शहर के वार्डों में स्ट्रीट लाईटें बंद, पार्षद प्रतिनिधि ने निगम में किया अनूठा प्रदर्शन-3 हजार वोटों से जीता हूं, मैं जिम्मेदार हूं मेरी समस्या को समझो : रुपेश वर्मा-कांग्रेस पार्षद दल मिला आयुक्त से : पिछले डेढ़ माह से वार्डाे में स्ट्रीट लाईटें बंद : राहुल पंवार-पार्षद प्रतिनिधि को इस तरह से बात नहीं करना चाहिए वह अशोभनीय है : निगम आयुक्त

देवास। शहर के कई वार्डो में स्ट्रीट लाईट बंद होने से वार्डों में अंधेरा पसरा रहता है, निगम में ठेकेदार के द्वारा कार्य की लापरवाही सामने आ रही है। वहीं वार्ड में सफाई कार्य भी निरंतर नहीं हो पा रहे हैं। इस प्रकार की शिकायत लेकर वार्ड क्रमांक 22 के पार्षद प्रतिनिधि ने सोमवार को निगम कार्यालय में कटोरा लेकर भीख मांगते हुए अनूठा प्रदर्शन किया और आयुक्त से इस संबंध में चर्चा की। वहीं दूसरी और कांग्रेस पार्षद दल भी आयुक्त से मिला व ज्ञापन दिया। आयुक्त ने कांग्रेस पार्षदों को आश्वस्त किया है कि जल्द ही टीम भेजकर समस्या का निराकरण किया जाएगा।


नगर निगम में पार्षदों को उनके वार्ड में कार्य कराना टेड़ी खीर साबित होती दिख रही है। आए दिन किसी ना किसी बात को लेकर चाहे सत्ताधारी पार्षद हो या विपक्षीय दल के पार्षद उनके वार्डों में कार्य नहीं होने पर आंदोलन करना पड़ रहा है। सोमवार को वार्ड क्रमांक 22 के पार्षद प्रतिनिधि रुपेश वर्मा ने अनूठे तरीके से अपना विरोध दर्ज किया। पार्षद प्रतिनिधि ने एक फ्लेक्स पहना जिस पर लिखा था कि जनता हमारी है माई बाप, मत बनो तुम लाड साहब…..इस प्रकार का तंज सीधे निगम अधिकारियों को दिखाया जा रहा था। रुपेश वर्मा ने निगम कार्यालय के बाहर काफी देर तक प्रदर्शन किया उसके बाद वे निगम अधिकारियों के पास कटोरा लेकर पहुंचे जहां उन्होनें कहा कि जनता को बोल दूं क्या भीख मांगे… पार्षद प्रतिनिधि होने के नाते हमें रोज ऐसी मुसीबतों का सामना करना पड़ रहा है। समस्या के लिए अधिकारियों को फोन लगाते हैं तो एक महिने का समय देते हैं। इसके बाद आयुक्त कक्ष में पहुंचे जहां रुपेश वर्मा ने कहा कि मुझे ठेकेदारी नहीं करनी है जिसको करना है वो करे। मैं तो ईमानदार आदमी हूं कभी भी पैसों के लिए नहीं आया हूं, लेकिन मैं आया हूं जनता के काम के लिए। आयुक्त ने कहा कि जल्द ही कार्य हो जाएगा। रुपेश वर्मा ने कहा कि 3 हजार वोटों से जीता हूं तो मैं जिम्मेदार हूं आप ही मेरी समस्या को समझो।


पिछले एक माह से स्ट्रीट लाईट चालू नहीं
पार्षद प्रतिनिधि रुपेश वर्मा ने बताया कि पार्षद की आवाज इन अधिकारियों तक नहीं पहुंच पा रही है। छोटी-छोटी समस्या को लेकर मैंने हर बार अवगत कराया है। महापौर को भी अवगत कराया है लेकिन उन्हें भी गुमराह किया जा रहा है। नीचे के जो अधिकारी है वे छोटी-छोटी समस्या ऊपर बताते नहीं है। जिससे वार्ड की जनता को परेशानी उठाना पड़ती है। पार्षद वार्ड का चौकीदार होता है जो जनता की समस्या का निराकरण करता है। हमारे वार्ड की पिछले एक माह से स्ट्रीट लाईट चालू नहीं है इसलिए मुझे कटोरा लेकर भीख मांगने की आवश्यकता पड़ गई। जबकि मेरे वार्ड की जनता द्वारा संपत्ति व जलकर नियमित रुप से जमा किया जाता है। इसके बावजूद जनता को परेशानी उठाना पड़ रही है। निगम अधिकारियों को ईमानदारी से काम करना चाहिए। सडक़ों पर अंधेरा होने से मेरे वार्ड में दो-तीन स्थानों पर चोरियां हो गई। लोगों ने मुझे कहा कि स्ट्रीट लाईटें बंद होने से चोरी हुई है। कई बार शिकायत करने के बाद मुझे एक माह के बाद यहां कटोरा लेकर आना पड़ा। जनता ने मुझे निर्दलीय जिताया है। मैं जनता का काम कराने में विश्वास करता हूं।


डेढ़ माह से वार्डाे में स्ट्रीट लाईटें बंद पड़ी
निगम में कांग्रेस पार्षद दल के सदस्य भी निगम आयुक्त से मिले इस संबंध में पार्षद राहुल पंवार नेता प्रतिपक्ष ने बताया कि पिछले करीब डेढ़ माह से वार्डाे में स्ट्रीट लाईटें बंद पड़ी है, ठेकेदारों के द्वारा टीम नहीं भेजी जा रही है। वार्डों में अंधेरा छाया हुआ है, आवागमन में परेशानी हो रही है, कई वार्डों में चोरी जैसी घटना भी हो चुकी है। आयुक्त ने ठेकेदार को बुलाकर फटकार लगाई है। जल्द से जल्द टीम भेजने का वादा किया है। निगम के द्वारा नवीन कार्य के लिए टेंडर निकाले जा रहे हैं लेकिन कई टेंडर खाली जा रहे हैं तो कुछ लोग टेंडर लेने के बाद काम नहीं कर रहे। इसको लेकर आयुक्त से शिकायत की है। सफाई को लेकर भी शिकायत की है।


पार्षद प्रतिनिधि को इस तरह से बात नहीं करना चाहिए वह अशोभनीय है
निगम आयुक्त रजनीश कसेरा ने कहा कि हमारे पार्षद प्रतिनिधि मेरे पास आए थे, उनका कहना था कि विद्युत के जो भी ठेकेदार है जो मैंनटेंस का कार्य करते हैं। उनका पेमेंट नहीं होने के कारण वार्ड में विद्युत का कार्य नहीं हो रहा है। हमार कोशिश है कि यहां जैसे ही पेमेंट आएगा हम ठेकेदार को भुगतान कर यथाशीघ्र ही समस्या का निराकरण करेंगे। निगम के पास स्थाई कर्मचारी विद्युत सुधारने के लिए नहीं अपितु आउटसोर्स कर्मचारी ही है। पार्षद को इस तरह से बात नहीं करना चाहिए वह अशोभनीय है। निगम की वित्तीय स्थिति के अनुसार ठेकेदारों को भुगतान किया जाता है। पार्षद के वार्ड में काम नहीं हुआ और ऐसे आ गए। ये गलत बात है उन्हें यहां आकर बात करनी चाहिए। अभी तक 80 प्रतिशत कर्मचारियों को वेतन मिल चुका है 20 प्रतिशत कर्मचारियों को वेतन नहीं मिला है क्योंकि शासन से फंड नहीं आया है। पार्षद ने जो किया वह गलत है।

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