देवास। जिले के बरोठा से नवजात का स्वास्थ्य खराब होने से परिजन उसे जिला चिकित्सालय लेकर आए जहां उसकी एसएनसीयू वार्ड में रविवार दोपहर को मौत हो गई। परिजनों का आरोप था कि डॉक्टर ने लापरवाही पूर्वक उसे गलत इंजेक्शन दे दिया जिससे उसकी मौत हो गई। परिजनों ने अस्पताल में हंगामा कर दिया था। वहीं ड्युटी डॉक्टर का कहना है कि बच्चे का स्वास्थ्य खराब था, पेट के नीचे से उसे रक्त आ रहा था, उसे ऑक्सीजन भी दी लेकिन वह बच नहीं सका। घटना की सूचना पर कोतवाली थाना पुलिस मौके पर पहुंची और मामले को शांत कर बच्चे के शव का पोस्टमार्टम कर शव परिजनों को सौंप दिया गया। पुलिस ने मर्ग कायम कर प्रकरण को जांच में लिया है।
जानकारी के अनुसार 24 मई को देवेंद्र और उसकी पत्नी कल्पना नवजात बच्चे का इलाज कराने बरोठा से जिला अस्पताल पहुंचे थे। पत्नी ने हाल ही में नवजात को जन्म दिया था, जिसकी नॉर्मल डिलीवरी बरोठा के सिविल अस्पताल में हुई थी। बताया जा रहा है कि जन्म के बाद से बच्चा लगातार रो रहा था और उसे बुखार भी था। जिसके चलते उसे जिला अस्पताल के बच्चों के आईसीयू में भर्ती किया गया था। वहां से उसे एसएनसीयू वार्ड में लेकर आए जहां रविवार को इलाज के दौरान नवजात की मौत हो गई। जिसके बाद परिजनों ने अस्पताल में हंगामा कर दिया। परिजनों का आरोप है कि बच्चे की मौत पहले ही हो चुकी थी, क्योंकि उनको बच्चे से मिलने नहीं दिया जा रहा था। हंगामा इतना बढ़ गया कि मौके पर पुलिस को बुलाना पड़ा। इधर, इस घटना के बाद मां का रो-रोकर बुरा हाल था। इस मामले में परिजनों ने इलाज में लापरवाही की शिकायत उच्च अधिकारियों से करने की बात कही है।
23 को हुआ था जन्म 26 को डॉक्टर ने मृत घोषित कर दिया
बच्चे के पिता देवेंद्र राजपूत निवासी नरवर जिला उज्जैन ने बताया कि उसकी पत्नी कल्पना की नार्मल डिलेवरी उसके ससुराल बरोठा 23 मई को हुई थी। बच्चे को हम 24 मई की शाम को देवास जिला चिकित्सालय लेकर आए थे। यहां पर बच्चे को आईसीयू में रखा था वहां पर बच्चा स्वस्थ हो गया था। वहां से बच्चे को नीचे भेज दिया था। वहां से बच्चे को एसएनसीयू वार्ड में 25 मई की शाम को लेकर आए जहां बच्चे को दूध पिलाने के लिए पूछा लेकिन डॉक्टर ने मना कर दिया। डॉक्टर ने रविवार सुबह मुझे ब्लड लेने के लिए अमलतास अस्पताल भेजा था, वहां से ब्लड लेकर आया उसके दस मिनिट के बाद मुझे डॉक्टर ने कहा कि आपका बच्चा मृत हो गया।
बच्चा दूध नहीं पी रहा था, बुखार था
एसएनसीयू वार्ड के ड्युटी डॉक्टर अनुपम जैन ने बताया कि हमारे पास बच्चा 24 मई की रात को बरोठा से रेफर होकर आया था, बच्चा दूध नहीं पी रहा था और उसे बुखार आ रहा था। उसका उपचार किया और बुखार ठीक हो गया था और दूध चालू कर दिया था। बच्चे से 25 मई से दूध पीना कम कर दिया था। रात को करीब 12 बजे बच्चे को आईसीयू में भेजा गया जहां ऑक्सीजन पर रखा गया था। देर रात को बच्चे की स्थिति खराब होने लगी जिस पर उसे सांस लेने वाली मशीन पर रखा। रविवार सुबह उसकी स्थिति गंभीर थी उसे पेट के नीचे से खून आ रहा था। जिस पर अमलतास अस्पताल में एफएफपी ब्लड के लिए फार्म भरकर दिया था। बच्चे की मौत सुबह 11:55 बजे हुई थी। परिजनों का आरोप निराधार है। बच्चे के पिता अमलतास थे उन्हें फोन कर सूचित किया था कि अब ब्लड की आवश्यकता नहीं है।