने भी उद्बोधन दिया।