सयाजी द्वार पर हुई हुड़दंग के बाद गिरफ्तार लोगों को किया रिहा…..-जिन लड़कों ने हुड़दंग की थी वह लडक़े तो पकड़े ही नहीं गए है : विधायक-एडिशनल एसपी प्रकरण की करेंगे, एक आरक्षक और थाना प्रभारी को लाइन अटेच किया : एसपी-हमारा शहर शर्मसार हुआ है यह निंदनीय घटना है, पुलिस ने बर्बरता पूर्वक निर्दोष लोगों को पीटा : सत्तापक्ष नेता मनीष सेन-कोतवाली थाने का कहकर थाना प्रभारी के घर ले गए तीन पुलिस वालों ने डंडे से पीटा : पीड़ित

देवास। भारत की चैंपियन ट्राफी में विजय होने के बाद सयाजी द्वार पर एक और लोग जश्र के माहौल में डूबे हुए थे। वहीं दूसरी और कुछ हुड़दंगी इस जश्र का माहौल खराब कर रहे थे। हुड़दंगियों ने पुलिस वाहन को भी क्षति पहुंचाई थी। इस बात को लेकर पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज के आधार पर कुछ लोगों को धारा 170 के तहत गिरफ्तार कर उनका कल रात को सिर मुंडाकर जूलुस भी निकाला था। मामला जब विधायक के संज्ञान में आया तो वे आज सुबह पुलिस अधीक्षक कार्यालय पहुंची जहां पुलिस गिरफ्त में करीब 10 युवकों के परिजन भी विधायक के साथ मौजूद थे। विधायक ने बताया कि पुलिस ने निर्दोषों पर सख्ती की है, उन्हें रिहा किया जाएगा। दोपहर में सभी युवकों को कोतवाली थाने से एसडीएम कोर्ट लेकर गए वहां से से रिहा किया गया। वहीं पुलिस अधीक्षक ने बताया कि इस मामले की जांच एडिशनल एसपी कर रहे हंै। मामले में जो भी दोषी होगा उस पर कार्रवाई की जाएगी। कोतवाली थाने से गिरफ्तार युवकों की रिहाई के बाद परिजन व भाजपा नेता सत्ता पक्ष युवकों को लेकर पुलिस अधीक्षक कार्यालय पहुंचे जहां परिजनों ने बताया कि पुलिस ने हमारे बच्चों के सिर मुंडाए साथ ही उनकी चोटी भी काट दी। परिजनों का कहना था कि कौनसे कानून के तहत बच्चों के सिर मुंडन किए गए। वहीं सत्ता पक्ष नेता ने कोतवाली थाना प्रभारी को निलंबित करने की मांग की। रात को कोतवाली थाना प्रभारी अजय गुर्जर को भी लाइन अटेच किया गया।


गत 9 मार्च की रात्रि को सयाजी द्वार पर भारत की जीत का जश्र मनाने के लिए लोग उत्साहित थे। वहीं दूसरी और कुछ हुड़दंगी इस उत्साह में विघ्र डाल रहे थे। भीड़ देखते हुए एहतियात के तौर पर कोतवाली थाना पुलिस बल भी मौजूद थे किंतु कुछ हुड़दंगियों ने कोतवाली थाना प्रभारी के वाहन को क्षति पहुंचाई। उसके बाद पुलिस ने सख्त रवैया अपनाते हुए सीसीटीवी फुटेज के आधार पर कुछ लोगों को गिरफ्तार किया, वहीं एक दुकान बंद कर रहे व्यापारी पर कोतवाली थाने पर पदस्थ आरक्षक ने लाठी बरसाई। जिसमें व्यवसायी गंभीर रुप से घायल हो गया था। जिसे उपचार के लिए जिला चिकित्सालय लेकर गए जहां प्राथमिक उपचार कर उसे इंदौर रेफर किया गया। पुलिस ने जिन लोगों को गिरफ्तार किया था उनका कल रात को सिर मुंडाकर उनका जूलुस भी निकाला था। आज सुबह मामले को लेकर विधायक गायत्री राजे पवार पुलिस अधीक्षक कार्यालय पहुंची जहां प्रकरण को लेकर पुलिस अधीक्षक पुनीत गेहलोद से चर्चा की।
जिन लडक़ों ने हुड़दंग की थी वह लडक़े तो पकड़े ही नहीं गए
विधायक गायत्री राजे पवार ने कही कि 9 मार्च को जो घटना हुई उसमें कुछ युवकों को पुलिस ने पकड़ा था। पुलिस सभी को थाने पर लेकर गई जहां उनके सिर मुंडाकर उनका जूलुस निकाला गया। उन लडक़ों के परिवारजन मेरे साथ यहां आए हैं। युवकों के परिजनों का कहना है कि उनका इस मामले को लेकर कोई लेनदेन नहीं था। मामले में कहीं ना कहीं ज्यातदी हो गई थी। लडक़े किसी भी तरह से अपराधिक गतिविधि से जुड़े नहीं थे। इसी संबंध को लेकर पुलिस अधीक्षक से चर्चा करने यहां आए थे। प्रकरण के तहत पता चला है कि जिन लडक़ों ने हुड़दंग की थी वह लडक़े तो पकड़े ही नहीं गए है। जो हुआ वह कहीं ना कहीं ठीक नहीं था। मुझे पुलिस अधीक्षक ने आश्वस्त किया है कि पूरे मामले को लेकर पुलिस जांच करेगी।
एडिशनल एसपी प्रकरण की करेंगे जांच
पुलिस अधीक्षक पुनीत गेहलोद ने कहा कि 9 मार्च को जो मामला हुआ है उसको लेकर एडिशनल एसपी जयवीर सिंह भदौरिया को जांच करने के लिए कहा है। इस मामले को लेकर गत दिनों व्यापारियों के द्वारा भी ज्ञापन दिया गया है। जिसमें एक दुकान संचालक के साथ हुई मारपीट को लेकर भी जांच करने के निर्देश दिए है। मामले में एक आरक्षक को लाइन अटेच कर दिया गया है। अभी तक की कार्रवाई सीसीटीवी फुटेज के आधार पर की गई ्रहै। मामले को लेकर रिपोर्ट दर्ज की गई है जांच की जा रही है।
पुलिस ने बर्बरता पूर्वक निर्र्दोष लोगों को पीटा
वहीं मामले को लेकर निगम सत्ता पक्ष नेता मनीष सेन ने कहा कि 9 मार्च को घटना घटित हुई थी उसी को लेकर भाजपा का प्रतिनिधि मंडल पुलिस अधीक्षक पुनीत गेहलोद से चर्चा करने के लिए आए थे। 9 मार्च की रात्रि को कोतवाली थाना पुलिस ने बर्बरता पूर्वक निर्र्दोष लोगों को पीटा सिर मुंडा और चोटी काट दी उनका जूलुस निकाला और पुलिस हमारी बाप के नारे लगावाए गए। इससे हमारा शहर शर्मसार हुआ है यह निंदनीय घटना है। पुलिस अधीक्षक ने आश्वस्त किया है कि जो भी पुलिसकर्मी इसमें दोषी पाया जाएगा उस पर अपराध दर्ज होकर निलंबन की कार्रवाई होगी। अगर वह लोग निर्दोष है तो उन पर कोई कार्रवाई नहीं होगी। पुलिस ने कई व्यापारियों के साथ दुव्र्यवहार किया। इस बात को लेकर मैं 9 मार्च को कोतवाली थाने पर भी गया था। पुलिस प्रशासन का एक तरफा रवैया है उसके लिए हम पुलिस अधीक्षक के पास आए थे।


कोतवाली थाने का कहकर थाना प्रभारी के घर ले गए और डंडे से पीटा
पीडि़तों में विरेंद्र सोनगरा ने बताया कि मैं भाजयुमो का मंडल उपाध्यक्ष हूं। मैं चोटी रखता हूं मेरे मना करने के बाद भी मेरा मुंडन कर जबरजस्ती पुलिस थाने पर बैठाकर कार्रवाई की गई। जबकि मेरी कोई गलती नहीं थी, मैं उस जश्र में शामिल हुआ था। जबकि कोतवाली थाना प्रभारी और अन्य अधिकारी को गाड़ी में बैठाकर भेजा था। मैं किसी को छुड़वाने के लिए थाने आया था लेकिन मुझे अपशब्द कहे गए। सीसीटीवी फुटेज में मैं सिर्फ खड़ा था, उसके आधार पर मुझे थाने पर बैठाकर मारपीट की गई। मैं ना तो गुंडा हूं ना ही किसी अपराध में मेरी संलिप्ता है। पीडि़त आदित्य पाल निवासी खारी बावड़ी ने बताया कि 9 मार्च को जश्र मना रहा था, उस दौरान कुछ लोगों की झड़प हुई तो मैं देखने लगा, मेरी एक विडियो वायरल हुई जिसमें पुलिस के वाहन के पीछे मैं भागते हुए दिखाई दे रहा हंू जबकि मेरे हाथ में ना कोई लकड़ी थी ना ही पत्थर था। देर रात को मेरे दूर के रिश्तेदार का निधन होने की खबर मिली मैं मेरी दादी को लेकर बाइक से अमोना की और जा रहा था। ब्रिज के नीचे से मुझे पुलिस वाले लेने आए मैं मेरी दादी और बाइक को वहीं छोडक़र गया। मुझे कोतवाली थाने का कहकर थाना प्रभारी के घर लेकर गए जहां उनके गार्डन में तीन पुलिस वालों ने मिलकर डंडे से पीटा। उसके बाद कोतवाली थाने पर ले जाकर वहां मौजूद पुलिसकर्मियों ने पीटा और पूछा कि कौन-कौन लोग शामिल थे। जबकि मैं अकेला गया था। हम 10 लोगों को पुलिस ने गिरफ्तार किया था। हमारी मांग है कि पुलिस अधीक्षक सख्त कार्रवाई कर कोतवाली थाना प्रभारी को निलंबित करें।

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