पार्षद रहवासियों के साथ पानी की समस्या से त्रस्त होकर पहुंचे नगर निगम आक्रोशित रहवासियों व पार्षद ने निगम कार्यालय व निगम आयुक्त कक्ष के बाहर फोड़े मटके

देवास। शहर के वार्ड क्रमांक 28 के रहवासी और वार्ड पार्षद पानी की समस्या से त्रस्त होकर बुधवार को नगर निगम कार्यालय पहुंचे। जहां अपने विरोध को प्रदर्शित करने के लिए वे खाली मटके लेकर आए और जब वहां कोई अधिकारी नहीं मिला, तो आक्रोशित रहवासियों ने खाली मटके फोडक़र अपना विरोध जताया। इसके बाद वे आयुक्त कक्ष पर गए जहां आयुक्त के ना मिलने पर कक्ष पर ताला लगाने का प्रयास किया।


वार्ड क्रमांक 28 के पार्षद भूपेश ठाकुर ने बताया कि वार्ड में पिछले कई हफ्तों से पानी की समस्या बनी हुई है। नलों में प्रेशर कम आ रहा है जिसके कारण नई आबादी और तिलक नगर में काफी परेशानियां है। इस मामले को लेकर कई बार निगम के अधिकारियों को इस बारे में सूचित किया गया, लेकिन अब तक कोई समाधान नहीं निकला है। उन्होंने कहा कि जिम्मेदार अधिकारियों ने इस समस्या की ओर ध्यान नहीं दिया, जिससे रहवासी बेहद परेशान हैं। फोन लगाने पर निगम अधिकारी पार्षदों का फोन नहीं उठाते हैं। सोमवार रात को टंकी पर जाकर चेक किया तो ना कोई अधिकारी ना ही कोई कर्मचारी मौजूद था। इसके बाद महापौर और जलअधिकारी को भी अवगत कराया लेकिन कोई कार्रवाई नहीं होने पर हमने मटका फोडक़र विरोध किया। यहां पर निगम अधिकारियों ने निगम को अपने कब्जे में ले रखा है। अधिकारी अपनी मनमानी कर रहे हैं। पार्षद ठाकुर ने कहा कि यदि जल्द ही इस समस्या का समाधान नहीं किया गया, तो वे उग्र प्रदर्शन करने को मजबूर हो जाएंगे। उन्होंने नगर निगम से तत्काल कार्रवाई करने की मांग की है ताकि रहवासियों को राहत मिल सके।


कोई नहीं आया तो फोड़ दिए मटके
नगर निगम कार्यालय में पहुंचे रहवासी अपने साथ पानी के खाली मटके लेकर आए थे, जो उन्होंने अधिकारियों को दिखाकर समस्या की गंभीरता को समझाना चाहा। लेकिन जब कोई अधिकारी मिलने नहीं आया, तो आक्रोशित रहवासियों ने कार्यालय परिसर में ही मटके फोड़ दिए। इसके बाद ऊपर निगम आयुक्त कक्ष पहुंचे जहां आयुक्त की गैर मौजूदगी में कक्ष पर ताला लगाने का प्रयास किया। ताला नहीं मिलने पर कक्ष के बाहर भी मटका फोड़ दिया और वहीं पर पार्षद ने ज्ञापन का वाचन किया। इस घटना ने निगम कार्यालय में हलचल मचा दी। रहवासियों का कहना है कि गर्मी के इस मौसम में पानी की किल्लत ने उनके जीवन को दूभर कर दिया है। उनके अनुसार, पानी की नियमित आपूर्ति नहीं हो रही है, जिससे उन्हें पीने के पानी के लिए भी संघर्ष करना पड़ रहा है।

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