मैं चल नहीं सकती, मुझे मेरे पांव पर खड़ा होना है…………! महिला का आरोप : डिलीवरी के दौरान डॉक्टर ने लगाया गलत इंजेक्शन जनसुनवाई में मदद के लिए पहुंची महिला ने किया जमकर हंगामा

देवास। जनसुनवाई में मंगलवार को एक महिला अपने पति के साथ पहुंची और जमकर कलेक्टर कक्ष में हंगामा करते हुए चिल्लाने लगी। महिला का आरोप है कि पांच वर्ष पहले डिलीवरी के दौरान जिला अस्पताल में डॉक्टरों ने उसे गलत इंजेक्शन लगा दिए जिसके कारण उसके कमर के नीचे का हिस्सा सुन्न हो गया और वह चल नहीं सकती है। जिसके कारण उसे काफी परेशान होना पड़ता है। नाराज महिला को अस्पताल पहुंचाने के लिए अधिकारियों ने कहा लेकिन वह उनकी कोई बात नहीं सुन रही थी। उसके बाद कोतवाली थाने से महिला पुलिसकर्मी की टीम कलेक्टर कार्यालय जनसुनवाई में पहुंची और महिला को उठाकर एंबुलेंस से अस्पताल पहुंचाया। गौरतलब है कि डिलीवरी के बाद से ही महिला परेशान है और पहले भी जनसुनवाई में गुहार लगा चुकी है।


जनसुनवाई के दौरान मंगलवार को एक व्यक्ति अरूण ने जहरीला पदार्थ खाकर आत्महत्या करने की कोशिश की वहीं एक महिला गिरजा कुमावत जो डिलीवरी के बाद से काफी परेशान है वह उसके पति, बच्चों के साथ जनसुनवाई में पहुंची। महिला का आरोप था उसकी डिलीवरी के दौरान डॉक्टर ने उसे गलत इंजेक्शन लगा दिए जिसके कारण उसके कमर के नीचे का हिस्सा सुन्न हो गया और वह चल नहीं सकती है। उसने जनसुनवाई में आकर कलेक्टर के सामने हंगामा कर दिया। जनसुनवाई कक्ष से बाहर ले जाते समय महिला पुलिस बल उसे बाहर कुर्सी पर बैठाकर लाए जहां उसने महिला पुलिकर्मी के हाथ में काटने का प्रयास भी किया था। महिला पुलिस बल ने उसे एंबुलेंस में बैठाकर जिला चिकित्सालय उपचार के लिए भेजा। महिला चल नहीं सकती वह कलेक्टर परिसर में जमीन पर बैठ गई अधिकारियों ने उसे अस्पताल ले जाने के लिए कहा लेकिन वह नहीं मानी और नाराजगी जताते हुए कहा कि उसका पहले भी जिला चिकित्सालय में उपचार किया गया लेकिन कुछ दिनों के बाद वहां पर कोई ध्यान नहीं देता है। जिसके बाद वहां से भेज दिया जाता है।


मुझे मेरे पांव पर खड़ा होना है
महिला ने आरोप लगाते हुए बताया कि 5 वर्ष पूर्व मेरा ऑपेरशन जिला चिकित्सालय में हुआ था। उस दौरान सुन्न करने के लिए डॉक्टर एमके जोशी और साधना वर्मा ने कमर में इंजेक्शन लगाया था उसके बाद से ना तो मैं चल पा रही हूं ना ही खुद बैठ पाती हूं। तब से बहुत परेशान हूं। पहले भी उपचार के लिए एमवाय अस्पताल इंदौर भेजा था, लेकिन वहां से मुझे वापस भेज दिया। मुझे मेरे पांव पर खड़ा होना है मेरा उपचार होना चाहिए। मंगलवार को जनसुनवाई में आई तो मुझे बाहर कर कह दिया गया कि जिला चिकित्सालय के पास आर्युेवेदिक में पहुुंचा दें।


जिला चिकित्सालय में होगा उपचार
मामले में सीएमएचओ डॉ.एमपी शर्मा ने बताया कि एक महिला जनसुनवाई में अपनी स्वास्थ्य के बारे शिकायत लेकर आई थी। आज से चार से पांच वर्ष पहले डिलीवरी का केस हुआ था उस समय पैराफेरिया हो गया था। जो एक न्यूरोलाजिकल डिसिज होती है। इसके लिए यहां के डॉक्टर ने जब देखा तो उसे उस दौरान एमवाय अस्पताल न्यूरोसर्जन के पास भेजा गया। वहां इसका उपचार किया गया और दवाई दी गई। उक्त बीमारी का रिकवर काफी धीरे-धीरे होता है। लंबे समय तक ट्रीटमेंट लेना पड़ता है। इस तरह से आज महिला आई थी। हमारे द्वारा अभी उसे एमजी अस्पताल में भर्ती कराया गया है और यह कहा गया है कि आपके लिए हम एक फिजियोथेरिपिस्ट को रखते है। जो फिजियोथेरिपी करेगा। निशुल्क उपचार होगा। इनको खाना निशुल्क मिलेगा। इस महिला के मामले में कलेक्टर साहब के निर्देश पर पहले भी एक कमेटी बनाई गई थी। मामले में विधिवत जांच हुई है। इसमें डॉक्टर की कोई कमी नहीं पाई गई है न ही इसमें कोई दोषी पाया गया है।  

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Translate »