भूमि डायवर्शन के बदले एसडीएम रीडर ने मांगी थी 28 हजार रूपए की रिश्वत
न्यायालय ने एसडीएम रीडर को दिया 4 वर्ष का कारवास व 10 हजार रूपए अर्थदंड की सजा

देवास। भूमि डायवर्शन के मामले मेंं रिश्वत लेते हुए करीब साढ़े छह साल पूर्व लोकायुक्त उज्जैन टीम द्वारा पकड़े गए देवास एसडीएम के रीडर को दोषी पाते हुए न्यायालय ने 4 साल के कारावास की सजा सुनाई है। इसके साथ ही 10 हजार रुपए का अर्थदंड किया गया है।
प्रभारी उपसंचालक अभियोजन व जिला लोक अभियोजन अधिकारी राजेंद्रसिंह भदौरिया ने बताया फरियादी धर्मेंद्र चौधरी निवासी ग्राम सिरोल्या ने उज्जैन लोकायुक्त से जुलाई 2016 में शिकायत की थी कि ग्राम सिरोल्या में सर्वे क्रमांक 746/1/2 में कुल रकबा 0.253 हेक्टेयर है, जो उसके व उसके बड़े भाई के नाम से कृषि भूमि है। इस भूमि पर वे दोनों भाई पशुपालन व दूध डेयरी का कार्य करना चाहते थे, भूमि के डायवर्शन के लिए एसडीएम कार्यालय देवास में आवेदन दिया गया था, इसके बदले आरोपी रीडर रमेशचंद्र चौहान द्वारा 28 हजार रुपए की मांग की गई थी। इसके बाद लोकायुक्त टीम ने एसडीएम के रीडर को रंगे हाथ पकड़ा था।
जांच के बाद अभियोग पत्र न्यायालय में प्रस्तुत किया गया था। सुनवाई करते हुए प्रथम अपर सत्र न्यायाधीश ने आरोपी रीडर को दोषी पाते हुए भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम में 4 साल के सश्रम कारावास की सजा सुनाई। इसके साथ ही 10 हजार रुपए के अर्थदंड से भी दंडित किया। अभियोजन की ओर से पैरवी सहायक जिला लोक अभियोजन अधिकारी (विशेष लोक अभियोजक) अलका राणा द्वारा की गई तथा विशेष पुलिस स्थापना उज्जैन के आरक्षक उमेश कुमार एवं कोर्ट मोहर्रिर आरक्षक शंकर पटेल का विशेष सहयोग रहा।
गौरतलब है कि जिले में शासकीय कर्मचारियों द्वारा रिश्वत लेने व रंगे हाथ पकड़े जाने का लंबा इतिहास रहा है। देवास सहित सोनकच्छ, हाटपीपल्या व अन्य जगहों पर लोकायुक्त व आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ की कार्रवाई हुई थी। ताजा मामले में नगर परिषद सतवास, लोहारदा व कांटाफोड़ में पीएम आवास में 6 करोड़ से अधिक के घपले में लोकायुक्त ने तीन एफआईआर दर्ज की है। आरोपियों में नप अध्यक्षों सहित 20 से अधिक सीएमओ, दो नायब तहसीलदार व अन्य कर्मचारी शामिल हैं।

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