मकान मेें लगी आग : धुंए के कारण पति-पत्नी सहित दो बच्चों की हुई मौत….!-आग लगने से एक गैस सिलेंडर में हुआ था ब्लास्ट-आरोप : निगम दमकल कर्मचारियों को लोकेशन नहीं मिली, 45 मिनिट देरी से पहुंची-बच्चों की स्कूल ट्रीप आज जाने वाली थी, बच जाते बच्चे अगर दूसरे घर होते

देवास। नयापुरा चौराहे पर स्थित एक मकान में शनिवार अलसुबह शार्ट सर्किट के चलते आग लग गई। जिसके कारण दूसरी मंजिल पर सो रहे एक ही परिवार के चार सदस्यों की धुएं के कारण दम घुटने से मौत हो गई। जिसमें दो बच्चे भी शामिल है। बताया गया है कि इस मकान में दूसरी बार आगजनी की घटना हुई है इससे पहले इस मकान में करीब 35 वर्ष पूर्व मकान मालिक यहां निवास कर लाख चूड़ी का व्यापार करते थे। उस समय भी आगजनी हुई थी। लेकिन कोई जनहानी नहीं हुई थी। घटना के करीब 45 मिनिट देरी से निगम का दमकल वाहन पहुंचा था। रहवासियों ने बताया कि अगर फायर समय पर पहुंच जाती तो घटना में मौत नहीं होती। मृतकों के शवों को सीढ़ी से नीचे लाकर जिला चिकित्सालय भेजा जहां पोस्टमार्टम कर शव परिजनों को सौंप दिए। मृतकों का अंतिम संस्कार पैतृक गांव में किया गया।


जानकारी के अनुसार शनिवार अलसुबह करीब 3.30 बजे नयापुरा चौराहे स्थित एक तीन मंजिला मकान में आगजनी की घटना हो गई थी। इस मकान में नीचे आर्यन दूध डेयरी थी दूसरी मंजिल पर परिवार निवासरत था। दूध डेयरी मुकेश कारपेंटर संचालित करते थे। उन्होनें यह मकान किराए से लिया था। यह मूल रुप से विजयागंज रोड़ स्थित ग्राम बजेपुर के निवासी है कुछ दिनों पूर्व उनका छोटा भाई दिनेश कारपेंटर उम्र 35 वर्ष, पत्नी गायत्री कारपेंटर उम्र 30 वर्ष, बालिका इशिका उम्र 10 व बालक चिराग 7 वर्ष बजेपुर से देवास आ गए थे। दिनेश यहां पर डेयरी की देख-रेख करने के साथ यहीं रहते थे। घटना के दौरान दिनेश उनके परिवार के साथ दूसरी मंजिल पर सो रहे थे अचानक शार्ट सर्किट से आग लगी और आग लगने से धुंए के कारण दम घुटने से चारों की मौके पर मौत हो गई। हादसे की सूचना मिलने पर गांव से परिजन भी मौके पर पहुंच गए थे।


गैस सिलेंडर में ब्लास्ट हुआ था
बताया गया है कि दूध डेरी में गैस सिलेंडर के ब्लास्ट होने के कारण आग लगी थी जिसकी लपटे उपरी मंजिल तक पहुंची। बताया जा रहा है कि पहली मंजिल पर दूध डेयरी का कुछ सामान भी रखा था जिसके कारण आग बेकाबू हुई। आग लगने के दौरान वहां रखे एक गैस सिलेंडर में भी ब्लास्ट हुआ। सूचना के बाद मौके पर अलसुबह नगर निगम और बीएनपी फायर बिग्रेड़ पहुंची और करीब तीन दमकलों ने आग पर काबू पाया। दमकलकर्मियों ने दूसरी मंजिल पर सौ रहे लोगों को रेस्क्यू करने का प्रयास किया लेकिन उपर जाने का रास्ता सकड़ा होने से टीम रेस्क्यू नहीं कर पाई। घटना की जानकारी मिलते ही एसपी पुनीत गेहलोद मौके पर पहुंचे और घटना की जानकारी ली। आग कैसे लगी इसकी उज्जैन से आई एफएसएल टीम जांच कर रही है।


बच जाते बच्चे अगर दूसरे घर गए होते
परिजनों ने बताया कि मुकेश कारपेंटर ने एक और मकान बस स्टेंड के पीछे कुम्हार गली में किराए से लिया था। वहां पर मुकेश का परिवार रहता है, दिनेश के दोनों बच्चे रात को मुकेश के पास ही रहते थे। शुक्रवार रात को वह यहीं रुक गए। परिजनों ने बताया कि बच्चों की स्कूल ट्रीप महाकाल लोक शनिवार सुबह जाने वाली थी इसलिए बच्चे यहीं रुक गए थे। अगर बच्चे मुकेश के पास रहते तो शायद हादसे का शिकार नहीं होते।
यहां की व्यवस्था सुधारी जाए
हादसे में मृत दिनेश के भाई नंदकिशोर शर्मा निवासी मुखर्जी नगर ने बताया कि सूचना मिलने पर हम मौके पर पहुंच गए थे। हमने पुलिस को फोन भी लगाया था। हम लोग नाहर दरवाजा थाने पर भी पहुंचे लेकिन वहां पर कोई नहीं मिला, फायर ब्रिगेड भी 45 मिनिट देरी से आई थी, उन्होनें कहा कि सरकार से मांग है कि यहां की व्यवस्थाएं सुधारी जाए।
दमकल कर्मचारियों को लोकेशन नहीं मिली थी
दुकान के पड़ोसी राजेश गोयल ने बताया, सुबह करीब 5 बजे पता चला कि दुकान के पास आग लगी है। मैं तुरंत घर से मौके लिए रवाना हुआ। शालिनी रोड पर फायर ब्रिगेड खड़ी थी। मुझे लगा यहां भी आग लगी होगी। मुझे फायर कर्मियों ने बताया कि उन्हें नयापुरा की लोकेशन नहीं पता है। इसमें उनकी लापरवाही दिखती है। परिजनों ने बताया कि दोनों बच्चे स्कूल में पढ़ाई कर रहे थे इशिका कक्षा 4 थी में पढ़ रही थी, चिराग कक्षा 2 री का छात्र था।
काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा
नगर निगम दमकल विभाग के अभिनव चंदेल ने बताया कि सुबह 4.48 पर नयापुरा क्षेत्र में आर्यन मिल्क कार्नर है यहां पर एलपीजी सिलेंडर ब्लास्ट होने की सूचना प्राप्त हुई थी। मौके पर हमारी तीन फायर बिग्रेड पहुंची। रेस्क्यू कर हमने एक पुरुष और एक महिला सहित दो बच्चों को रेस्क्यू किया। काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा। सिंगल रास्ता था नीचे उपर जाने का जिसमें भी मलबा पड़ा हुआ था। इस कारण दिक्कत हुई आग बुझाने में भी ओर रेस्क्यू में भी। मृतको की बाड़ी सेकेण्ड फ्लोर पर थी और वहां तक पहुंचने का रास्ता अंदर से ही था हमारे पास। रास्ता सही करने के बाद उपर पहुंचा जा सका। मिल्का कार्नर में ब्लास्ट हुआ एलपीजी गैस सिलेंडर मिला और भी गैस सिलेंडर वहां रखे हुए थे। यहां और भी प्रथम मंजिल पर डेरी प्रोडक्ट के कुछ कैन भी रखे हुए थे।

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