जनसुनवाई में पहुंची महिला 8 प्लॉटों की समस्या लेकर कलेक्टर को दिया आवेदन
कलेक्टर साहब के व्यवहार व उनके समस्या सुनने के अंदाज से बहुत प्रभावित हुं : श्रीमती रेखा जैन
महिला के प्लॉटों की समस्या को लेकर विस्तृत जांच करने के लिए दल गठित किया गया है : कलेक्टर

देवास। प्रति मंगलवार को आयोजित होने वाली जनसुनवाई में शहर के साथ जिले से भी आवेदक अपनी समस्या को लेकर आते हैं। कुछ लोगों की समस्या का निराकरण कलेक्टर त्वरित कर देते हैं तो कुछ समस्याएं ऐसी होती है जिनकी विभागीय जांच कर समस्या का निराकरण किया जाता है। ऐसी ही समस्या से जूझते हुए एक महिला जिसके 8 प्लॉट नाले में आ गए वह जनसुनवाई में कलेक्टर कार्यालय आई जहां उसने आवेदन देकर मांग की है कि उसके प्लॉटों का सीमांकन कराकर उसे प्लॉट दिए जाए। महिला ने कहा कि कलेक्टर साहब के व्यवहार व उनके समस्या सुनने के अंदाज से बहुत प्रभावित हुं। इसलिए उनके समक्ष अपनी समस्या बताई है।
जिले भर से विभिन्न समस्याओं को लेकर आवेदक जनसुनवाई में आते हैं। पिछले कुछ वर्षों से नई दिल्ली में निवासरत महिला रेखा जैन अपने 8 प्लॉटों की समस्या को लेकर जनसुवाई में आ रही है। उनका कहना है कि उनके प्लॉटों पर अवैध रूप से नाले का निर्माण कर दिया गया है। उनके 8 प्लॉटों का लगभग 5 बार सीमांकन किया जा चुका है। मंगलवार को कलेक्टर ऋषव गुप्ता से उन्होनें अपने 8 प्लॉटों को लेकर चर्चा कर उन्हें दस्तावेज भी बताए थे। उन्होनें कहा कि कलेक्टर साहब के व्यवहार व उनके समस्या सुनने के अंदाज से बहुत प्रभावित हुं। इसलिए उनके समक्ष अपनी समस्या बताई है।


मैं इन प्लॉटों पर निर्माण करना चाहती हूं……
आवेदिका श्रीमती रेखा जैन ने बताया कि मेरी शिकायत 2018-19 से चल रही है उन्होनें बताया कि उनके 8 निजी प्लॉट एबी रोड़ पर है जो वर्ष 1984-85 के दरमियान टीएनसी से पास एनओसी प्राप्त हैं। प्लाटों का नामांतरण भी है जिनका संपत्तीकर समय-समय पर जमा करती हूं। दो वर्षों के भीतर भूमाफियाओं के साथ मिलकर लक्ष्मण नगर अवैध कॉलोनी को वैध बनाने के चक्कर में पीछे के प्लॉट वालों का नाला मेरी जमीन पर बना दिया और उनका विचार था कि उसको आगे जाने का फूटपाथ बनाकर मैन रोड़ पर करने की प्रक्रिया की गई। उन लोगों का मानना था कि मुझे कुछ पैसा दे देंगे, लेकिन मुझे पैसा नहीं चाहिए ये मेरे पिताजी के पैसों से खरीदे हुए प्लॉट हैं। मैं इन प्लॉटों पर निर्माण करना चाहती हूं। मेरे इन प्लॉटों पर 5 बार सीमांकन हुआ है सभी बार मेरे प्लॉट निकाले और नाले को दूसरी जगह बताया है। एक नजूल से सीमांकन कस्बा नंबर 8 से किया गया उस पर नाला 702 नंबर पर ही बना दिया गया। जबकि नंबर 702 का सीमांकन ही नहीं किया गया। इसके बाद एसडीएम ने 2 वर्षों से शिकायतों पर कोई गौर नहीं किया। लक्ष्मण नगर के लोगों ने नाले पर किया है जब तक वह नहीं हटेगा नाला पीछे कैसे जाएगा। पीछे लक्ष्मण नगर के लोगों से एसडीएम सहित अन्य अधिकारी बहुत ज्यादा प्रभावित है वे कार्रवाई करना नहीं चाहते। उन्होनें नगर निगम के उपयंत्रियों पर आरोप लगाते हुए कहा कि उन्होनें ही इस कॉलोनी को वैध किया है। मेरे आठों प्लॉट पर नाला है केवल 2 प्लॉट बच रहे हैं लेकिन उन्हें मैं बना नहीं सकती क्योंकि नाले का बहवा ही इतना है कि मेरे प्लाटों को काट देता है। कलेक्टर साहब ने मेरे दस्तावेज देखें हैं उन्हें तसल्ली हुई है। उन्होनें कहा कि पुराने सभी सीमांकन मुझे दो मैंने उन्हें सीमांकन के दस्तावेज उपलब्ध कराएं है। मेरी आय का कोई स्त्रोत नहीं है फिर भी मैं खर्चा कर उन्हें दस्तावेज उपलब्ध करा रही हूं।
इनका कहना :
नई दिल्ली से महिला रेखा जैन आई थी उनके द्वारा यह बताया गया है कि पूर्व मैं कुछ प्लॉट लिए गए थे। लेकिन वर्तमान में यहां पर नाला कट गया है या किसी और का कब्जा है। प्रथम दृष्टया यह प्रतीत होता है कि वहां पर पूर्व में नाला था। शायद गलत तरीके से उन्हें नाले पर प्लॉट दे दिए गए हंै। इस मामले में और विस्तृत जांच करने के लिए एक दल गठित किया गया है। प्रोवशनल प्रतीक राव की अध्यक्षता में ये दल गठित किया है, जिसमें सुभाष मोरे के साथ नगर निगम के कर्मचारियों को भी रखा गया है। दल की जैसे ही रिपोर्ट आएगी उसके आधार पर आगामी कार्रवाई की जाएगी।
जिला कलेक्टर, ऋषव गुप्ता

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