देवास। एक महिला की सोमवार देर रात को घर पर तबीयत खराब हुई तो परिजन उसे जिला चिकित्सालय लेकर पंहुचे जहां डॉक्टर ने इंजेक्शन और दवाई देकर प्राथमिक उपचार किया। स्वास्थ्य ठीक होने पर परिजन महिला को घर लेकर आ गए लेकिन मंगलवार अलसुबह महिला को सांस लेने परेशानी व चक्कार आने पर परिजन फिर जिला चिकित्सालय लेकर आए जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। परिजनों का आरोप था कि महिला का डॉक्टर ने गलत उपचार किया जिससे उसकी मौत हो गई। मृतिका का पोस्टमार्टम कर शव परिजनों को सौंप दिया गया। मामले को लेकर पुलिस ने मर्ग कायम कर प्रकरण को जांच में लिया है।
जानकारी के अनुसार अनुराधा पति अजय खत्री उम्र 26 वर्ष निवासी शिखरजीधाम की सोमवार देर रात करीब 2.30 बजे को अचानक तबीयत खराब हुई तो परिजन उसे जिला चिकित्सालय लेकर आए यहां ड्युटी पर मौजूद डॉक्टर ने इंजेक्शन और दवाई देकर प्राथमिक उपचार किया। इसके बाद उसका स्वास्थ्य ठीक हुआ तो परिजन उसे घर लेकर आ गए। मंगलवार सुबह करीब 4 बजे अनुराधा की तबीयत फिर बिगड़ी उसे सांस लेने में परेशानी व घबराहट के साथ चक्कर आने लगे तो परिजन उसे पुन: जिला चिकित्सालय लेकर आए यहां उसकी उपचार के दौरान मौत हो गई। महिला के शव का पोस्टमार्टम कर शव परिजनों को सौंप दिया गया।

सुबह डॉक्टर आएंगे तब भर्ती कर लेंगे
अनुराधा के पति अजय खत्री ने बताया कि उनकी पत्नी को सोमवार देर रात 2.30 बजे घर पर पत्नी को उल्टी हो रही थी और चक्कर आ रहे थे। हम जिला चिकित्सालय लेकर आए थे। यहां उपचार के दौरान ड्युटी पर मौजूद डॉक्टर ने उसे गोली देकर इंजेक्शन लगाया और हमें सुबह आने के लिए कहा कि सुबह डॉक्टर आएंगे तब भर्ती कर लेंगे। उस दौरान तबीयत में सुधार भी था। उसके बाद हम उसे घर ले गए। घर पहुंचने के एक घंटे बाद उसे सांस लेने में परेशानी और कंधे में दर्द होने लगा। सुबह 4 बजे हम जिला अस्पताल लेकर पहुंचे तब वह बात कर रही थी। यहां उपचार के दौरान डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। महिला के पति जिला चिकित्सालय के डॉक्टर पर आरोप लगाते हुए कहा कि उन्होनें उपचार में लापरवाही की जिससे उसकी पत्नी की मौत हुई है।