देवास। आफत की बारिश कहें या चुनावी बारिश….जो भी हो इस बारिश से जहां एक और लोगों को राहत मिली तो कई लोगों के लिए यह बारिश आफत बनकर बरसी। कल रात से तेज बारिश का दौर जारी था। आज सुबह रूक-रूककर तेज बारिश का सिलसिला शुरू हुआ जो दोपहर तक अनवरत जारी था। शहर की अधिकांश निचली बस्तियों में जलभराव की स्थिति उत्पन्न हो गई थी। वहीं कई कॉलोनियों में घरों के अंदर भी पानी भर गया था। वहीं आने वाले कुछ दिनों के बाद नगरीय निकाय चुनाव होना है। जिन कॉलोनियों में जलभरा जैसी स्थिति बनी वहां के लोग पूर्व पार्षदों को भी कौस रहे थे। ऐसी ही स्थिति आवास नगर में बनी जहां बारिश से सडक़ों पर पानी भर गया, साथ ही सी-सेक्टर क्षेत्र में घरों में पानी भर जाने से क्षेत्रीय लोगों को भारी परेशानी भी हुई थी। इसक साथ ही कर्मचारी कॉलोनी स्थित गजानंद मंदिर परिसर में भी सडक़ का गंदा पानी घुस गया था। जिस पर मंदिर के पुजारी को काफी परेशानी हुई।
नगरीय निकाय चुनाव अपने रंग में रंग चुके हैं, आने वाले कुछ ही दिनों में शहर के 45 वार्ड के लोग अपना जनप्रतिनिधि मतदान के बाद चुनेंगे। कई वार्डों में पूर्व पार्षदों ने विकास कार्य किया तो कई वार्ड आज भी विकास को तलाश रहे हैं। अब चुनाव के चलते प्रत्याशी लोगों का मन मोहकर उनके पक्ष में मतदान की चेष्टा किए हुए हैं। शहर के कई वार्ड हैं जहां पर सडक़ें तो बनी लेकिन जलजमाव की स्थिति में पानी की निकासी नहीं की गई। जिससे कई क्षेत्रों में बीती रात से हो रही बारिश के बाद जलजमाव की स्थिति बन गई। ऐसा ही देखने को मिला आवास नगर क्षेत्र में जहां जलजमाव की स्थिति बन गई। बताया गया है कि यहां पर पूर्व पार्षद ने विकास कार्य किए थे। लेकिन कैसा विकास किया गया है यह देखने को मिला जहां क्षेत्र के सी-सेक्टर के घरों में पानी भर गया। रहवासियों से मिली जानकारी के अनुसार नालियों का सारा पानी घरों में घुस रहा था। क्षेत्र के लोगों में पूर्व पार्षद के प्रति नाराजगी देखने को भी मिली उनका कहना था कि इसको विकास कहते हैं जरा सी बारिश में घरों के अंदर पानी भर गया। विकास कार्य कैसा हुआ इसको कहें तो ‘राज’ को राज रहने दो……।
गजानंद मंदिर परिसर में घुसा सडक़ का गंदा पानी
कर्मचारी कॉलोनी स्थित गजांनद मंदिर परिसर में सडक़ का गंदा पानी घुस गया था। मंदिर के पुजारी ने बताया कि तेज बारिश से पानी सडक़ों से बहता हुआ मंदिर परिसर में आया था। धीरे-धीरे मंदिर के अंदर भी आ गया था। बताया गया है कि यहां पर पूर्व पार्षद के कार्यकाल में सडक़ निर्माण कराया गया था। जिस पर पानी की निकासी नहीं होने से सडक़ों का गंदा पानी मंदिर परिसर में घुस गया था।