भाजपा का दामन थामने के बाद जिला पंचायत अध्यक्ष पति ने सज्जनसिंह वर्मा पर लगाए आरोपआरोप : पार्टी फंड के लिए 50 लाख रूपए लिए, बेटे को जान से मारने की धमकी दी थीअटारिया अपने बच्चे के सिर पर हाथ रखकर कसम खा लें, आरोप निराधार है : मनोज राजानी

देवास। जिला पंचायत अध्यक्ष कांग्रेस छोड़ भाजपा में शुक्रवार को शामिल हुई थी। उसके बाद शनिवार को भाजपा कार्यालय पर प्र्रेस वार्ता के दौरान उनके पति ने कांग्रेस के पूर्व मंत्री पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि उनके मन में यह बात आने लगी थी कि सोनकच्छ से मेरे सामने वह टिकिट मांग ले। पार्टी फंड के नाम पर उनसे 50 लाख रूपए लिए गए थे। जिला पंचायत अध्यक्ष ने कहा कि मैं यह जानना चाहता हूं कि वह पैसे आखिर गए कहां ? उन्होनें कहा कि मैंने पूछा कि पूर्व मंत्री विधायक सज्जनसिंह वर्मा ने कितने रुपए पार्टी फंड में दिए हैं। कांग्रेस के पदाधिकारियों ने कहा कि कांग्रेस कार्यालय बनाना है उसके लिए फंड लिया गया है। इस मामले को लेकर कांग्रेस अध्यक्ष मनोज राजानी ने कहा कि आरोपी निराधार है। भेरुलाल अटारिया उनके बच्चे के सिर पर हाथ रखकर कसम खा लें और सज्जनसिंह वर्मा उनके बच्चे के सिर पर हाथ रखकर कसम खा लेंगे। हमने कोई पैसे नहीं लिए।
जिला पंचायत अध्यक्ष लीला अटारिया व उनके पति भेरुलाल अटारिया ने मुख्यमंत्री सहित अन्य मंत्रियों की मौजूदगी में शुक्रवार को भोपाल में भाजपा की सदस्या ली। उसके बाद शनिवार को भाजपा कार्यालय पर प्रेस वार्ता आयोजित की गई। जिसमें जिला पंचायत अध्यक्ष लीला अटारिया के पति भेरुलाल अटारिया ने कांग्रेस पर कई आरोप लगाए। अटारिया ने कहा कि कांग्रेस से दु:खी होकर यह कदम उठाया है। कहने को तो जिला पंचायत अध्यक्ष हैं, सज्जनसिंह वर्मा कहते हैं कि लीला अटारिया मुझसे भी बड़ी है और सभी विधायकों से बड़ी है। लेकिन देखा जाए तो हमारी कोई सुनवाई नहीं होती। लेकिन हमें शासकीय वाहन भी उपलब्ध भी नहीं हो सका। अगर ग्रामीण क्षेत्र में हम जाते तो उन्हें कष्ट होता था। जिस क्षेत्र में हम रहते हैं वहां भी हम जा नहीं सकते थे। मैं और मेरा परिवार नहीं जाएगा तो कैसे काम चलेगा। मैं प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की राष्ट्रहित की नीति, राष्ट्रप्रेम व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की योजनाओं से प्रभावित होकर मैंने व मेरी पत्नी ने भाजपा का दामन थामा है। उन्होनें कहा कि मैं पुलिस में नौकरी करता था, वहां से नौकरी छोडक़र पार्टी काम करने के लिए भाजपा में आया हंू। उन्होनें कहा कि सोनकच्छ का रहने वाला हूं अगर भाजपा उचित समझेगी तो मैं चुनाव लडूंगा। मैं संघ में भी रहा हूं। विधायक गायत्री राजे पवार ने कहा कि जिला पंचायत अध्यक्ष लीला अटारिया ने भाजपा का दामन थामा हैं उनका पार्टी में स्वागत करती हूं। इनके भाजपा में शामिल होने के बाद विकास और बढ़ेगा। प्रेस वार्ता के दौरान जिला पंचायत अध्यक्ष कुछ नहीं बोली, वे चुप होकर बैठी रही थी।
मुझे विडियो की कोई जानकारी नहीं
जिला पंचायत अध्यक्ष के कांग्रेस छोड़ भाजपा में शामिल होने पर एक दिन पूर्व कांग्रेस ने एक विडियो सोशल मीडिया पर जारी किया था। जिसमें जिला पंचायत अध्यक्ष ने भाजपा पर आरोप लगाते हुए कहा था कि उन्हें पार्टी में आने के लिए रुपयों का लालच दिया गया था। इस बात को उनके पति ने नकारते हुए कहा कि जो विडियो सोशल मीडिया पर जारी किया है उसकी जानकारी मुझे नहीं है।
बेटे को जान से मारने की धमकी दी थी
सज्जनसिंह वर्मा पर आरोप लगाते हुए कहा कि जब मेरा बेटा मंदिर में दर्शन करने के लिए गया तो वहां एक गांव में मेरे बेटो को फोन लगाकर वापस बुलाया और उनसे मिला तो सज्जनसिंह वर्मा का फोन मेरे पास आया कि तेरा बेटा क्षेत्र में घुम रहा है और मेरी बुराई कर रहा है। मैं इसको जान से मार डालूंगा। उस दौरान शहर कांग्रेस अध्यक्ष मनोज राजानी मेरे साथ ही थे। उनसे कहा कि आप एक बार बात क्लीयर कर लें। जो कोई कुछ बोलता है तो आप उसी को सच मान लेते हैं। जब मनोज राजानी को बोला कि आप बात करो तो उन्होनें भैया से बात की तो पता चला कि सरपंच के पास किसी ने बुराई की थी। इस संबंध में मेरे बेटे से भी बात की तो उसने कसम खाकर बोला कि सज्जन भैया की तो कोई बात हीं नहीं की। भेरुलाल अटारिया ने कहा कि कांग्रेस नेताओं से मिलने पर भी भैया को तकलीफ होती थी। जबकि हमारे परिवार ने उनके लिए रुपए खर्च किए चुनाव जिताया उसके बावजूद उन्होनें हमारे साथ छल-कपट किया।
पार्टी फंड के लिए मांगे थे 50 लाख
जिला पंचायत अध्यक्ष बनाने में सज्जनसिंह वर्मा और कांग्रेस पार्टी का सहयोग रहा। लेकिन उनके मन में बात आने लगी कि कहीं ऐसा ना हो कि ये मेरे सामने टिकिट मांग ले। लेकिन मैं तो सज्जन भैया के अलावा किसी नेता से नहीं मिला। मैं टिकिट किससे मांगूगा। इसके साथ ही पार्टी फंड के नाम पर मुझसे 50 लाख रुपए लिए थे। हम यह पूछ रहे हैं कि पार्टी फंड के पैसे गए कहां ?
विधायक प्रतिनिधि तक नहीं बना पाए
मेरी पत्नी को आप सभी ने देखा कि आज वो ग्रामीण परिवेश से आई है सरपंच रही है उन्होनें अधिक काम नहीं किया है। आज वह सभी काम आसानी से नहीं कर पाती है। मैंने भैया से कहा कि बैठकों में इनको परेशानी आती है मैं साथ में चला जाऊं आप मुझे विधायक प्रतिनिधि बना दें। मुझे विधायक प्रतिनिधि भी बनाया नहीं गया। जबकि विधायक प्रतिनिधि एक छोटी सी बात है। मैं पुलिस विभाग से थानेदार की नौकरी छोडक़र आया हूं। सिर्फ इसलिए आया था कि मुझे सेवा करना है।
अटारिया अपने बच्चे के सिर पर हाथ रखकर कसम खा लें
आरोपों को लेकर शहर कांग्रेस अध्यक्ष मनोज राजानी ने कहा कि भेरुलाल अटारिया के द्वारा कही गई बातें असत्य और निराधार है। राजनीति का जो सिस्टम है वो अपनी जगह पर कुछ रिश्ते भी होते हैं। हम तो लीला अटारिया को अपने परिवार की बहू मानते हैं। जान से मारने व 50 लाख रुपए मांगने की बात है तो अटारिया जी अपने बच्चे के सिर पर हाथ रखकर कसम खा लें और सज्जन वर्मा अपने बच्चे के सिर पर हाथ रखकर कसम खा लेंगे। इस तरह की बातें करना राजनीति में शोभा नहीं देता। राजनीति में विचारधारा की लड़ाई है कौन किसी पार्टी में कब आता है कब जाता है इस पर कोई प्रतिबंध नहीं है। एक सरपंच से जिला पंचायत का अध्यक्ष बना दिया, उसके बाद इस तरह के आरोप लगाना यह गलत है। सर्वे में नाम आने के आधार पर ही टिकिट दिया जा रहा है। उन्होनें आष्टा से टिकिट मांगा था। साम, दाम, दंड, भेद भाजपा की निती है। जिन पवित्र उद्देश्यों को लेकर लीला अटारिया भाजपा में गई है, वह पूरी हो मेरी और से शुभकामनाएं है।

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