राहू एवं केतु का रशि परिर्वतन कोरोना से मिलेगी राहत….

राहू एवं केतु की गति दो प्रकार की होती  है वास्तविक व मध्यम वास्तविक गति से राहू का परिर्वतन 23 सितंबर को होगा व मध्यम गति से 19 सितंबर को यह विशेष परिर्वतन होगा । जिस क्षैत्र में जैसी मान्यताऐ होती है वे उस गणना के अनुसार गति का आकलन करते है ।

बदलने वाले हैं राहू मिथुन  राशि से वृष राशि में आयेगें और केतु धनु से वृश्चिक राशि  में आयेगें, राहू और केतु दो ऐसे ग्रह हैं जो ग्रह मंडल में हमेशा वक्री गति से गमन करते हैं इस राशि परिर्वतन के दूरगामी परिणाम देखने को मिलेंगे।

वैसे राहू व केतु की कोई राशि नही होती पर कुछ विद्वान केतु को बुध की राशि में व राहू को गुरू की राशि में अच्छा फल देने का का फलित करते है वहीं इनको ही उच्च व नीच राशि मानते है जबकि कुछ अन्य जयोतिष विद्वान राहू को वृष राशि में व केतु को वृश्चिक राशि में उच्च का मानते है अभी ़ यही स्थिति निर्मित होने जा रही है ।

वर्तमान में सारा विश्व कोविड 19 से पीडित है और इसके पीडितो की संख्या में उत्तरोत्र वृद्धि हो रही  है यह चीनी वायरस है जो राहू के प्रभाव में है जैसे ही राहू व केतु का राशि परिर्वतन होगा इस चीनी वायरस पर नकेल कसना प्रारंभ होगी एवं कोई वेक्सीन या कोई कारगर दवाई बन जावेगी एवं विश्व इस बीमारी से मुक्ति की और बढेगा एवं सफलता भी प्राप्त कर लेगा । परंतु इसे समूल समाप्त होने में समय और लगेगा पर पइस पर लगाम कसी जावेगी ।

विशेष खगोलीय घटना यह रहेगी की राहू राशि परिर्वतन करते ही मंगल ग्रह से द्वि – द्वादश संयोग बनेगा जो अत्यंत विस्फोटक होगा जो 5 अक्टोबर तक रहेगा उसके बाद मंगल मीन राशि में प्रवेश करेंगे तब परिस्थितियां सामान्य होने लगेंगी परन्तु मंगल मार्गी होकर 24 दिसंबर को पुनः मेष राशि में आकर द्वि – द्वादश योग बनायेंगे वैश्विक स्थिति एक बार फिर से बिगड़ेंगी यह स्थिति अत्यंत भयावह होगी जब 20 फरवरी 2021 को मंगल स्वयं वृषभ राशि में प्रवेश करेंगे और यहां 23 अप्रेल 2021 तक रहेंगे । ऐसे समय भूकंप , ज्वालामुखी ,रक्तपात, विस्फोट , आगजनी ,वायु दुघर्टना , धार्मिक उन्माद , सीमा पर तनाव , युद्ध या युद्ध जैसे हालात वर्तमान संर्घष अत्यंत उग्र रूप ले लेगा, अक्साई चीन व पीओके भारत के हिस्से बन सकते है एवं कैलाश मानसरोवर यात्रा के लिये भारतीयों को वीजा न लेना पड़े ,इस समय  जल प्लवन , सूनामी अत्यधिक जन धन की हानि की संभावना प्रबल । कोई देश टूट सकता है । कोई सत्ता पुरूष अचानक इस दुनिया से चला जावेगा।
गुरू , शनि से केतु का तृतीय एकादश योग रहेगा जो उत्तम रहेगा एवं आर्थिक उन्नति कारक रहेगा ।
मेष – येन केन प्रकारेण आप अपना कार्य सिद्ध करेंगे , यात्रा होगी गणपति आराधना सहायक।
वृषभ – उग्रता हावी रहेगी , दैनिक रोजगार से लाभ कुत्ते को रोटी खिलावें व भैरव आराधना करें ।
मिथुन – खर्चिली यात्रा होगी , शत्रु पराभव होगा भगवान शिव की आराधना करें ।
कर्क – लाभ के अवसर सुलभ होगें , किसी घटना का पूर्वाभास होगा गोमेद रत्न धारण करें।
सिंह – पदवृद्धि होगी परन्तु स्थान परिर्वतन भी होगा लहसुनिया धारण कीजिये ।
कन्या – धार्मिक यात्रा संभव , चौतरफा लाभ की संभावना होगी , गोमेद रत्न धारण करें ।
तुला – कुटुम्ब में मतभेद उभर सकते है , लम्बी यात्रा होगी गणपति व भैरव आराधना लाभकारी ।
वृश्चिक – दैनिक व्यवसाय में लाभ , लोगों के लिये समय नहीं निकाल पावेंगे । शिवाराधना श्रेयस्कर ।
धनु – धार्मिक यात्रा होगी  , न्यायालयीन प्रकरण पक्ष में रहेगा  । मछली को आटा खिलावें व चीटी को भी आटा खिलावें ।
मकर – लाभ के अवसर सुलभ रहेगें , संतान की चिंता रहेगी भैरव उपासना अत्यंत लाभकारी ।
कुंभ – कार्यालयीन यात्रा की अधिकता रहेगी , सामाजिक प्रतिष्ठा बढेगी एक लहसुनिया रत्न धारण कीजिये एवं शिवाराधना कीजिये ।
मीन – धार्मिक यात्रा होगी , भाई बहनों से मनमुटाव से बचिये। एक गोमेद रत्न पहनिये व चीटियों को दाना डालिये ।

ज्योर्तिविद कालज्ञ पं. संजय शर्मा

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