देवास। अडाणी समूह द्वारा जारी किए गए शेयरों के दाम अचानक गिर जाने से भारतीय जीवन बीमा निगम एवं देश की शीर्षथ बैंकों को भारी नुकसान हुआ। इसके चलते लोगों के गाढ़ी कमाई का पैसा डूबने की कगार पर पहुंच चुका है। कांग्रेस ने धरना देकर मांग की कि केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार अदानी के खिलाफ संयुक्त संसदीय समिति बनाए जो इस सारे प्रकरण की जांच करें लेकिन मोदी सरकार द्वारा जेपीसी की मांग को नकार दिया। शहर जिला कांग्रेस अध्यक्ष मनोज राजानी के नेतृत्व में भारतीय जीवन बीमा निगम कार्यालय एवं एसबीआई के सामने दिए धरने को संबोधित करते हुए प्रमुख रूप से जिला कांग्रेस के प्रभारी धर्मेंद्र सिंह चौहान, मनोज राजानी, अशोक पटेल, जय सिंह ठाकुर, प्रवेश अग्रवाल, भगवान सिंह चावड़ा सहित अनेक वक्ताओं ने कहा कि अडानी समूह द्वारा फर्जी कंपनियां बनाकर शेयर जारी किए गए। वही उनके माध्यम से बैंकों से एवं एलआयसी से करोड़ों रुपए का लोन लिया गया। इस बात का खुलासा अमेरिका की रिचर्स कंपनी हीडऩबर्ग ने अपनी रिपोर्ट में कहा है।
साथ ही कांग्रेस नेताओं ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से पूछा है कि वह बताएं भारतीय जीवन बीमा निगम भारत सरकार का उपक्रम है और इस उपक्रम ने एक प्राइवेट कंपनी के शेयर किसके आदेश से खरीद लिए 24 जनवरी के बाद से शेयरों का गिरना शुरू हुआ। जिन शेयर की किमत 2 फरवरी को 81000 हजार करोड़ रुपए थी, वह आज 43 हजार करोड़ पर रह गई। भारतीय जीवन बीमा से देश के 22 करोड़ से ज्यादा लोगों जुडे हैं अब उनके पैसों की भरपाई कैसे होगी। इसी तरह से अगर अडानी ग्रुप के शेयर गिरते रहे तो एक दिन जिस तरह से मेहुल चोकसी, नीरव मोदी, विजय माल्या देश छोड़ के भागे हैं। उसी तरह गौतम अडानी भी देश छोड़ देंगे। पूरा देश जानता है कि नरेंद्र मोदी सरकार ने अडानी ग्रुप को आज रेल, एयरपोर्ट, सीमेंट और कई उद्योग सौंप दिए हैं। ऐसी स्थिति में नरेंद्र मोदी सरकार लोगों के प्रति उत्तरदाई नहीं होकर आज भी अडानी ग्रुप को समर्थन कर रही है जो निंदा का विषय है। कांग्रेस ने मोदी सरकार से अपील की है कि वह शीघ्र ही हस्तक्षेप करें एवं देश के लोगों को भरोसा दिलाया कि उनका पैसा सुरक्षित है। वही विपक्ष की जेपीसी की मांग को मंजूर करें।