दोपहिया वाहन के क्लच ऐक्सीलेटर वायर का फंदा बनाकर मादा तेंदुए का शिकार कर की थी हत्या
तीन आरोपियों को न्यायालय ने दिया 3-3 वर्ष का कारावास व 50-50 हजार रूपए का अर्थदंड

देवास। जिले के दौलतपुर क्षेत्र के समीप तालोद के कक्ष क्रमांक 55 के समीप खेत के पास वन क्षेत्र में 15 फरवरी 2020 को दोपहिया वाहन का क्लच वायर पेड़ से लगाकर किसी अज्ञात व्यक्ति ने शिकार करने के उद्देश्य से लगाया जिसमें एक मादा तेंदुआ फंस गया, जिसमें उसका दम घुटने से उसकी मौत हो गई थी। मामले को लेकर वन विभाग ने तीन आरोपियों को पकड़ा था। उनके पास से जंगल में बनी झोपड़ी से वन्यप्राणी को पकडऩे के कुछ फंदे और वन्यप्राणी के बालो का गुच्छा भी जब्त किया था। प्रकरण न्यायालय में विचाराधीन था। इस प्रकरण के चलते शुक्रवार को मुख्य न्यायिक मजिस्टे्रट ने निर्णय पारित करते हुए तीन आरोपियों को 3-3 वर्ष के कारवास के साथ 50-50 हजार रूपए अर्थदंड से भी दंडित किया है।


प्रभारी उप संचालक अभियोजन/जिला लोक अभियोजन अधिकारी राजेन्द्र सिंह भदौरिया द्वारा बताया गया कि अभियोजन का मामला संक्षेप में इस प्रकार है कि दिनांक 15 फरवरी 2020 को प्राप्त सूचना बीट गार्ड तालोद के अनुसार वन परिक्षेत्र देवास की बीट तालोद के कक्ष क्रमांक आर.एफ.54 राजस्व सीमा से लगे नारायण सिंह के खेत की सीमा पर पहुंचे मौके पर एक मादा तेन्दुआ मृत अवस्था में मोटर साईकिल के क्लच ऐक्सीलेटर वायर से बंधी हुई पाई गई। मौके पर जीआई तार से लकडी से तार बांधकर फंदा बना हुआ था जो मृत तेन्दुए के गले में फंसा हुआ तथा गले में कसाव होने के कारण मादा तेंदुए की मौत हो गई थी। जिस पर से रेन्ज केस क्रमांक 04/20 अन्तर्गत धारा 2-9-5 सहपठित धारा 51 वन्यप्राणी संरक्षण अधिनियम 1972 के तहत अभियुक्तगण के विरूद्ध मामला दर्ज किया गया तथा अन्य आवश्यक अनुसंधान पूर्ण कर अभियोग पत्र न्यायालय के समक्ष पेश किया गया। मुख्य न्यायिक मजिस्टे्रट (समक्ष: श्री शिव कुमार कौशल) द्वारा निर्णय पारित करते हुये आरोपीगण क्रमश: देवकरण पिता रायसिंह, मंगू निहाल पिता हीराजी निहाल एवं कृपाल पिता पदम निवासीगण ग्राम तालोद तहसील सोनकच्छ जिला देवास को धारा 51 वन्य प्राणी संरक्षण अधिनियम के अपराध में दोषी पाते हुये प्रत्येक अभियुक्त को 3-3 वर्ष के सश्रम कारावास व 50-50 हजार रूपये के अर्थदण्ड से दण्डित किया गया। उक्त प्रकरण में शासन की ओर से अभियोजन का सफल संचालन रईस शेख, सहायक जिला अभियोजन अधिकारी द्वारा किया गया तथा कोर्ट मोहर्रिर आरक्षक यशवंत तथा आरक्षक नर्मदाप्रसाद का विशेष सहयोग रहा।

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