जिला अस्पताल के एनआईसीयू में 38 दिन उपचार से स्वस्थ हुई 990 ग्राम की बच्ची
वार्ड में एक माह ऑक्सीजन पर रखकर किया उपचार

देवास। जिले के ग्राम सिया निवासी श्रीमती आशा पति संजू की सात माह से कम समय (27 सप्ताह) में प्रीमिच्योर डिलेवरी सिजर द्वारा जिले के प्रायवेट अस्पताल में 7 नवम्बर को हुई। प्रीमिच्योर बेबी होने के कारण परिजनो ने जिला अस्पताल के एन.आई.सी.यू. (नवजात गहन देखभाल इकाई) में भर्ती कराया। जिला अस्पताल में एनआईसीयू में 38 दिन उपचार के पश्चात बालिका के स्वस्थ होने पर डिस्चार्ज किया गया।


जिला चिकित्सालय में नवजात गहन देखभाल इकाई में बीमार या समय से पहले नवजात शिशुओं की देखभाल की जाती है। नवजात के जीवन के पहले 28 दिनों को बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है। जिला अस्पताल में गर्भवती महिलाओ के प्रसव उपरांत नवजात की जॉच की जाती है। प्रीमिच्योर बेबी, कमजोर या किसी अन्य प्रकार की समस्या, होने पर नवजात को तुरन्त एन.आई.सी.यू. मे भर्ती कर उचित उपचार दिया जाता है।


एनआईसीयू इंचार्ज डॉ वैशाली निगम ने बताया कि समय से पूर्व जन्मी बालिका को प्रायवेट अस्पताल से परिजनों ने जिला अस्पताल देवास के एन.आई.सी.यू. में 7 नम्बर को भर्ती कराया गया। जन्म के समय बेबी का वजन 990 ग्राम था। प्रीमिच्योर बेबी होने के कारण बच्ची में अनेक काम्पलिकेशन रहे। सब काम्पलिकेशन के साथ एक माह तक ऑक्सीजन पर रखकर जॉच व उपचार किया गया। 38 दिन उपचार करने पर बालिका का वजन 01 किलो 120 ग्राम हो गया और पूर्णत: स्वस्थ्य होने पर डिस्चार्ज किया गया। बच्ची का निरन्तर समय-समय पर फॉलोअप किया जायेगा।

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