देवास। गत दिनों शहर के 5 थाना क्षेत्रों के प्रभारियों के साथ पुलिस बल ने एक साथ, एक ही समय पर 13 अलग-अलग कॉल सेंटर और शेयर मार्केट की एडवाइजरी करने वाले स्थानों पर दबिश देकर कम्प्यूटर, लेपटॉप, मोबाइन फोन जब्त कर जांच में लिए थे। पुलिस ने तीन दिनों की जांच के बाद 8 लोगों पर अपराधिक प्रकरण दर्ज कर 4 स्थानों से कम्प्यूटर, लेपटॉप, मोबाइल फोन सहित अन्य सामाग्री जब्त की है। इस संबंध में पुलिस अधीक्षक ने प्रेस वार्ता कर प्रकरण का आज खुलासा किया कि कैसे एडवाइजर और कॉल सेंटरों पर अपराधिक गतिविधियां संचालित की जा रही थी।

पुलिस अधीक्षक पुनीत गेहलोद ने बताया कि गत 3 मार्च को 13 अलग-अगल कॉल सेंटर व शेयर मार्केट की एडवाइजरी करने वाले सेंटरों पर एक साथ एक ही समय पर पांचों थानों की पुलिस ने दबिश दी थी। जिसमें जांच के बाद सिविल लाइन, औद्योगिक, बीएनपी थाना क्षेत्रों में 4 स्थानों पर अपराधिक गतिविधियां मिली है।
फर्जी तरीके से मोबाइल से फोन लगाकर इंवेस्ट को लेकर चर्चा कर रहे थे
सिविल लाइन थाने के अंतर्गत छाबड़ा कॉम्पलेक्स के पीछे स्काय ब्रोकिंग ऑफिस में कुछ लोग फर्जी तरीके से दस्तावेज तैयार कर प्राप्त की सिमों से लोगों को फोन लगाकर अवैध तरीके से शेयर मार्केट में ट्रेडिंग करने की टीप देकर लोगों को प्रलोभन में लाकर अवैध तरीके से लाभ अर्जित कर रहे हैं। सूचना पर सिविल लाइन थाना प्रभारी दीपक यादव व टीम ने मौके पर दबिश दी। जहां कुछ लोग फर्जी तरीके से मोबाइल से फोन लगाकर शेयर मार्केट में इंवेस्ट को लेकर चर्चा कर रहे थे। जिसमें दो लोगों से पुलिस ने चर्चा की जिसमें दीपक पिता मदनलाल राठौर उम्र 22 वर्ष निवासी खजुरिया जांगीर, बिट्टुपिता हुकुम सिंह मालवीय उम्र 20 वर्ष विासी पिपल्या सडक़ ने बताया कि उन्हें यह मोबाइल सिम स्काय ब्रोकिंग कंपनी के ऑनर तिलकराज सिंह चौहान निवासी शिवपुरी ने उपलब्ध कराई है। स्काय ब्रोकिंग कंपनी के दस्तावेजों व अन्य सामाग्री की जांच करने पर उनमें अनियमितता पाई गई। पुलिस ने आरोपी तिलकराज पिता सुरेंद्र सिंह चौहान उम्र 24 वर्ष निवासी कनासिया जिला उज्जैन हाल मुकाम विजय नगर इंदौर, अंकित शर्मा निवासी शिवपुरी के विरुद्ध धारा 318 (4), 338, 336 (3) बीएनएस 66 सी, 66 डी आईटी एक्ट के तहत अपराध दर्ज कर प्रकरण विवेचना में लिया। पुलिस ने यहां से 13 कम्प्यूटर, 13 सीपीयू, 6 कीपेड मोबाइल फोन जब्त किए थे।

2 लाख 27 हजार 662 रुपए का नुकसान हुआ
औद्योगिक थाना पुलिस को फरियादी ने शिकायत दर्ज कराई थी कि मुझे एक अज्ञात नंबर से कॉल आया था। स्टॉक मार्केट टिप्स देने के बारे में बताया कि हमारी फर्म आपको ढाई लाख रुपए देने के बदले आठ लाख रुपए का प्राफिट कमा कर देगी। यह रुपए जहां से कंफर्म टिप्स आती है वहां पहले कुछ जमा करवाना होता है तभी आपको प्रिमियम टिप्स मिलेगी। फरियादी ने बताया कि उसे 2 लाख 27 हजार 662 रुपए का नुकसान हुआ जिस पर औद्योगिक थाना प्रभारी शशिकांत चौरसिया व पुलिस बल ने च्वाईश इन्वेस्टमेंट के नाम से चलाई जा रही एडवाइजरी फर्म पर दबिश दी जहां अंकित योगी निवासी इंदौर को पुलिस ने गिरफ्तार कर आरोपी के विरुद्ध धारा 318 (4) बीएनएस का अपराध पंजीबद्ध कर प्रकरण को विवेचना में लिया।

किसी भी प्रकार से सही दस्तावेज नहीं मिले
बीएनपी थाने के अंतर्गत मुखबिर से सूचना मिली सूचना पर थाना प्रभारी अमित सोलंकी व पुलिस बल ने मारुती नगर में आरपी रिसर्च सेंटर फैक्ट्री नामक संस्था पर दबिश दी। संस्था अशोक पिता रमेश जलखेडिय़ा निवासी आदर्श नगर व राकेश पंडित निवासी इंदौर के द्वारा संचालित की जाती है। संस्थान के दस्तावेज की जांच करने पर अनियमितताएं पाई गई किसी भी प्रकार से सही दस्तावेज नहीं मिले। पुलिस ने आरोपियों के विरुद्ध धारा 318 (4), 61 (2) बीएनएस का अपराध पंजीबद्ध कर प्रकरण को विवेचना में लिया। यहां से 14 सीपीयू, 14 कम्प्यूटर, 15 मोबाइल फोन जब्त किए गए।

मैरिज ब्यूरो के नाम पर ठगी
औद्योगिक थाना क्षेत्र के अंतर्गत मैरिज ब्यूरो के नाम पर ठगी का कॉल सेंटश्र चलाने वाली अनावेदिका निवासी देवास के विवाह गाईड नाम के कॉल सेंटर पर दबिश दी गई। वहां पर करीब दो दर्जन कीपेड मोबाइल बरामद हुए। मोबाइल फोन से पीडि़तों से चर्चा करने पर पता लगा कि उनके साथ लाखों रुपए की ठगी हुई है। पुलिस ने मौके से विवाह गाईड, वर-वधु जोड़ी, मेट्री मोनियल सर्विस प्रोवाईडर, जोड़ी सर्विस प्रोवाइडर नाम से फर्मों के नाम बदल-बदल कर लोगों को धोखा देने के दस्तावेजी साक्ष्य मिले हैं। संस्था संचालक पर वैधानिक कार्रवाई की जा रही है। चारों प्रकरणों में 60 मोबाइल फोन, 40 कम्प्यूटर, 40 सीपीयू, 4 लेपटॉप बरामद हुए हैं।
4 कॉल सेंटरों में अपराधिक गतिविधियां पाई
पुलिस अधीक्षक पुनीत गेहलोद ने बताया कि 3 मार्च को 13 कॉल सेंटरों पर दबिश दी गई थी लगभग सभी कॉल सेंटरों पर अनियमिताएं पाई गई है। इसमें 4 कॉल सेंटर ऐसे हैं जिनमें अपराधिक गतिविधियां पाई गई है। एक कॉल सेंटर है जिसमें मोबाइल फोन बरामद हुए हैं उनके सिम कार्ड किसी ओर के नाम पर रजिस्टर थी जिसके नाम पर रजिस्टर थी उसको इस बात का संज्ञान नहीं था। यह अपराधिक गतिविधि है जिस पर अपराध दर्ज किया गया है। बाकी के कॉल सेंटरों पर अपराधिक गतिविधि नहीं पाई गई है लेकिन जो सेबी की गाइड लाइन है जिसके अंतर्गत एडवाइजरों को काम करना है उस गाइड लाइन के तहत कई अनियिमितताएं पाई गई है। जांच के बाद कई दर्जन भर पुलिस को पृथक से शिकायतें मिली है। सिर्फ 13 स्थानों पर नहीं बल्कि और भी कई स्थानों पर कॉल सेंटर संचालित है जो अलग-अलग बहाना देकर गुमराह करके लोगों को लूट रहे हैं। उनकी भी जांच कर उनके विरुद्ध भी कार्रवाई की जाएगी। गिरफ्तार आरोपियों के विरुद्ध प्रकरण पंजीबद्ध किए है। इनके अपराधिक रिकार्ड आईसीजीएस पोर्टल से सर्च करेंगे। अगर इनके विरुद्ध और भी कही अपराध पंजीबद्ध पाए जाते हैं तो पुलिस कार्रवाई करेगी। बहुत सी संस्थाएं इस तरह से लोगों को ठगने का काम कर रही है। उनकी जो शिकायतें आ रही है उनको भी देखा जा रहा है। आने वाले समय में उनके विरुद्ध कार्रवाई करेंगे। कार्रवाई के दौरान जांच में पता चला है कि अधिक लोग बल्क नंबर टेलीग्राम के गु्रप बने हुए हैं, वहां कई ऐसे वेंडर है जो इनको नंबर सप्लाय करते हंै। उन लोगों को भी यह पैसा देते हैं।
एक्सपर्ट का कोई प्रमाण पत्र नहीं होता
पुलिस अधीक्षक पुनीत गेहलोद ने बताया कि व्हाटसएप गु्रप के माध्यम से प्रिमियम मेंबर शीप का लालच देते हैं। प्रिमियम मेंबर बनाने के लिए अतिरिक्त रुपए लेते हैं। जो एडवाइस तक सिमित रहने वाला मामला होता है वह सीधे अपने बैंक खाते में राशि स्थानांतरित करवाने तक पहुंचता है जब एक बड़ी धनराशि लोगों के द्वारा इनके खातों में स्थानांतरित की जाती है उसके पश्चात ये उन लोगों के कॉल उठाना बंद कर देते हैं। उसके बाद लोगों के नंबर भी ब्लॉक कर देते हैं। जिन नंबरों से ये लोगों को कॉल करते हैं वह नंबर देश के अलग-अलग शहरों में रहने वाले लोगों के नाम पर होते हैं। सबसे पहले यह रजिस्ट्रेशन करवाते हैं उसकी फीस लेते हैं फीस लेने के बाद धीरे-धीरे एक व्हाटसएप गु्रप उन सभी लोगों का बनाते हैं उन ग्रुपों मेें एडवाइस ये देते हैं क्लेम करते हैं कि ये एक्सपर्ट है लेकिन इनके पास एक्सपर्ट का कोई प्रमाण पत्र नहीं होता है।
पुलिस अधीक्षक ने आम लोगों से की अपील
पुलिस अधीक्षक पुनीत गेहलोद ने कहा कि किसी भी प्रकार के लालच में जनता नहीं आए। लालच का ये लोग फायदा उठाते हैं उसी के माध्यम से ठगी करते हैं। कई युवक-युवतियां नौकरी ना मिलने के कारण परेशान है उस परेशानी का ये लोग फायदा उठाते हैं। ये लोग अनावश्यक रुप से फर्जी दावे करके बड़ी राशि ऐंठते हैं। इस प्रकार के कॉल अंजान नंबरों से आते हैं। पुलिस आपसे अपील करती है कि कृपया उनको वेरीफाय करें। किसी भी प्रकार की ठगी का शिकार होने से बचें। अगर ये इस प्रकार के अवैज्ञानिक दावे करते हैं कि दस दिन में आपके निवेश राशि का चार गुना कर दिया जाएगा। पांच दिन में आपके कमर के दर्द को पूरी तरह से मुक्त कर दिया जाएगा। तो इस प्रकार के कॉल में कोई भी राशि हस्तांतरित करने से पहले उसे वेरिफाय करें। क्योंकि 99 प्रतिशत इस प्रकार के फेक क्लेम होते हैं। इनका उद्देश्य आपकी परेशानी को दूर ना करना होकर आपसे बड़ी धनराशि को ऐंठना होता है।