देवास। हमेशा सुर्खियों में रहने वाले जिला चिकित्सालय की हालत में कोई सुधार नहीं हो रहा है। जबकि चिकित्सालय का कायाकल्प जिला प्रशासन ने किया है। चिकित्सालय की बिल्डिंग का कायाकल्प हो गया, किंतु अस्पताल के स्टॉफ का कायाकल्प नहीं हुआ। यहां आए दिन किसी ना किसी बात को लेकर शिकायत मिलती रहती है। यहां आए दिन मरीजों के साथ आने वाले परिजनों से रूपए की मांग की जाती है। खासतौर पर प्रसूती वार्ड में प्रसूता के परिजनों ने रूपयों की मांग की शिकायत आए दिन की जाती है। इसके बावजूद इस और संबंधित विभाग कोई ध्यान नहीं दे रहा है। सोमवार को जिला अस्पताल में लक्ष्य कार्यक्रम के तहत एक दो महिला सदस्यों की टीम दिल्ली से पहुंची थी। जो मेटरनिटी वार्ड में प्रसूताओं के बारे में जानकारी जुटा रही थी वहीं दूसरी और मेटरनिटी वार्ड के बाहर प्रसूता के साथ आए परिजनों ने हंगामा कर दिया और जिला अस्पताल के स्टॉफ पर उपचार में लापरवाही और रुपए लेने के आरोप लगाए।
प्रसूता के परिजनों ने बताया कि जिला चिकित्सालय में पिछले दिनों 10 नवंबर को हिना पति तोसिफ शेख उम्र 30 निवासी खारीबावड़ी को डिलीवरी के लिए भर्ती किया था। प्रसूता ने एक बालिका को जन्म दिया था। प्रसूता के परिजनों ने सोमवार दोपहर में अस्पताल के मेटरनिटी ओटी/लेबर रूम के बाहर जमकर हंगामा किया और वहां के स्टॉफ पर लापरवाही के आरोप लगाए। प्रसूता के परिजनों का कहना था कि डिलीवरी होने के बाद स्टॉफ ने हमसे 2 हजार रुपए की मांग की थी लेकिन हमने रुपए नहीं दिए तो यहां के स्टॉफ द्वारा प्रसूता का सही उपचार नहीं किया और न टांके लगाए न ही कोई साफ-सफाई की। जब प्रसूता को तकलीफ हुई तो उसके परिजन आक्रोशित हो गए और अस्पताल में जमकर स्टॉफ को खरीखोटी सुनाई।
इनका कहना :
अभी ऐसी जानकारी मेरे संज्ञान में नहीं आई है, अगर ऐसा कुछ है तो मैं अभी आरएमओ से या सिविल सर्जन से पूछता हूं कि किससे पैसों की मांग की गई है।
सीएमएचओ, डॉ एमपी शर्मा