देवास। रोड चौड़ीकरण के दौरान भोपाल चौराहे से लेकर बस स्टैंड तक के बीच एबी रोड से शहर को जोडऩे वाले हर एक रास्ते बंद होते जा रहे हैं जिससे वहां के रहवासियों में आक्रोश व्याप्त है। कई दिन से रहवासी कांग्रेसजनों से इसकी शिकायत कर रहे थे। शुक्रवार को पूर्व मंत्री विधायक सज्जन सिंह ने कांग्रेसजनों के साथ भगवती सराय से लेकर आगे तक के मार्गो का निरीक्षण कर लोगों से चर्चा की चर्चा के दौरान बड़ी संख्या में उपस्थित महिलाओं एवं रहवासियों ने बताया कि हमारे घरों में जाने का जो रास्ता था वह छोटी सी गली के रूप में तब्दील हो चुका है। हमारे दो पहिया वाहन भी बड़ी मुश्किल से घरों तक पहुंच रहे है ऐसे में एंबुलेंस और फायर ब्रिगेड का हमारे मोहल्ले में आना असंभव है। इस दौरान श्री वर्मा ने भगवती सराय के पास मालवीय मोहल्ले वाली रोड, शीतला माता स्थिर गली नंबर-2 एवं देवास हॉस्पिटल से लगा हुआ रोड गली नंबर 3 का निरीक्षण कर लोक निर्माण विभाग के अधीक्षण यंत्री मनीष मरकाम से मोबाइल पर बात की एवं उन्हें आ रही समस्या से अवगत कराया। इस पर मनीष मरकाम ने कहा कि हमारा पूरा प्रयास होगा कि इन मार्गो के किये पर्याप्त जगह का रास्ता मिल जाए। श्री वर्मा ने कहा कि पहले हमें आप ड्राइंग बनाकर बताएं कि किस तरह से यहां रास्ता दिया जाएगा नहीं तो मैं आगे सडक़ नहीं बनने दूंगा।
इसके लिए श्री वर्मा ने कहा कि आप ड्राइंग शहर जिला कांग्रेस अध्यक्ष मनोज राजानी को दिखाएं आप की ड्राइंग से हम संतुष्ट हो जाएंगे तभी रोड आगे बनेगा। इसी के साथ श्री वर्मा ने कहा कि मैं जब पीडब्ल्यूडी मंत्री था तो करोड़ों रुपए इस प्रोजेक्ट लेकर आया था यहां पर ब्रिज बनना था। अगर ब्रिज बनता तो आज जो स्थिति हुई है वह नहीं होती। उन्होनें आरोप लगाते हुए कहा कि आपकी विधायक श्रीमती गायत्री राजे पवार ने ब्रिज की पूरी डिजाइन ही बदल दी उसी का परिणाम है कि आज पूरा प्रोजेक्ट ही बदल चुका है, इसमें बहुत बड़ा टेक्निकल फाल्ट है। निश्चित रूप से इसके दुष्परिणाम शहर को भोगना पड़ेगे बात तीन सडक़ों की नहीं है आगे भी डोडिया ऑटो एक्सचेंज, विजया रोड, बस स्टैंड से निकलकर जो एबी रोड को मार्ग जोड़ रहे हैं उन पर भी परेशानी आएगी। उनका भी निराकरण करना नितांत आवश्यक है वहीं सीतलामाता का बड़ा महत्वपूर्ण मन्दिर है, विवाह के पूर्व माता पूजने बड़ी संख्या में माता बहने यही आती है अन्य पूजा के दिनों में भी यहां भीड़ होती है। लेकिन आज यह जगह पूरी तरह से समाप्त हो चुकी है। इसका निराकरण करना भी जरूरी है।