देवास। जिले का सबसे बड़ा अस्पताल कहलाने वाला जिला चिकित्सालय पहले डॉक्टरों और सीएमएचओ से प्रदेश भर में चर्चित हो गया है। अस्पताल में करोड़ों रुपयों से विकास कार्य पूर्व के प्रशासनिक अधिकारियों ने कराया था। उनके यहां से जाने के बाद अस्पताल की स्थिति दिखाई देने लगी है। रविवार रात को महिला ओपीडी में कायाकल्पर के दौरान बनाई छत अचानक गिर गई। गनीमत रही कि उस दौरान कोई ओपीडी में मौजूद नहीं था। वैसे शनिवार व रविवार को छुट्टी रहती है। सोमवार सुबह जब महिलाएं डॉक्टर को दिखाने के लिए आई तो वह भी देखकर अचंभित रह गई। मरीज महिलाएं पहुंच रही थी, इसको देख अस्पताल प्रबंधन ने तत्काल ओपीडी को बदला और 5 नंबर वार्ड उमंग स्वास्थ्य केंद्र पर महिलाओं की जांच महिला डॉक्टर के द्वारा की गई। इस संबंध में आरएमओ से चर्चा करनी चाही लेकिन वह कुछ नहीं बोले।
जिला चिकित्सालय का कायाकल्प करोड़ों रुपयों की लागत से पूर्व प्रशासनिक अधिकारी कलेक्टर चन्द्रमौली शुक्ला व एसडीएम प्रदीप सोनी सहित अस्पताल के विभिन्न अधिकारियों ने किया था। उसके बाद अस्पताल कुछ दिनों तक नए स्वरुप में दिखाई दे लगा था। कलेक्टर और एसडीएम के स्थानांतरण के बाद अस्पताल के हालात अपने पुराने हाल में दिखाई देने लगे। अस्पताल के महिला ओपीडी में कायाकल्प के तहत पीवीसी की छत बनाई गई थी। उसकी दशा इस तरह से हो गई कि वह धीरे-धीरे गिरने लगी थी और रविवार रात को उसका एक हिस्सा पूरी तरह से गिर गया। सोमवार सुबह महिला ओपीडी में महिलाएं उपचार के लिए पहुंची थी। लेकिन पीवीसी की छत गिरी देखने पर वह भी असमंजस में रही कि उन्हें महिला डॉक्टर आज देखेगी या नहीं। कुछ देर के बाद आरएमओ अजय पटेल वहां पहुंचे उन्होनें महिला ओपीडी का स्थान परिवर्तन कर 5 नंबर वार्ड उमंग स्वास्थ्य केंद्र पर किया।