देवास। जिले की कन्नौद थाना पुलिस ने 4 साल से अधिक समय पहले हुए एक अंधे हत्याकांड का खुलासा किया है। मामले मेंं दो आरोपियों को पकड़ लिया है आरोपियों ने करंट का तार लगाकर जान ली थी।
पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार सितंबर 2018 में लापता हुए 25 साल के युवक की हड्डियां गत वर्ष 2 जनवरी को देवसिराल्या के जंगल में एक कुएं में मिली थी। उस दौरान पुलिस ने धारा 174 के तहत प्रकरण पंजीबद्ध किया था। अज्ञात मृतक की पहचान कंकाल के पास मिले फोटो के आधार पर विजेश पिता पुनिया गोंड निवासी ग्राम किटिया के रूप में हुई थी जो सितंबर 2018 में लापता था। इस मामले में मृतक के भाई बृजमोहन पिता पुनिया ने 30 सितंबर 2018 को कन्नौद थाने पर गुमशुदगी दर्ज कराई थी। मर्ग जांच पर से अज्ञात आरोपियों के विरुद्ध कन्नौद थाने पर धारा 302, 201 के तहत प्रकरण पंजीबद्ध किया था। अंधे कत्ल में आरोपी की धरपकड़ के लिए पुलिस अधीक्षक डॉ. शिवदायल सिंह के निर्देशन व अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक सूर्यकांत शर्मा व एसडीओपी श्रीमति ज्योति उमठ के मार्गदर्शन में टीम गठित कि गई थी।
अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक कन्नौद सूर्यकांत शर्मा ने बताया मामले में अज्ञात आरोपी के खिलाफ हत्या का प्रकरण दर्ज कर जांच की जा रही थी इसी दौरान मुखबिरों से पता चला कि ग्राम किटिया में नदी के किनारे कुछ शिकारी लोहे के तार में करंट फैलाकर जंगली सूअर का शिकार करते हैं। इनकी सक्रियता क्षेत्र में बनी रहती है। खेत की रखवाली करने जाते समय विजेश विद्युत तार की चपेट में आकर मर गया था, इसके बाद आरोपियों ने उसके शव को कंबल में लपेटकर पत्थर बांधकर कुएं में फेंक दिया था जो करीब सवा 2 साल के बाद जनवरी 2021 में हड्डी के रूप में मिला था। एसडीओपी कन्नौद ज्योति उमठ ने बताया जांच के दौरान संदिग्ध आरोपी लालू बारेला निवासी ग्राम भिलाई व रामेश्वर बारेला निवासी बड़ाखेत कोलारी को गिरफ्तार किया गया। आरोपियों ने पूछताछ में अपराध करना स्वीकार किया। दोनों को गिरफ्तार करते हुए घटना में प्रयुक्त बिजली के तार आदि जब्त कर लिए गए हैं। आरोपी लालू व रामेश्वर को जेएमएफसी न्यायालय कन्नौद के समक्ष प्रस्तुत किया जावेगा। इस तरह कन्नौद पुलिस ने 4 साल पुराने अंधे कत्ल का पर्दाफाश किया।
इनका रहा सराहनीय कार्य
कार्रवाई में कन्नौद थाना प्रभारी शिवमूरत यादव, एसआई राहुल रावत, एएसआई निसार खान, प्रधानारक्षक मोहनसिंह चौहान, आरक्षक बालकृष्ण छापे, राजकुमार, जितेंद्र, योगेंद्र का सराहनीय कार्य रहा।