देवास। उत्तराखंड में देवास व शिप्रा निवासी दो युवकों की मौत के बाद गुरूवार को दोनों के शव लाए गए। देवास के युवक का शव सुबह 8 बजे जिला चिकित्सालय लाए यहां से मृतक के निवास पर ले गए वहां से अंतिम संस्कार के लिए ले जाया गया। इस दौरान परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल हो गया था। मृतक के परिजनों ने बताया कि गत 29 जून को यहां से 7 लोग धार्मिक यात्रा के लिए उत्तराखंड गए थे। वहां पर दो युवकों की पहाड़ धसने से मौत हो गई थी। जिसमें एक युवक शहर के लाला लाजपत राय मार्ग का था जिसकी अंतिम यात्रा में भारी भीड़ उमड़ी। मृतक के मामा ने बताया कि में ऋषिकेश से हमें शव सौंप दिया गया था। यहां गुरूवार सुबह हम जिला चिकित्सालय आए जहां ड्रेसिंग होने के बाद शव सौंप दिया गया, इसके बाद अंशुल का अंतिम संस्कार किया गया।

जानकारी के अनुसार गुरूवार सुबह एंबुलेंस से अंशुल व योगेंद्र के शव पहुंचे जहां अंशुल मंडलोई का देवास मुक्तिधाम व योगेंद्र सोलंकी का अंतिम संस्कार शिप्रा में किया गया। दोनों की अंतिम यात्रा में बड़ी संख्या में लोग उपस्थित हुए। परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल हो गया। सुबह दोनों के शव जिला अस्पताल लाए गए जहां से दोनों के शव अलग-अलग पहुंचा दिए गए। गौरतलब है कि गत 29 जून को दोनों अपने अन्य 5 साथियों के साथ धार्मिक यात्रा के लिए उत्तराखंड गए थे। वहां उत्तरकाशी में देवास और शिप्रा के दो युवकों की पहाड़ धसने से मौत हो गई। बताया गया है कि अचानक हुई लैंडस्लाइड से अंशुल मंडलोई देवास और योगेंद्र सोलंकी शिप्रा वाहन में अंदर ही फंस गए थे। पत्थर वाहन पर गिरने से दोनों की मौत हो गई। देवास निवासी अंशुल मंडलोई का परिवार मूल रूप से तराना जिला उज्जैन का है। करीब 15 साल पहले देवास में आकर बसे। पिता टेलरिंग का काम करते हैं। घर में छोटी बहन और माता-पिता है। अंशुल मंडलोई इकलौता लडक़ा था। वह आयकर विभाग का कार्य करता था। योगेंद्र भी घर का इकलौता लडक़ा था। परिवार में माता-पिता और बहन के अलावा पत्नी है। करीब एक-डेढ़ साल पहले ही उसकी शादी हुई है। योगेंद्र देवास के अमलतास अस्पताल में लैब टैक्नीशियन का काम करता था।

मृतक के मामा महेश ने बताया कि हम लोगों को जैसे ही सूचना मिली हम यहां से उत्तराखंड के लिए निकल गए थे। सूचना देने वालों से हम संपर्क में थे उन्होनें हमें ऋषिकेश से अंशुल का शव पोस्टमार्टम कर सौंप दिया था। गुरूवार सुबह हम लोग देवास पहुंचे शव से रक्त अधिक बहने पर जिला चिकित्सालय में उसके कपड़े बदले थे।